अयोध्या : राम मंदिर के लिए दान में मिले सोने-चांदी का मूल्यांकन करेगी मिंट ऑर्गनाइजेशन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फोटो के साथ बताई राम मंदिर निर्माण की स्थिति
निर्माण के बाद फसाड लाइट से जगमगाता रहेगा श्री राम जन्मभूमि मंदिर
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के चारों तरफ होगा 1 किलोमीटर का परिक्रमा पथ
अयोध्या : अयोध्या के श्री राम मंदिर के लिए दान में आए सोने चांदी का मूल्यांकन अब भारत सरकार की संस्था मिंट करेगी ।श्री राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस बारे में निर्णय ले लिया है। शनिवार और रविवार को 2 दिन चली राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में यह निर्णय हुआ । इसी के साथ राम मंदिर ट्रस्ट ने निर्माण की प्रगति की जानकारी के साथ निर्माण स्थल के फोटोग्राफ भी जारी किए हैं और ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की माने तो मीटिंग में निर्माण संबंधी विषयों के साथ मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा मार्ग और निर्माण के बाद मंदिर किस तरह रोशनी में जगमगाता रहे इसके लिए फसाड लाइट लगाने पर भी चर्चा हुई है और इन सब विषयों को अंतिम रूप दिया गया है ।
आपको बता दें कि वर्षों चले राम मंदिर आंदोलन के दौरान बड़ी मात्रा में राम भक्तों ने सोने और चांदी का समर्पण किया था। हालाकि सुप्रीम कोर्ट से मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद नवगठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोने चांदी जैसी धातुओं का बड़ी संख्या में दान आता देख राम मंदिर ट्रस्ट ने इस तरह के दान को हतोत्साहित किया था और कहा था कि इस तरह के धातुओं के भी जरूरत नहीं है । बावजूद इसके ट्रस्ट के पास लगभग 4 कुंतल चांदी और लाखों रुपए का सोना है। जबकि नगदी के रूप में 5000 करोड़ रुपए अलग अलग बैंकों में जमा है । ट्रस्ट की परेशानी यह है कि दान में आए सोने चांदी की क्वालिटी और कीमत कितनी है इसके बारे में उसके पास सटीक जानकारी नहीं है। इसलिए अब राम मंदिर ट्रस्ट भारत सरकार की ऑर्गनाइजेशन मिंट से बात करने के बाद इसका हल निकाल लिया है । जिसके सदस्य अयोध्या में ही ट्रस्ट के अपने विशेषज्ञों के साथ दान में आए सोने चांदी का सटीक मूल्यांकन करेंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 2 दिन में यह भी हुआ कि जो मंदिर के पास चांदी आती है यह धातु आती है यह आखिर मंदिर अपने पास कब तक रखेंगी तो हमने भारत सरकार की संस्था है मिनट उसके अधिकारी आए थे अपना प्रपोजल लेकर और उन्होंने अपनी सब विस्तार से अपने कामों के बारे में बताया अभी निर्णय नहीं हुआ है लेकिन बाकी अपनी वार्तालाप चालू रखेंगे और मिनट का काम ही सबसे विश्वसनीय है भारत सरकार में जो सोने चांदी के सिक्के मेडल बनाते हैं उनको अपने अपने धातुओं को गलाने के लिए अपनी-अपनी सिस्टम है यह अभी एक कार्य हुआ है जो आगे किया जाना है हम भी यहां पर सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त व्यक्ति से वैल्यूएशन करवा रहे हैं और मिनट भी अपना वैल्यूएशन करेगा जब मिनट पूरा काम ले लेगा तो यही आएगा यहीं पर वैल्यूएशन करेगा इसलिए बहुत ही डिटेल चर्चा हुई।
मंदिर ट्रस्ट की 2 दिन चली मीटिंग के दौरान राम मंदिर निर्माण से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा हुई और किस तरह मंदिर निर्माण हो रहा है इसकी फोटो भी ट्रस्ट ने जारी की है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की माने तो पूरे मंदिर का 40% निर्माण कार्य अब तक पूरा हो चुका है । इस निर्माण कार्य में श्रद्धालुओं की परिक्रमा के लिए राम जन्मभूमि मंदिर के चारों तरफ 1 किलोमीटर लंबा परिक्रमा पथ भी निर्माण किया जा रहा है ।
फोटो साझा के बारे में महासचिव चंपत राय ने कहा रिटेनिंग वॉल का एक हिस्सा मैंने आपको दिखाया है रिटेनिंग वॉल में मैंने एक जगह आपको फोटो भेजा है उसमें जेसीबी से मिट्टी भरी जा रही है लेवलिंग हो रहा है वह इसलिए दिखाया जितना वाइट पोर्शन आपको दिख रहा है उतने हिस्से में मिट्टी भर दी जाएगी वहां के परकोटे का काम रिटेनिंग वॉल को और ऊंचा करने का काम दोनों साथ-साथ शुरू हो जाएगा यह चर्चा आ गई है परकोटे में कैसा पत्थर लगाएं चर्चा आज हुई परकोटे में कैसा पत्थर लगाएं परकोटा तो परिक्रमा मार्ग है उस पर जनता चलेगी और हो सकता है लाखों लोग चलें लगभग चारों दिशाओं में हो सकता है वह परकोटा 1 किलोमीटर हो जाए जिस पर लाखों लोग चलेंगे उस पर मजबूती कैसी चाहिए क्या चीज लगे यह चर्चाएं हुई हैं शायद इसी में दोनों दिन हमारे निकल गए मंदिर का लगभग 40% काम हो गया है
निर्माण के बाद फसाड लाइट से जगमगाता रहेगा श्री राम जन्मभूमि मंदिर
जिस तरह आपने राष्ट्रपति भवन और महत्वपूर्ण बिल्डिंग और संस्थानों को रोशनी से जगमगाते हुए देखते है उसी तरह फसाड लाइट के जरिए निर्माण के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर को जगमगाते हुए देखेंगे यह रोशनी खास मौकों पर और बढ़ जाएगी जिससे दूर से ही लोग श्री राम जन्मभूमि मंदिर को देख सकें ।
महासचिव चंपत राय ने बताया फ़साड लाइट की चर्चा हुई यह भी चर्चा है कि ये जो अगर हम मंदिर को बाहर से प्रकाशित कर आएंगे फ़साड लाइट में उसकी उपयोगिता क्या 365 दिन है कि त्योहारों के दिन 8 दिन करके है यह भी एक ओपन डिस्कशन है लेकिन यह एक विषय था ।
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