अयोध्या दीपोत्सव 2022 में 15 लाख 76 हजार दीपों का प्रज्जवलन कर बना वल्र्ड रिकार्ड
रामो विग्रहवान धर्मः अर्थात् राम ही धर्म है राम ही कर्तव्य है-प्रधानमंत्री
अवधपुरी मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिसि बह सरजू पावनि-मुख्यमंत्री
अयोध्या : देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अयोध्या की धरती पर दीपोत्सव के उपलक्ष्य पर आगमन हुआ। प्रधानमंत्री जी का साकेत महाविद्यालय में स्थापित हेलीपैड पर उतरने पर उनका स्वागत प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल एवं प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, स्थानीय सांसद लल्लू सिंह के अतिरिक्त केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार के अधिकारी जिसमें मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा, पुलिस उपमहानिरीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी नितीश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशान्त वर्मा एवं श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ किया गया। आगमन के बाद सीधे श्रीराम लला विराजमान मंदिर गये जहां पर पूजन अर्चन किया।
इसके उपरांत मंदिर निर्माण स्थल का गहनता से अवलोकन किया। उक्त अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय, कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द देवगिरि एवं अन्य मंदिर निर्माण से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त श्रीराम मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र एवं एल0एण्ड0टी0 तथा टाटा कन्सलटेंसी के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। एल0एण्ड0टी0 के प्रतिनिधि राजेश मेहता द्वारा मंदिर के निर्माण की बिन्दुवार सामान्य एवं तकनीकी जानकारी दी गयी। इस अवसर पर श्री राज्यपाल महोदया एवं मा0 मुख्यमंत्री जी भी साथ रहे। इस कार्यक्रम के पश्चात मा0 प्रधानमंत्री जी सीधे रामकथा पार्क गये जहां पर दीपोत्सव के अवसर पर उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
उक्त अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री एवं प्रदेश डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी को मा0 प्रधानमंत्री जी ने प्रणाम किया एवं पूज्य गणमान्य साधु संतों का आर्शीवाद प्राप्त किया। उक्त अवसर पर मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक रामचन्द्र यादव, विधायक डा0 अमित सिंह सहित सत्ताधारी पार्टी के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मा0 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अयोध्या में उमड़े पूज्यनीय साधु-संतों को नमन करने के साथ ही दीपोत्सव को नई ऊर्जा देते हुए उसका शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर सभी रामभक्तों को पुनः बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बार दिवाली कुछ ऐसे समय पर आई है जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
उन्होंने कहा, रामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक, ये सौभाग्य रामजी की कृपा से ही मिलता है। भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं। भगवान राम, मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं, मर्यादा, मान रखना भी और मान देना भी सिखाती है और मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है। उन्होंने कहा कि लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है। इन पंच प्रांणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य। आज अयोध्या नगरी में, दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है, श्रीराम से सीखना है।