Saturday, May 18, 2024
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जाने कई औषधीय गुणों से समृद्ध हैं अनार

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जाने कई औषधीय गुणों से समृद्ध हैं अनार

सिर्फ खून बढ़ाने के नहीं रूप निखारने के काम भी आता है अनार

आयुर्वेद में अनार को बहतु ही चमत्कारिक फल बताया गया है, और यह भी बताया गया है कि, इसके इस्तेमाल से कई सारी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। केवल अनार फल ही नहीं, बल्कि पूरा वृक्ष ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जब अनार में इतनी खूबियां हैं, तो आप अनार के फायदे के बारे में जरूर जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं कि अनार के फायदे क्या-क्या हैं। स्वाद में अंतर होने के कारण अनार की तीन किस्में पाई जाती हैं।

काबुल अनार भी मीठे होते हैं। काबुली अनारों में एक गुठली रहित अत्यन्त मीठा अनार होता है, जिसे बेदाना अनार कहते हैं। यह सबसे अच्छा होता है। फल की तुलना में कली, और छिल्के में अधिक गुण पाए जाते हैं।

रस में अंतर के अनुसार भी अनार फल तीन प्रकार के होते हैः-

 मीठे रस वाला अनार

खट्टे रस वाला अनार

मीठा-खट्टा रस वाला अनार

अनार के उपयोगी भाग

अनार का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता हैः-

फूल,फल,बीज,अनार के पौधे के पत्ते,अनार के पौधे के तने,अनार के फल के छिलके,अनार के पेड़ की छाल

अनार का सेवन इतनी मात्रा में किया जा सकता हैः-

चूर्ण- 2-4 ग्राम

रस- 20-40 मिली

फेफड़ों के रोग में अनार के लाभ

फेफड़ों के रोग को ठीक करने के लिए भी अनार का इस्तेमाल लाभ देता है। फेफड़ों के विकार से परेशान लोग, दिन में 2-3 बार 10-20 मिली अनार के पत्ते का काढ़ा पिएं। इससे आराम मिलता है।

अनार से टीबी रोग में फायदा

टीबी एक जानलेवा रोग है। टीबी के उपचार के लिए आपको यह करना है। अनार के 200 मिली स्वादिष्ट रस में 40-40 ग्राम पीपल, सफेद जीरा, सोंठ, और दालचीनी का चूर्ण मिला लें। इसमें 1-2 ग्राम बढ़िया वाला केशर, और 200 ग्राम पुराना गुड़ मिलाकर धीमी आग पर पकाएं। यह काढ़ा जब गोली बनने योग्य हो जाए, तो 10 ग्राम छोटी इलायची का चूर्ण डालकर, 1-2 ग्राम की गोलियां बना लें। सुबह-शाम 1-1 गोली को बकरी के दूध के साथ सेवन करें। टीबी में फायदा होता है।

उल्टी की परेशानी में 10 मिली अनार के गुनगुने रस में 5 ग्राम चीनी मिलाकर पिएं। इससे उल्टी ठीक होती है।

अनार के फल को छिलके सहित कूट कर रस निचोड़ लें। इसे 30-50 मिली की मात्रा में पिलाएं। इसमें चीनी मिलाकर पिलाने से पित्त रोग के कारण होने वाली उल्टी, खुपानी, और थकान आदि समस्या ठीक होती है।

अनार के औषधीय गुण से खूनी बवासीर का इलाज

अनार के फायदे बवासीर के इलाज में भी मिलते हैं। खूनी बवासीर के इलाज के लिए अनार की जड़ की छाल से 100 मिली काढ़ा बनाएं। इसमें 5 ग्राम सोंठ के चूर्ण को मिला लें। इसे दिन में 2-3 बार पिएं। इससे खूनी बवासीर में लाभ होता है।

इसी तरह 250 ग्राम अनार के ताजे पत्तों को 1 लीटर पानी में पका लें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें। इस पानी से दिन में 2-3 बार गुदा को धोएं। इससे खूनी बवासीर, और गुदा संबंधी अन्य बीमारी जैसे- मस्सा का बाहर आना आदि में लाभ होता है।

इसके अलावा, अनार की जड़ के 100 मिली काढ़ा में, 5 ग्राम सोंठ चूर्ण मिला लें। इसे दिन में दो-तीन बार पीने से भी खूनी बवासीर में लाभ होता है।

