Tuesday, October 15, 2024
spot_img

जानें, दीपावली पर ‘काली माता’ की पूजा का क्या है रहस्य

61 / 100

जानें, दीपावली पर ‘काली माता’ की पूजा का क्या है रहस्य

कार्तिक महीने में भारतीय उत्सवों की भरमार होती है। इस माह में विजया दशमी से जिस मंगल-यात्रा की शुरुआत होती है वह पूरे महीने भर चलती रहती है। नवरात्रि में दुर्गा की आराधना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मचती है। उसके बाद विजयादशमी आती है। इस दिन भगवान रामचंद्र द्वारा राक्षस-राज रावण के संहार को याद किया जाता है और रावण के पुतले का दहन किया जाता है। फिर बड़ी आशा और उत्साह के साथ घर की सफाई रंगाई-पुताई के साथ दीपावली की तैयारी शुरू होती है।

मान्यता है कि इसी दिन राजा राम अयोध्या पधारे थे और उनके स्वागत में दीपोत्सव हुआ था और वह परम्परा तब से चली आ रही है। दीपावली के साथ उसके आगे-पीछे कई उत्सव भी जुड़े हुए हैं। इनमें शरद पूर्णिमा (कोजागरी) और करवा चौथ के बाद आती है धनतेरस जिस दिन धन्वन्तरि जयंती भी होती है। फिर तो अटूट क्रम चल पड़ता है। इस क्रम में छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) और काली पूजा (श्यामा पूजा या महा निशा पूजा), गोवर्धन पूजा, भैया दूज (यम द्वितीया), चित्र गुप्त पूजा (बहीखाते और कलम की पूजा) और छठ की पूजा विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

चूंकि आज दीपावली महापर्व है और ये पर्व हमारे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाई जाती है इस चलते इस दिन काली माता का भी पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है लेकिन काली पूजन को दिवाली पर करने के पीछे मुख्य कारण क्या है इसकी जानकारी भी इस लेख में मिलेगी।

JOIN

दीपावली पर क्यों करते हैं काली पूजन ?

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार काली माता का पूजन करने से भक्तों के जीवन में सभी प्रकार के दुखों का अंत होता है। माता काली की पूजा से कुंडली में विराजमान राहु और केतु भी शांत हो जाते हैं। अगर बात करें दिवाली पर माता काली की पूजा की तो भारत के कुछ राज्यों में ही यह पूजन किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार दिवाली पर अमावस्या होती है और इस दिन उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में माता काली की विधि-विधान से पूजा होती है।

अर्धरात्रि में की जाती है यह पूजा

यह पूजा अर्धरात्रि में की जाती है। कई हिंदू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन काली माता की लगभग 60 हजार योगिनियां एकसाथ प्रकट हुई थीं इसलिए दिवाली के दिन यह पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

कैसे करते हैं लोग काली पूजा ?

दिवाली पर काली पूजा करने के लिए लोग काली माता की मूर्ति को स्थापित करके विधिपूर्वक पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर काली माता का जाप भी करते हैं।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है और काली माता जीवन में सुख-शांति प्रदान करती हैं। इन सभी कारणों की वजह से काली माता की पूजा को दिवाली पर करना बहुत शुभ माना जाता है।

काली पूजा का महत्व

रात्रि में मां काली की उपासना करने से साधक को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। मान्यता है की काली पूजा करने से शत्रु पर विजय प्राप्ति का वरदान मिलता है। जो साधक तंत्र साधना करते हैं महाकाली की साधना को अधिक प्रभावशाली मानते हैं।

ALSO READ

आयुर्वेद कैसे काम करता है – क्या है तीन दोष ?

सम्पूर्ण भोजन के साथ अपने बच्चे का पूर्ण विकास सुनिश्चित करें : आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे 

वजन कम करने में कारगर हे ये आयुर्वेदिक औषधियाँ :आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे

सोने से पहले पैरों की मालिश करेंगे तो होंगें ये लाभ: आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे

कुलपति अवध विश्वविद्यालय के कथित आदेश के खिलाफ मुखर हुआ एडेड डिग्री कालेज स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ

अयोध्या में श्री राम मंदिर तक जाने वाली सड़क चौड़ीकरण के लिए मकानों और दुकानों का ध्वस्तीकरण शुरू

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि परिसर के विकास की योजनाओं में किया बड़ा बदलाव

पत्रकार को धमकी देना पुलिस पुत्र को पड़ा महंगा

बीएचयू : शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए संस्थानों को आकांक्षी होने के साथ साथ स्वयं को करना होगा तैयार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा को 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना : PM मोदी

प्रवेश सम्बधित समस्त जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए मिल रही सब्सिडी, बिजली बिल का झंझट खत्म

बीएचयू : कालाजार को खत्म करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण खोज

नेपाल के लोगों का मातृत्व डीएनए भारत और तिब्बत के साथ सम्बंधितः सीसीएमबी व बीएचयू का संयुक्त शोध

JOIN

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

For You
- FOLLOW OUR GOOGLE NEWS FEDS -spot_img
डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विश्वविद्यालय अयोध्या , परीक्षा समय सारणी
spot_img

क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने से कांग्रेस को फायदा हो सकता है?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
प्रभु श्रीरामलला सरकार के शुभ श्रृंगार के अलौकिक दर्शन का लाभ उठाएं राम कथा सुखदाई साधों, राम कथा सुखदाई……. दीपोत्सव 2022 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फोटो के साथ बताई राम मंदिर निर्माण की स्थिति