गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के इलेक्शन स्टडी सेल द्वारा गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, देवरिया सदर और फाजिलनगर में संपन्न हुुआ पोलिंग सर्वे जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप रहा है।विश्वविद्यालय ने पहले ही गोरखपुर शहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रिकार्ड मतों से जीत की संभावना व्यक्त की थी। 70.3 फीसदी लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद बताया था। मतगणना के दिन मुख्यमंत्री 1,03,390 मतों से विजेता हुए हैं। जबकि सपा प्रत्याशी सुभावती शुक्ला को 62,109 मत मिले हैं।
गोरखपुर ग्रामीण में विधायक विपिन सिंह ने सपा प्रत्याशी विजय बहादुर यादव को 24,070 मतों से हराया है। विधायक विपिन सिंह को 1,26,376 तो विजय बहादुर यादव को 1,02,306 मत मिले हैं। फाजिलनगर में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा ने सपा के स्वामी प्रसाद मौर्या को 45,580 मतों से पराजित किया है। देवरिया से भाजपा प्रत्याशी शलभ मणि त्रिपाठी ने सपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह पिंटू को 40,655 मतों से हराया है। शलभ मणि त्रिपाठी को 1,06,701 और अजय प्रताप सिंह को 66,046 मत मिले हैं।
बता दें कि कुलपति प्रो राजेश सिंह के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के इलेक्शन स्टडी सेल ने चार विधानसभाओं में हुए पोलिंग सर्वे का परिणाम एक दिन पूर्व ही जारी कर दिया है। सर्वे में गोरखपुर शहर के भाजपा प्रत्याशी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीतने की प्रबल संभावना जताई थी। सर्वे के मुताबिक गोरखपुर शहर में योगी आदित्यानाथ 70.3 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद थे। जबकि, 25.5 प्रतिशत लोगों ने समाजवादी पार्टी की सुभावती शुक्ला को पसंद किया है। जबकि, गोरखपुर ग्रामीण में विधायक विपिन सिंह और सपा के प्रत्याशी विजय बहादुर यादव में कांटे का मुकाबला नजर आ रहा था मगर, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और पार्टी की इमेज के चलते इस सीट पर विपिन सिंह के बाजी मारने, फाजिलनगर सीट पर सुरेंद्र सिंह कुशवाहा के विजय हासिल करने और देवरिया सदर के प्रत्याशी शलभ मणि त्रिपाठी के जीत की अत्यधिक संभावनाएं जताई थीं।
इन मुद्दों पर हुआ सर्वे
लिकर्ट विधि से किए गए सर्वे मेें जनता ने राष्ट्रीयता, धर्म, विकास, निशुल्क राशन, मुद्रास्फीति और आतंकवाद, हिसाब विवाद, ब्राहमण/उच्च जाति, ओबीसी, एससी एसटी, मुस्लिम, राजनीतिक दल के प्रभाव, राष्ट्रीय नेता ,मुख्यमंत्री का प्रभाव और लोकल प्रत्याशियों के मुद्दे सर्वे का मुख्य एजेंडा रहा है। जिसपर लोगों की राय ली गई है।
तीन चरणों में हुआ सर्वे
इलेक्शन स्टडी सेल ने तीन चरणों में सर्वे को पूरा किया है। पहले चरण मेें 13-21 फरवरी तक तकनीकी डाटा को द्वितीयक स्त्रोत से प्राप्त किया। दूसरे चरण में 24-28 फरवरी तक हर विधानसभा में 25 नोटिफाइड पोलिंग बूथ पर फिल्ड सर्वे किया है। तीसरे चरण में 3 मार्च को चार नोेटिफाइड बूथ पर हर विधानसभा में चुनाव के दिन फिल्ड सर्वे किया है। सर्वे की रिपोर्ट को तैयार करने में इलेक्शन स्टडी सेल के बाहरी विशेषज्ञ और हावर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट प्रो. मुकुल सक्सेना ने अहम भूमिका निभाई है।