खूनी बवासीर के इलाज के लिए 20 ग्राम अनार-फल की छाल, और 20 ग्राम कड़वे इन्द्र जौ को कूट लें। इसे 640 मिली पानी में मिलाकर काढ़ा बना लें। जब काढ़ा एक चौथाई हो जाए, तो इसे दिन में 3 बार पिलाएं।

खूनी बवासीर के उपचार के लिए 80 ग्राम कुटज को कूटकर, 640 मिली पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई रह जाए, तो उसे उतार कर छान लें। अब इसमें 160 मिली अनार का रस  मिलाकर दोबारा पकाएं। जब यह गाढ़ा हो जाए तो उतार कर रख लें। इसे 20 मिली छाछ के साथ सेवन करें। इससे पेचिश, या खूनी बवासीर में फायदा मिलता है।

अनार-फल के छिलके के चूर्ण, सोंठ, तथा चंदन को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनायें। 10-20 मिली काढ़ा में गाय का घी मिलाकर पीने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।

केवल अनार की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से भी खूनी बवासीर का उपचार होता है।

खूनी बवासीर के रोगी 100 मिली अनार के रस में, 10 ग्राम गाय का घी, तथा 65 मिग्रा यवक्षार मिलाकर पिएं। इससे बवासीर के दर्द और रक्तस्राव ठीक होते हैं।

बवासीर में अनार के औषधीय गुण से लाभ

बवासीर के रोगी 5-10 मिली अनार के पत्ते के रस का सेवन करें। इससे बवासीर में लाभ होता है।

अनार के 8-10 पत्तों को पीसकर टिकिया बना लें। इसे गाय के घी में भून कर सेवन करने से भी बवासीर में लाभ होता है।

अनार के गुण से टाइफाइड का इलाज

टाइफायड एक खतरनाक बीमारी है। इसे मियादी बुखार भी कहते हैं। टाइफायड बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण होता है। टाइफाइड के उपचार के लिए अनार के पत्ते के काढ़ा में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। इससे टाइफाइड में लाभ होता है।

हिस्टीरिया को ठीक करने के लिए, 10 ग्राम अनार के पत्ते, और 5 ग्राम गुलाब के ताजे, या सूखे फूल लें। इन्हें आधा लीटर पानी में पकाएं। जब पानी 250 मिली रह जाए, तो उसमें 10 ग्राम गाय का घी, और खांड मिलाकर सुबह-शाम पिलाएं। इससे हिस्टीरिया में लाभ होता है।

गर्भाशय भ्रंश (गर्भाशय के खिसकने) में फायदेमंद अनार का इस्तेमाल

गर्भाशय भ्रंश का मतलब होता है गर्भाशय का अपने स्थान से खिसक जाना। आमतौर पर महिलाओं में ऐसा मेनोपॉज के बाद ही होता है। इसमें भी अनार का उपयोग लाभ पहुंचाता है। अनार की एक-दो ताजे कली को पानी में पीसकर पिलाएं। इससे गर्भधारण क्षमता बढ़ती है, और गर्भाश्य भ्रंश में फायदा  होता है।

यदि गर्भवती का हृदय कमजोर है, तो मीठे अनार के दानों का सेवन कराएं।

ल्यूकोरिया में अनार के उपयोग से लाभ

अनार के उपयोग से ल्यूकोरिया में भी फायदा हो सकता है। अनार के फल के छिलके के काढ़ा में थोड़ी हल्दी चूर्ण मिला लें। इससे योनि को धोएं। इससे ल्यूकोरिया में तुरंत लाभ होता है। इसे योनि में डालने से भी ल्यूकोरिया में फायदा होता है।

अनार के प्रयोग से गर्भपात की समस्या में फायदा

अनार के सेवन से गर्भपात को भी रोका जा सकता है। जिन गर्भवती महिलाओं को गर्भपात की परेशानी रहती है, वे गर्भधारण के पांचवें महीने में अनार के पत्ते के चूर्ण, और चन्दन के चूर्ण में दही, और मधु मिलाकर सेवन करें। इससे लाभ होगा।अनार के ताजे पत्ते (20 ग्राम) को, 100 मिली पानी में पीसकर छान लें। इसे पीने से गर्भपात की रोकथाम होती है।इसके साथ ही, अनार के पत्ते के पेस्ट को, पेट के नीचे वाले भाग पर लेप करने से गर्भस्राव पर रोक लगती है।

