Friday, March 29, 2024
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बीएचयू : प्लेटलेट सिग्नलिंग और थ्रोम्बस बायोलॉजी पर कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन

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बीएचयू : प्लेटलेट सिग्नलिंग और थ्रोम्बस बायोलॉजी पर कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन

बीएचयू : प्लेटलेट सिग्नलिंग और थ्रोम्बस बायोलॉजी पर अनुसंधान के क्षेत्र में भारत के शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) गतिविधियों को उत्प्रेरित करने के इरादे से, जैव रसायन विभाग, आयुर्विज्ञान संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ कमलेश पालांदुरकर और प्रो डी दाश द्वारा 18 से 21 अक्टूबर २०२२ तक चार दिवसीय कार्यशाला SERB / ICMR- प्रायोजित हाई-एंड वर्कशॉप (कार्यशाला) “प्लेटलेट सिग्नलिंग और मेथड्स इन थ्रोम्बस बायोलॉजी ” सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन प्लेटलेट सिग्नलिंग एंड थ्रोम्बस बायोलॉजी (ICMR), बायोकेमिस्ट्री विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय संसाधन केंद्र टेलीमेडिसिन आईएमएस बीएचयू के सहयोग से आयोजन किया गया।

कार्यशाला का आयोजन देश में प्लेटलेट सिग्नलिंग और थ्रोम्बस बायोलॉजी में चुनौतीपूर्ण अनुसंधान समस्याओं
के महत्व के बारे में फैकल्टी, छात्रों और शोध विद्वानों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश से किया गया।
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बीएचयू के विशिष्ट विशेषज्ञ प्रोफेसर देवव्रत दास, डॉ कमलेश पालांदुरकर,
डॉ किरण गिरी, डॉ संदीप कुमार, डॉ सुशील एन चौरसिया, डॉ ज्योत्सना, मोहम्मद एखलाक, डॉ श्रुति मिश्रा, डॉ नितेश सिंह
तथा भारत के अन्य हिस्सों से प्रो. के. केम्पाराजू (प्रोफेसर, बायोकेमिस्ट्री विभाग, मैसूर विश्वविद्यालय),
डॉ प्रसेनजीत गुछैत (प्रोफेसर, यूनेस्को-डीबीटी रीजनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी, एनसीआर बायोटेक साइंस क्लस्टर, फरीदाबाद),
डॉ के एस गिरीश (एसोसिएट प्रोफेसर, तुमकुर विश्वविद्यालय, कर्नाटक) और डॉ हीना तबस्सुम (वैज्ञानिक, बुनियादी
चिकित्सा विज्ञान विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) और अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ता डॉ मानस के नायक,
(आंतरिक चिकित्सा के अनुसंधान सहायक प्रोफेसर, आयोवा विश्वविद्यालय), डॉ परेश पी कुलकर्णी (क्लेवलेंड विश्वविद्यालय)
ने प्लेटलेट और थोम्बोसिस के क्षेत्र में इस कार्यशाला का मार्गदर्शन किया।
आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसके सिंह ने कार्यशाला का उद्घाटन किया और इस हाई-एंड
कार्यशाला के संचालन पर संतोष व्यक्त किया और यह भी उम्मीद की कि आयोजक इसे एक वार्षिक कार्यक्रम बनाएंगे।
जैव रसायन विभाग के प्रमुख डॉ एसपी मिश्रा ने देश के सभी कोनों और राज्यों से भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रोफेसर एनके अग्रवाल वाइस डीन ऑफ रिसर्च आईएमएस बीएचयू ने शोध के अनुवादात्मक भाग पर जोर दिया।
प्लेटलेट एग्रीगोमेट्री, फ्लो साइटोमेट्री और सिग्नलिंग, इंट्राविटल माइक्रोस्कोपी, थ्रोम्बोएलास्टोग्राफी (टीईजी)
और कन्फोकल माइक्रोस्कोपी की उच्च-स्तरीय तकनीकों को सीखने के लिए 200 से अधिक प्रतिभागी इस कार्यशाला में शामिल हुए।
इस कार्यशाला ने शोधकर्ताओं को मृत्यु के शीर्ष वैश्विक कारणों थोम्बोसिस पर शोध करने के लिए प्रोत्साहित किया,
जो कुल मृत्युसंख्या के 60 प्रतिशत है. इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक सहित थ्रोम्बोम्बोलिक रोगों से मरने वाले लोगों
की कुल संख्या का पता लगाया जा सके। व्याख्यान में यह भी चर्चा की गई कि कैसे COVID-19 ने पिछले
साल की तुलना में दिल के दौरे और अन्य थ्रोम्बोटिक रोगों में 30% से अधिक की वृद्धि की और उसी के
परीणाम और इसके समाधान पर चर्चा की गई।
प्रो. डी. दास समन्वयक थे और डॉ कमलेश पलंदुरकर आयोजन सचिव थे, प्रो. एस.पी. मिश्रा, प्रो रागिनी श्रीवास्तव,
डॉ अविजीत मुखर्जी, डॉ ज्योत्स्ना बायोकैमिस्ट्री आईएमएस, डॉ एचबी शर्मा फिजियोलॉजी से, डॉ किरण गिरी फार्माकोलॉजी से,
डॉ नितेश सिंह, डॉ सुशील एन चौरसिया, मोहम्मद एखलाक, विपिन सिंह, राजेंद्र जी, उमेश, अकलेश बायोकैमिस्ट्री आईएमएस
और क्षेत्रीय संसाधन केंद्र टेलीमेडिसिन आईएमएस बीएचयू के से शशि प्रजापति, अमित मिश्रा, अभय मिश्रा, अभिजीत प्रजापति,
दीपक ओझा, श्रेया सिंह, अनिल गिरि ने आईएमएस बीएचयू इस कार्यशाला के सफ़लता के लिए प्रयास और योगदान दिया।

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