Saturday, July 27, 2024
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कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने की विद्यार्थी कल्याण की दो योजनाओं की घोषणा

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस – गांधी जयंती समारोह का आयोजन

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने की विद्यार्थी कल्याण की दो योजनाओं की घोषणा

· सभी दिव्यांग विद्यार्थियों के खाते में प्रतिवर्ष 25,000 की राशि की जाएगी हस्तांतरित

· बीपीएल कार्डधारक विद्यार्थियों को प्रति वर्ष 25,000 रुपये का आर्थिक सहयोग सीधे बैंक खाते में

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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस, गांधी जयंती समारोह का आयोजन भावपूर्ण ढंग से किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने गांधी चबूतरा (सुंदरम लॉज) पर पुष्पांजलि अर्पित की। कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, विभिन्न संस्थानों के निदेशकों, संकाय प्रमुखों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों व विद्यार्थियों ने भी गांधी जी को पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात मुख्य समारोह मालवीय भवन के सभागार में आयोजित किया गया।

मालवीय भवनः कार्यक्रम का शुभारम्भ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ हुआ। इसके उपरांत वैदिक मंगलाचरण गीता पाठ, कुरान पाठ, बाइबल पाठ, गुरुग्रंथ साहिब पाठ, के अलावा बुद्ध प्रार्थना, जैन प्रार्थना, पारसी प्रार्थना का आयोजन हुआ तथा संगीत एवं मंच कला संकाय में सहायक आचार्य डॉ. ज्ञानेश चन्द्र पाण्डेय तथा उनके विद्यार्थियों द्वारा भजन (वैष्णव जन) प्रस्तुत किया गया। कुलसचिव प्रो0 अरुण कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने मुख्य अतिथि एनसीईआरटी, नई दिल्ली, के पूर्व निदेशक एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यकारिणी परिषद सदस्य प्रो. जगमोहन सिंह राजपूत का परिचय दिया। प्रो. राजपूत ने वर्ष 1968 से 1971 तक भौतिकी विभाग, बीएचयू, में अध्यापन का कार्य भी किया था। पद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. राजपूत गांधी चिंतक व विचारक हैं और गांधी जी पर व्यापक लेखन भी कर चुके हैं।

मुख्य अतिथि का संबोधनः महात्मा गांधी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए प्रो. राजपूत ने कहा कि गांधी जी का मानना था कि ज्ञान के साथ विवेक का होना बहुत आवश्यक है। वे कहते थे कि गुणवत्तापरक शिक्षा अगर हर जगह पंहुच जाए तो देश आगे बढ़ेगा। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के साथ गांधी जी के जुड़ाव की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि बीएचयू की स्थापना के समय गांधी जी भी उपस्थित थे। बापू ने विश्वविद्यालय में दीक्षांत भाषण भी दिया था। उन्होंने बताया कि मालवीय जी को महामना नाम देने वाले भी गांधी जी ही थे। शिक्षकों व विद्यार्थियों को अपने संदेश में प्रो. राजपूत ने कहा कि ज्ञान के चार सोपान होते हैं अध्ययन, मनन, चिंतन और उपयोग। उन्होंने कहा कि जो भी अध्ययन करें उसमें जीवंतता होनी चाहिए। विकास और प्रकृति के साथ संतुलन बनाने के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि वृद्धि, विकास व प्रगति में अंतर है। प्रगति में नैतिकता होती है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को यह स्वीकार करना होगा कि भारतीय सभ्यता में प्रकृति को देवत्व का स्थान दिया गया है, क्योंकि प्रकृति विकास का रास्ता है औऱ वही पालन भी करती है।

कुलपति जी द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधनः कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि गांधी जी व शास्त्री जी, दोनों ही महापुरुषों का व्यक्तित्व अत्यंत सरल था व हम सभी को प्रेरित करता है। कुलपति जी ने कहा, “हमने ऐसा पढ़ा है कि मालवीय जी कई मामलों में गांधी जी से सहमत होते थे तो कुछ मामलों में वैचारिक रूप से असहमति भी रखते थे, यह अपने आप में अध्ययन व शोध का विषय है।” उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि मिलजुल कर विश्वविद्यालय के विकास में सहयोग करें। कुलपति जी ने सुझाव दिया कि प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जी से संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी जी मानते थे कि यदि समाज को आगे बढ़ाना है तो शिक्षा को सुदृढ़ करना होगा। शिक्षा वही उचित है जो विद्यार्थियों को उनके कर्तव्य का बोध कराए और चरित्र का निर्माण करे। कुलपति जी ने कहा कि हमें सोचना होगा कि क्या हम अपने उत्तरदायित्व का ईमानदारी से निर्वहन कर पा रहे हैं।

विद्यार्थी कल्याण योजनाओं की घोषणाः गांधी जयंती के अवसर पर कुलपति जी ने विद्यार्थी कल्याण की दो महत्वपूर्ण योजनाओं की भी घोषणा की। पहली योजना के तहत विश्वविद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थियों के खाते में प्रतिवर्ष 25,000 की राशि हस्तांतरित की जाएगी। दूसरी योजना के तहत विश्वविद्यालय के बीपीएल कार्डधारक विद्यार्थी प्रति वर्ष 25,000 रुपये का आर्थिक सहयोग पाने के हकदार होंगे, जो सीधे उनके बैंक खाते में डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में छात्रवृत्तियों की राशि बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा। कुलपति जी ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के कल्याण व सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्पित है।

कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के प्रो0 नीरज खरे ने तथा धन्यवाद ज्ञापन छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संस्थानों के निदेशकगण, संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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