 अनार के प्रयोग से खांसी और दमा में लाभ

अनार के सेवन से खांसी, और दमा रोग में भी लाभ लिया जा सकता है। 100 ग्राम सूखा अनारदाना, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, दालचीनी लें। इसके साथ ही तेजपात, तथा इलायची 50-50 ग्राम मिला लें। इसका चूर्ण बना लें। इसमें इतनी ही मात्रा में खांड मिला लें। इसे मधु के साथ दिन में दो बार लें। 500 मिग्रा से 1 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी, सांसों का फूलना, हृदय की बीमारियां, और जुकाम में आराम मिलता है। केवल अनार के फल के छिलके को मुंह में रखकर चूसने से भी खांसी में लाभ होता है।

80 ग्राम गुड़ की चाशनी बना लें। इसमें 40 ग्राम अनार का छिलका, 6-6 ग्राम पीपल, और जवाखार (यवक्षार) का महीन चूर्ण मिला लें। इसकी 500-500 मिग्रा की गोली बनाकर रख लें। 2-2 गोली दिन में 3 बार गुनगुने पानी से सेवन करें। इसके प्रयोग से खांसी में लाभ होता है। इसमें 10 ग्राम काली मिर्च मिला लेने से कफ में विशेष लाभ होता है।                                                           कंठ रोग में अनार का सेवन लाभदायक

कंठ के रोग में अनार के ताजे पत्तों का 1 लीटर रस लें। इसमें मिश्री मिलाकर शर्बत बना लें। इसे 20-20 मिली दिन में 2-3 बार पिएं। इससे आवाज के भारीपन, खांसी, तथा कण्ठ के अन्य रोग में लाभ होता है।

अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर, पीस लें। इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में शहद, या गुड़ मिलाकर झड़बेरी जैसी गोलियां (0.5-1 ग्राम) बना लें। इसे छाया में सुखा लें। इन गोलियों को मुंह में रख कर चूसने से कण्ठ के रोग ठीक होते हैं।

यदि आप खांसी से परेशान हैं तो अनार का अर्क 2-2 चम्मच दिन में तीन-चार बार पिलाएं।

आंखों के रोग में अनार से लाभ

आंख के रोग को ठीक करने के लिए अनार के 5-6 पत्तों को पानी में पीसकर दिन में 2 बार लेप करें।

अनार के पत्तों को पानी में भिगोकर पोटली बना लें। इसे आंखों पर रखने से भी आंख के रोग ठीक होते हैं।इसी तरह, अनार के पत्तों के रस को आंखों पर लगाने से आंखों का दर्द, और आंखों के अन्य रोग में लाभ होता है।

मोतियाबिन्द में फायदेमंद अनार का इस्तेमाल

अनार के इस्तेमाल से मोतियाबिंद में फायदा लिया जा सकता है। मोतियाबिंद के उपचार के लिए अनार के वृक्ष की छाल को, पके हुए अनार के फल के रस में घिस लें। इसमें 1 या 2 लाल गुंजा का छिलका भी घिस लें। इसे आंखों की फूली पर दिन में 3 बार लगाने से लाभ होता है।

 भूख बढ़ाने के लिए अनार का प्रयोग फायदेमंद

भूख ना लगने की परेशानी के लिए अनार के पत्ते को छाया में सूखा लें। इसमें सेंधा नमक मिलाकर महीन चूर्ण बना लें। इसे 4-4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम, खाने से पहले ले। इसे पानी के साथ सेवन करें। इससे भूख बढ़ती है, और खाना ठीक से पचता है।

अपच की समस्या में अनार का इस्तेमाल

अपच की समस्या के लिए अनार के 10 मिली रस में भुना हुआ 2 ग्राम जीरा, और 5 ग्राम गुड़ मिला लें। इसे दिन में 2 या 3 बार प्रयोग करें। इससे सभी प्रकार की अपच की परेशानी ठीक होती है।

20 मिली अनार का रस, 20 मिली शहद, और 10 मिली तिल के तेल में 6 ग्राम जीरा का चूर्ण, और 6 ग्राम खांड मिला लें। इसे मुंह में लेकर थोड़ी देर मुंह को चलाते रहें। ऐसा करने से अपच में लाभ होता

