Friday, April 26, 2024
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राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, विज्ञान संस्थान, पर्यावरणीय एवं धारणीय संस्थान एवं राजीव गांधी दक्षिणी परिसर के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

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राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, विज्ञान संस्थान, पर्यावरणीय एवं धारणीय संस्थान एवं राजीव गांधी दक्षिणी परिसर के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

अयोध्या : राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में एक दिवसीय सेमिनार का जलवायु परिवर्तन एवं खाद्य एवं पोषण सुरक्षा संबंधित चुनौतियों विषय पर राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, पर्यावरणीय एवं धारणीय संस्थान और विज्ञान संस्थान, बीएचयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलगीत द्वारा हुआ. विज्ञान संकाय बीएचयू की डीन, प्रो0 मधुलिका अग्रवाल जी ने अपने संबोधन में बताया कि किस प्रकार जलवायु परिवर्तन हमारी खाद्य सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है ।

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खाद्य सुरक्षा पर अन्य संकट भी हैं, जैसे मृदा लवणता, पानी की कमी, मृदा की गुणवत्ता में कमी आदि प्रो0 मधुलिका अग्रवाल जी ने युवाओं को अपने पारंपरिक भोजन की तरफ ज्यादा ध्यान देने का आह्वान किया क्योंकि इनमें काफी पोषण होता है । परिसर के आचार्य प्रभारी प्रो0 विनोद कुमार मिश्रा जी ने बायोफोर्टीफाइड गेहूं की फसलों पर एक सारगर्भित परंतु अत्यंत ज्ञानवर्धक उदबोधन दिया । उन्होंने पोषण की कमी के कारणों के साथ छुपी हुई भूख से संबंधित विषय से अवगत कराया. डॉ. अमिताभ रक्षित, कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान विभाग, जी ने जलवायु अनुकूलित खाद्य उत्पादन हेतु अभिनव तौर-तरीकों पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया और मृदा के संकट के कारण हो प्रभाव एवं निदान पर गहन विचार प्रस्तुत किए ।

उन्होंने जैविक खाद जैविक कीटनाशक एवं पारंपरिक कृषि तरीकों को अधिक प्रभावशाली तरीके से उपयोग करने हेतु सुझाव प्रस्तुत किए । दक्षिणी परिसर स्थित पर्यावरण विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रजनी श्रीवास्तव ने जलवायु परिवर्तन से होने वाले पर्यावरणीय परिवर्तनों के विशेष रूप से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर विचार प्रस्तुत किए जो कि सतत विकास हेतु बनाए गए 17 वैश्विक उद्देश्यों में से एक है । पर्यावरणीय एवं धारणीय संस्थान के डॉ. पी. सी. अभिलाष जी ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु अल्प ज्ञात पादप प्रजातियों के बारे में एवं उनकी सामाजिक आर्थिक एवं पर्यावरणीय उपयोगिता एवं विशेषताओं पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किया । डॉ आशीष लटारे, मृदा एवं जल संरक्षण विभाग, रा. गा, दा. प. ने मृदा, वनस्पति, एवं मानवों पर जिंक की कमी से पड़ने वाले दुष्प्रभावों एवं उसके प्रबंधन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । अनुभूति सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया । सेमिनार का समापन राष्ट्रगान से हुआ सेमिनार में पर्यावरण एवं कृषि से संबंधित विषयों के विद्यार्थी एवं अध्यापक गण उपस्थित रहे ।

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