डाॅ0 लोहिया विपन्न वर्ग के लोगों के लिए सघर्षशील रहेः पूर्व कुलपति
डाॅ0 लोहिया की पुण्यतिथि पर दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में डाॅ0 राममनोहर लोहिया की 55वीं पुण्यतिथि पर डाॅ0 राममनोहर लोहिया आर्थिक नीति एवं विकास अध्ययन केन्द्र, अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग के तत्वावधान में ’’डाॅ0 लोहिया का आर्थिक समाजवाद’’ विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो0 नीलमणि प्रसाद वर्मा ने कहा कि डाॅ0 लोहिया निरन्तर से समाज के विपन्न वर्ग के लोगों के लिए संघर्षशील रहे हैं। उन्होंने समाज के सुखमय जीवन के लिए आर्थिक समानता की बात का पुरजोर समर्थन किया है। प्रो0 वर्मा ने बताया कि किसी भी देश में आय एवं सम्पत्ति का वितरण समानता के साथ न्यायोचित रूप से होना चाहिए अन्यथा देश में अमीर और गरीब का अन्तराल बढ़ता जाएगा। पूर्व कुलपति ने कहा कि लोहिया जी की पुण्यतिथि पर यही सच्ची श्रृद्धांजली होगी कि हम समाज के वांछित एवं शोषित लोगों को आर्थिक समाजवाद के माध्यम से विकास की मुख्यधारा से जोड़ सके।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव उमानाथ ने बताया कि डाॅ0 लोहिया प्रखर वक्ता के साथ समाज के हर वर्ग के आर्थिक उत्थान के लिए निरन्तर संघर्षशील रहें। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम सभी लोगो का यह दायित्व है कि हम उनके आदर्शो को अपने जीवन में अनुपालित करें। उन्होंने अध्ययन केन्द्र एवं विभाग के विकास के लिए हर स्तर पर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में बोलते हुए विभाग के प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने बताया कि डाॅ0 लोहिया के विचार आज की आर्थिक समस्याओं के समुचित समाधान में अपना विशेष योगदान प्रदान कर रहा हैं। यदि हमें आर्थिक समाजवाद को लाना है तो समाज में रोजगार में वृद्धि के साथ समानता के अवसर को बढाना होगा। इसी क्रम में विभाग की प्रो0 मृदुला मिश्रा ने डाॅ0 लोहिया के ’’चैखम्भा राज’’ के विचार को बढे ही अच्छे तरीके से विश्लेषित किया।
अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लोहिया विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न विद्वानों एवं शोध छात्रों द्वारा नौ शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया जिसमें प्रमुख रूप से डाॅ0 अलका श्रीवास्तव, डाॅ0 सरिता सिंह, डाॅ0 शर्मिष्ठा घोष, श्रीमती कविता पाठक, शोध छात्र अनिल कुमार के साथ अन्य शोधार्थी छात्रों ने विषय पर अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए है। संगोष्ठी में ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग की डाॅ0 सरिता द्विवेदी ने बताया कि डाॅ0 लोहिया अपने जीवन काल में आर्थिक समानता हेतु महिलाओं के सर्वागीण विकास हेतु निरन्तर प्रयास करते रहें। डाॅ0 लोहिया का यह मानना था कि देश की पचास प्रतिशत (50ः) आबादी को समानता का अवसर प्रदान किए बिना हम आर्थिक समाजवाद की कल्पना नही कर सकते।
संगोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य वक्ता पूर्व कुलपति प्रो0 नीलमणि प्रसाद वर्मा व विवि के कुलसचिव उमानाथ द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इसके उपरांत संगीत एवं अभिनय कला विभाग की छात्र-छात्राओं द्वारा कुलगीत की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 सरिता द्विवेदी द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 अलका श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागो के आचार्य, सहायक आचार्य व गैरशैक्षणिक कर्मचारी विजय कुमार शुक्ला, हीरा लाल यादव, शिव शंकर यादव बड़ी संख्या में छात्र-छात्राये उपस्थित रहे।
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