पाचनतंत्र विकार में अनार से लाभ

पाचनतंत्र को सही रखने के लिए 100 ग्राम सूखा अनारदाना, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, दालचीनी लें। इसके साथ ही तेजपात, तथा इलायची 50-50 ग्राम मिला लें। इसका चूर्ण बना लें। इसमें इतनी ही मात्रा में खांड मिला लें। इसे मधु के साथ दिन में दो बार लें। इसे 500 मिग्रा से 1 ग्राम की मात्रा में सेवन करना है। इससे पाचनतंत्र सही रहता है।

हैजा में अनार से लाभ

हैजा के उपचार के लिए 6 ग्राम अनार के हरे पत्तों को, 20 मिली पानी के साथ पीस लें। इसे छान लें। इसमें 20 मिली चीनी का शरबत मिलाकर, 1-1 घंटे बाद पिलाएं। इसे तब तक पिलाना है, जब तक बीमारी ठीक ना हो जाए।

इसी तरह 10-15 मिली खट्टे अनार-रस का नियमित रूप से सेवन भी हैजा में लाभ होता है। यह उल्टी को भी बन्द करता है।

दांत के दर्द में अनार का सेवन लाभदायक

दांतों के दर्द में अनार, तथा गुलाब के सूखे फूल को पीस लें। इससे मंजन करें। इससे मसूड़ों से पानी आना बन्द हो जाता है।केवल अनार की कलियों के चूर्ण का मंजन करें। इससे मसूड़ों से खून आना तो बंद होता ही है, साथ ही दांत का दर्द खत्म हो जाता है। दांत हिलते हैं तो मीठे अनार के 8-10 पत्तों को छाया में सुखाकर पीस लें। इस चूर्ण का मंजन करने से दांतों के हिलने की परेशानी में लाभ होता है। अनार के सेवन से मसूड़ों से खून और पीव आने की बीमारी में लाभ कई लोगों को मसूड़ों से खून आने की परेशानी होती है। वे अनार के फायदे ले सकते हैं। इसमें अनार की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करें।मीठे अनार के 8-10 पत्तों को छाया में सुखाकर पीस लें। इस चूर्ण का मंजन करने से मसूड़ों से खून, और पीव का आना बन्द हो जाता है। इससे सूजन भी कम हो जाती है।

नाक-कान के दर्द में अनार का इस्तेमाल

नाक, या कान में घाव हो गया हो, या उसमें दर्द रहता हो तो 2-2 बूंद अनार की छाल का काढ़ा बना लें। इसका प्रयोग करने से नाक-कान के दर्द में लाभ मिलता है। उपयोग की जानकारी किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से लें।नाक से खून आने पर अनार के फूलों का 1-2 बूंद रस नाक से डालें। इससे नाक से खून बहना बन्द हो जाता है। नाक से खून आने पर यह उपाय बहुत ही फायदेमंद होता है।अनार के छिलके को छुहारे की पानी के साथ पीस लें। इसे नाक से लें। इससे भी नाक से खून बहना रुक जाता है। इसका लेप सूजन में भी लाभ पहुंचाता है।अनार के पत्तों का काढ़ा (10-30 मिली), या पत्ते के रस (10 मिली) पिएं। इसे पीसकर सिर पर लेप करने से नाक से खून आने की बीमारी में फायदा होता है।

अनार का प्रयोग कर कान के दर्द से आराम

कान दर्द में अनार के ताजे पत्तों का 100 मिली रस, 400 मिली गोमूत्र, और 100 मिली तिल के तेल को मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब तेल थोड़ा सा रह जााए, तो छानकर रख लें। इसे थोड़ा गर्म करके कुछ बूंदें सुबह और शाम कान में डालें। इससे कान के दर्द, कान में आवाज के गूंजने, और बहरेपन की समस्या में लाभ होता है।

घाव सुखाने के लिए अनार का प्रयोग

अनार के फूलों की कलियों को सुखा लें, और पीसकर भस्म बना लें। इसे चोट पर डालने से घाव शीघ्र ठीक हो जाते हैं।अनार के 50 ग्राम पत्तों को 1 लीटर पानी में काढ़ा बना लें। जब काढ़ा एक चौथाई बच जाए, तो इससे घावों को धोने से विशेष लाभ होता है।

