उदयपुर हत्याकांड: कन्हैया लाल के पुत्र ने कहा- पिता के हत्यारों का हो एनकाउंटर या दी जाय फांसी
राजस्थान के उदयपुर में हुए टेलर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बाद पुलिस काफी सतर्क हो गई है, कानून व्यवस्था बनाए रखने धारा-144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि उदयपुर घटना का वीडियो वायरल करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मृतक कन्हैया लाल के पुत्र ने भी अपने पिता के लिए इंसाफ की मांग की है। उनका कहना है कि हत्यारों का एनकाउंटर हो या दी जाय फांसी, उन्हे भी डर पैदा करने की जरूरत है।
उदयपुर में खौफनाक वारदात की पूरी कहानी
भीमा कस्बे के रहने वाले 40 वर्षीय कन्हैयालाल पेशे से दर्जी थे। वह उदयपुर में दुकान चलाते थे। मंगलवार को वह कन्हैयालाल जब अपनी दुकान में थे तभी दोपहर करीब ढाई बजे दो लोग वहां पहुंचे और उनसे कपड़े सिलवाने के लिए माप लेने को कहा। कन्हैयालाल एक शख्स की माप लेने लगे। तभी उस शख्स ने कन्हैयाला को दोनों हाथों से पकड़ लिया। जब तक कन्हैयालाल कुछ समझ पाते तब तक बदमाशों ने उन पर कई बार खंजर से हमला कर दिया, जिससे उनकी तत्काल मौत हो गई। दोनों आरोपियों में एक ने कन्हैयालाल पर खंजर से वार किया दूसरा पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाता रहा। कन्हैयालाल की हत्या करने के बाद दोनों आरोपी अपने घर आए और दोबारा से वीडियो बनाकर हत्या की जिम्मेदारी ली।
दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद आरोपी बाइक से राजसमंद की ओर भाग निकले।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमारिया ने बताया कि 10 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि उन्होंने मोहम्मद साहब पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को आगे प्रचारित किया। मुकदमा दर्ज किया और कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया गया। 10 मई को मुकदमा दर्ज हुआ, उसी दिन कन्हैयालाल की गिरफ्तारी हुई जिसके बाद कोर्ट में पेशी के तुरंत बाद इसकी बेल हो गई थी। बेल पर बाहर आने के बाद कन्हैयालाल ने 15 जून को थाने में एक लिखित शिकायत देते हैं कि मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही है। इसलिए मुझे सुरक्षा दी जाए। तत्काल SHO ने उन लोगों को थाने में बुला लिया जिनपर कन्हैयालाल ने धमकाने के आरोप लगाए थे। इसके बाद SHO की मौजूदगी में दोनों ही समुदाय के 5-7 जिम्मेदार लोगों को बुलाया जाता है। दोनों समुदाय के जिम्मेदार लोगों की मौजूदगी में समझौता करा दिया गया था। इस वजह से उस शिकायत पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिजनों का आरोप है कि लगातार धमकियों से परेशान कन्हैयालाल ने कई दिन से अपनी दुकान नहीं खोली थी।
उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या अचानक नहीं हुई, बल्कि उसे कई दिनों से धमकियां मिल रही थीं। उसने पुलिस को धमकी मिलने की शिकायत करते हुए सुरक्षा की भी मांग की थी। इससे पहले उसे गिरफ्तार भी किया गया।राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को दोपहर बाद हुई घटना ने पूरे देश तो स्तब्ध कर दिया है। पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर पिछले दिनों आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा के समर्थन में गलती से हुए एक पोस्ट की वजह से कट्टरपंथियों ने टेलर कन्हैयालाल का गला रेत दिया।कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान में घुसे आरोपियों ने पूरी घटना को कैमरे में भी कैद किया और दो वीडियो जारी करते हुए पीएम मोदी को भी मारने की धमकी दी।
एनआईए करेगी मामले की जांच
उदयपुर की घटना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है, आगे की जांच एनआईए करेगी जिसमें राजस्थान एटीएस पूरा सहयोग करेगा.
राजस्थान के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमारिया ने बताया कि कन्हैयालाल के पोस्ट से आहत कुछ लोगों ने उदयपुर में पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने 10 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, कोर्ट में पेशी के बाद कन्हैया को जमानत मिल गई।
यह मामूली घटना नहीं, आतंकवाद है- वसुंधरा
कन्हैया लाल हत्याकांड पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि ये मामूली घटना नहीं है, ये एक तरह से आतंकवाद है. इसकी जितनी भर्त्सना करेंगे वो कम ही रहेगा. उन्होंने कहा- सांप्रदायिक उन्माद के पीछे कौन लोग हैं? कौन से संगठन हैं? ऐसी चीजें राजस्थान में कभी नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा जो 2 दोषी सामने दिख रहे हैं सिर्फ वही नहीं उसके पीछे जो लोग होंगे, जहां से इसकी शुरुआत हुई होगी, उन्हें भी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. उन्होंने एक रास्ता है कि सरकार सक्रिय हो और दूसरा रास्ता है कि बहाना बनाया जाए. अपने कंधों पर तो लेना नहीं है उसकी बजाए पूरी समस्या किसी दूसरे के कंधों पर डाल दीजिए, वही अशोक गहलोत कर रहे हैं.