



ड्रोन के जरिए अब होगी फसलों की निगरानी एवं उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा- कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह
कृषि विश्वविद्यालय में ड्रोन के इस्तेमाल से होगा हाईटेक खेती।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत संचालित परियोजना” ड्रोन-ऐन इमपेरेटिव टूल्स फॉर पेस्ट सर्विलांस एंड मैनेजमेंट इन क्राप्स ” में कुलपति के निर्देश पर विश्वविद्यालय में 2 ड्रोन मंगाए गए।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के निरीक्षण में ड्रोन का प्रदर्शन किया गया, उक्त अवसर पर डॉ सिंह ने ड्रोन के प्रयोग एवं उसकी उपयोगिता पर बोलते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग से फसल मूल्यांकन, फसलों पर कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव ,उर्वरक, पानी और बीज जैसे सभी संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलेगी, तथा ड्रोन से फसलों की निगरानी और उद्यमिता को बढ़ावा भी मिलेगा ।
परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ उमेश चंद्र ने बताया कि खेती-किसानों में लगातार बढ़ रही लागत में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर लागत कम की जा सकती है । डाँ चन्द्रा ने बताया कि ड्रोन प्रयोग करने से फसलों का छिड़काव अन्य तरीकों की तुलना में 5 गुना तेज होता है तथा अचानक बीमारी आने पर स्प्रे करना मुश्किल हो जाता है। वही ड्रोन से काफी कम समय में बड़े क्षेत्रफल में छिड़काव किया जा सकता है ।
विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने कृषि मशीनीकरण पर उप- मिशन योजना शुरू की है। भारत सरकार द्वारा कृषि मंत्रालय को कृषि ड्रोन की खरीद, किराए पर लेने ,एवं प्रदर्शन हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
शैक्षिक कृषि प्रक्षेत्र पर ड्रोन प्रदर्शन के समय कुलपति महोदय की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार, डॉ ए पी राव, अधिष्ठाता उद्यान, डाँ ओ पी राव, कृषि अधिष्ठाता, डॉ वेद प्रकाश , इंजीनियर ओम प्रकाश, इंजीनियर आर सी तिवारी, डाँ सुशील कुमार सिंह एवं कीट विज्ञान विभाग के कर्मचारी तथा छात्र आदि उपस्थित थे।
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Comments 1
विश्वविद्यालय को बड़ी जल्दी पता चला कि ड्रोन उपयोगी, ज्ञानवान ऊर्जावान वी सी साहब को बधाई, विश्वविद्यालय के छात्रवास में स्वच्छ टॉयलेट भी आवश्यक है। खैर, स्वच्छता और विश्वविद्यालय!