सिर दर्द से राहत पाने के लिए अनार का प्रयोग

सिर दर्द में आराम पाने के लिए अनार के आधा किलो पत्तों को छाया में सुखा लें। इसमें सूखी धनिया मिलाकर महीन चूर्ण बना लें। इसमें 250 ग्राम गेहूं का आटा मिलाएं, और गाय के घी में भून लें। जब यह ठंडा हो तो, इसमें 1 किलो खांड मिला लें। इसे 50 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम गर्म दूध के साथ तक सेवन करें। इससे सिर दर्द से राहत तो मिलती ही है, साथ ही सिर के चकराने की बीमारी भी दूर होती है। अनार की छाल को पीसकर लेप करने से भी सिर दर्द, या आधासीसी में लाभ  होता है।                बच्चों के सूखा रोग (रिकेट्स) में अनार का उपयोग

रिकेट्स (सूखा रोग) बच्चों को होने वाली गंभीर बीमारी है। भारत सहित कई देशों में बच्चे सूखा रोग से पीड़ित रहते हैं। सूखा रोग में भी अनार का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इसमें 20-25 ग्राम अनार की कली के रस में थोड़ा दूध मिला लें। इसे रोज पिलाने से बच्चों के सूखा रोग का उपचार होता है।

अनार के इस्तेमाल से हिचकी का इलाज

अनार के फायदे हिचकी की परेशानी में मिलते हैं। इसके लिए 20 मिली अनार के रस  में छोटी इलायची के बीज, वंशलोचन, सूखा पुदीना, जहरमोहरा खताई मिला लें। इसके साथ ही अगरु 1-1 ग्राम, तथा 500 मिग्रा पिप्पली मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। इसे आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी चाटने से हिचकी ठीक हो जाती है।

नींद ना आने (अनिद्रा) की परेशानी में अनार से लाभ

जो व्यक्ति नींद ना आने की परेशानी से पीड़ित हैं, वे 20 ग्राम अनार के ताजे पत्ते लेकर, 400 मिली पानी में उबालें। जब पानी 100 मिली शेष रह जाए, तो इसमें गर्म दूध मिलाकर पिएं। इससे नींद ना आने की परेशानी खत्म होती है।

मुंह के छाले की समस्या में अनार का उपयोग

मुंह के छाले की परेशानी में अनार का प्रयोग फायदेमंद होता है। अनार के 25 ग्राम पत्तों को 400 मिली पानी में उबालें। जब पानी एक चौथाई बच जाए, तो उससे कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले, और अन्य बीमारी भी ठीक हो जाती है।अनार के छाल का चूर्ण बना लें। इसे मुंह में रगड़ने, या धमासे के पानी के काढ़ा से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।10 ग्राम अनार के पत्तों को 400 मिली पानी में उबालें, और जब पानी एक चौथाई रह जाए तो काढ़ा से कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

हाथ-पांव की सूजन में अनार का उपयोग

हाथ-पांव में सूजन होने पर अनार के फायदे ले सकते हैं। 10-12 अनार के ताजे पत्तों को पीसकर, हथेली और पांव के तलवों पर लेप करें। इससे हाथ-पांव की सूजन, तथा हाथ-पांव में पानी लगने की परेशानी ठीक होती है।

 

त्वचा रोग में अनार के इस्तेमाल से फायदा

त्वचा रोग में भी अनार का प्रयोग बहुत फायदा पहुंचाता है। त्वचा संबंधित बीमारी में 250 ग्राम अनार के ताजे पत्तों को, 5 लीटर पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा से नहाने से पित्ती संबंधित त्वचा की बीमारी ठीक होती है। अनार का इस्तेमाल त्वचा में निखार लाने के लिए भी किया जाता है। 1 किग्रा अनार के फल के छिल्के को 4 लीटर पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी 1 लीटर रह जाए, तो उसमें 250 मिली सरसों का तेल डालकर पका लें। इस तेल की मालिश करें। कुछ ही दिनों में मांस का ढीलापन दूर हो जाता है। चेहरे की झुर्रियां मिटती हैं, तथा त्वचा में निखार आती है।

बच्चों को बार-बार प्यास लगती है तो कराएं अनार का सेवन

बच्चों को बहुत अधिक प्यास लगती हो तो, अनारदाना, जीरा, तथा नागकेशर को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में चीनी एवं मधु मिलाकर बच्चों को चटाएं। इससे प्यास मिटती है।

