शिक्षण तथा शोध गुणवत्ता को उत्कृष्ठता प्रदान करने में सहयोग दे शिक्षक: प्रो0 सुधीर कुमार जैन
संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के शिक्षकों से कुलपति प्रो0 जैन ने किया विचार-विमर्श
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुधीर कुमार जैन ने आज अपराह्न संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श करते हुए कहा कि शिक्षक शिक्षण एवं अनुसंधान की गुणवत्ता को उत्कृष्ठता प्रदान करने में सहयोग दे। उन्होंने कहा कि संकाय के सकारात्मक विकास में धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। कुलपति प्रो0 जैन ने कहा कि पठन-पाठन में विद्यार्थियों को किसी प्रकार की कठिनाई न आने पाये, छात्र-छात्राओं का उत्थान ही विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता है, उन्होंने कहा कि पूरे देश मे संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय का कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है, अर्थात मालवीय जी के सपनों के अनुरूप स्थापित किया गया, इस प्रकार का अनूठा संकाय कहीं नहीं है।
शिक्षक अनुसंधान के जरिए ऐसे माड्यूल विकसित करें जो विश्वस्तर पर ख्याति अर्जित करें और लोग उसके प्रति आकर्षित हो और यहां के विद्यार्थी समूचे विश्व में अपना नाम रोशन करें। शिक्षकों द्वारा संकाय में साइबर लाइब्रेरी स्थापित करने के साथ रूईया छात्रावास में लगभग 100 कमरे बनवाने सम्बन्धी सुझाव दिया जिसे कुलपति जी ने जरूरी कदम बताते हुए इस दिशा में विचार करने का आश्वासन दिया। कुलपति जी ने कहा कि संकाय में उपलब्ध संसाधनों जैसे कम्प्यूटर एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों की क्षमता का पूर्णरूप से उपयोग होना चाहिए।
कुछ शिक्षकों द्वारा दिये गये सुझाव पर कुलपति जी ने कहा कि वित्त अनुभाग द्वारा अपनी कार्यशैली में तत्परता बरती जायेगी, अब किसी परीक्षक का टीए बिल में विलम्ब नहीं होगा। संकाय के धरोहर भवन की दीवालों में होने वाली दीमक की समस्या का निदान कराने का भी कुलपति जी ने आश्वासन दिया। प्रो0 जैन ने कहा कि यदि प्रशासन स्तर पर किसी प्रकार की निष्क्रियता महसूस की जाती है तो शिक्षक तत्काल कुलपति कार्यालय को उन बिन्दुओं से अवगत कराएं। ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष ने कहा कि संकाय में वेधशाला होनी चाहिए जिससे विद्यार्थी और बेहतर अनुसंधान कार्य सुचारू रूप से कर सकेंगे। प्रो0 विनय कुमार पाण्डेय ने कहा कि संकाय की शोध पत्रिका के प्रकाशन में धनराशि की वृद्धि होनी चाहिए।
प्रो0 शत्रुघ्न त्रिपाठी ने रूइया छात्रावास की व्यवस्था के सम्बन्ध में जानकारी दी, प्रो0 पतंजलि मिश्रा, प्रो0 कौशलेन्द्र पाण्डेय, प्रो0 उपेन्द्र त्रिपाठी, डॉ0 आनन्द जैन, प्रो0 अशोक जैन, प्रो0 व्रजभूषण ओझा, प्रो0 माधव जनार्दन, रटाटे, आचार्य भक्ति पुत्र रोहतम, डॉ0 धनन्जय पाण्डेय, डॉ0 शंकर मिश्रा आदि ने संकाय के उत्थान में अपने सुझाव दिये।
संकाय प्रमुख प्रो0 कमलेश झा ने बताया कि यहाँ 8 विभागों में 60 विद्वान शिक्षक, कार्यरत हैं तथा छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़कर 1500 पहुंच गई है, जिसमें 70 छात्राएं हैं। बैठक के आरम्भ में संकाय प्रमुख ने अंगवस्त्रम एवं माल्यार्पण कर कुलपति का स्वागत किया। कुलपति जी ने कहा कि संकाय में स्थापित स्मार्ट क्लास रूम के साथ यहाँ लगे कम्प्यूटर्स का बेहतर रखरखाव एवं सदुपयोग होना चाहिए। इसके लिए संकाय स्तर पर शिक्षकों की एक कमेटी बनाई जानी चाहिए जो यहां उपलब्ध संसाधनों का मूल्यांकन कर उनके बेहतर रखरखाव की व्यवस्था बनाएं। कुलपति ने कहा कि संकाय के शिक्षण व अनुसंधान कार्य के विकास में हर सम्भव सहयोग दिया जायेगा।