आदमी और औरत
बनाते है
एक घर
बनाते है
दरवाजे,
खिड़कियां
रोशनदान
बिछाते है गलीचे
सजाते है गुलदस्ते,
धीरे -धीरे
आदमी और औरत
के बीच
आ जाती है दीवार,
बंद हो जाते है
दरवाजे,
खो जाते है
खिड़कियां और
रोशनदान,
सही यही है
घर को बनाते हुए
सजाते हुए,
पहली शर्त है
आदमी का
आदमी से प्यार
करना।