अनार के सेवन से एनीमिया और पीलिया में फायदा

एनीमिया, और पीलिया रोग के उपचार के लिए 250 मिली अनार के रस में, 750 ग्राम चीनी मिलाकर चाशनी बना लें। इसे दिन में 3-4 बार सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया में फायदा होता है।अनेक लोगों को थकान, और कमजोरी की शिकायत रहती है। ऐसे लोग 20 ग्राम अनार के ताजे पत्ते लेकर, 400 मिली पानी में उबाल लें। जब पानी 100 मिली शेष रह जाएं, तो इसमें गर्म दूध मिलाकर पिएं। इससे शारीरिक, और मानसिक कमजोरी ठीक होती है।

एनीमिया और पीलिया रोग से ग्रस्त लोग 3-6 ग्राम अनार के पत्ते को छाया में सुखा लें। इस चूर्ण को सुबह गाय के दूध से बने छाछ के साथ पिएं। इसी तरह शाम को इसी छाछ के साथ पनीर का सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया रोग में फायदा होता है।

अनार के सेवन से दस्त पर रोक

दस्त पर रोक लगाने के लिए 2-3 ग्राम अनार के फल के छिल्के का चूर्ण बना लें। इसे सुबह-शाम ताजे पानी के साथ पिएं। इससे दस्त में लाभ होता है।1 ग्राम अनार की छाल (फल या जड़ की छाल) के चूर्ण में, बराबर मात्रा में जायफल का चूर्ण, और 250 मिग्रा केशर को मिला लें। इसे पीसकर शहद के साथ सेवन करें। दस्त पर रोक लगती है।

 अनार का प्रयोग कर बच्चों की दस्त पर रोक

जिस बच्चे को बार-बार दस्त की शिकायत होती है, उसके लिए अनार की ताजी कलियां ले, इसे छोटी इलायची के बीज, और रुमीमस्तगी केक साथ पीस लें। इसमें चीनी मिलाकर पेस्ट जैसा तैयार कर लें। इसे चटाने से बच्चों के दस्त, और पेचिश में विशेष लाभ होता है।

पेट में कीड़े होने पर करें अनार का सेवन

अनार के फायदे से पेट के कीड़ों को खत्म कर सकते हैं। इसके लिए 50 ग्राम अनार की जड़ की छाल, पलाश बीज 6 ग्राम, और वायविडंग 10 ग्राम लें। सबको कूटकर 1.25 लीटर पानी में धीमी आग पर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे उतारकर ठंडा करके छान लें। इसे 50 मिली की मात्रा में आधा-आधा घंटे के अंतर से पिलाएं। इसके प्रयोग से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।अनार  के पत्तों को छाया में सुखाकर महीन पीस लें। इसे छान लें। इसे 3-6 ग्राम की मात्रा में सुबह छाछ के साथ, या ताजे पानी के साथ पिएं। इसके प्रयोग से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए 10 ग्राम अनार के पेड़ की जड़ की छाल, 6 ग्राम वायविडंग, और 6 ग्राम इद्र जौ को कूटकर काढ़ा बना लें। इसका सेवन करने से पेट में कीड़े खत्म हो जाते हैं।पेट में कीड़े से परेशान लोग ये तरीका भी आजमा सकते हैं। 20 ग्राम खट्टे अनार के छिलके, और 20 ग्राम शहतूत को 200 मिली पानी में उबाल लें। इसे पिलाने से भी पेट के कीड़े खत्म होते हैं।

अनार का इस्तेमाल कर गंजेपन का इलाज

बालों के झड़ने, या गंजेपन की समस्या में अनार के ताजे हरे पत्तों का रस लें। इसमें 100 ग्राम अनार के पत्तों का पेस्ट, और आधा लीटर सरसों का तेल मिला लें। इस तेल को पकाकर छान लें। इससे बालों पर लगाएं। इससे बालों झड़ना रुक जाता है, गंजेपन की समस्या दूर होती है।

चेहरे के दाग-धब्बों की परेशानी में अनार का प्रयोग

चेहरे पर दाग-धब्बे होना एक आम समस्या है। अनेक लोग इससे परेशान रहते हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं को यह शिकायत अधिक रहती है। अगर आप भी चेहरे की झाई से परेशान हैं, तो अनार के प्रयोग से फायदा ले सकते हैं। अनार के ताजे हरे पत्तों के रस में 100 ग्राम अनार के पत्तों का पेस्ट, और आधा लीटर सरसों का तेल मिला लें। इस तेल को पकाकर छान लें। इस तेल से मालिश करने से चेहरे की कील, झाई, और काले धब्बे ठीक होते हैं।

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