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वेटरनरी कॉलेज के कार्मिकों को वेतन के लाले
बीते 4 माह से नहीं मिला वेतन के नाम पर फूटी कौड़ी
कार्मिकों ने संयुक्त शिकायती पत्र देकर वित्त नियंत्रक एवं कुलपति से उठाई अपनी आवाज
मिल्कीपुर : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अंतर्गत पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में कार्यरत कर्मियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं उन्हें बीते 4 माह से वेतन के नाम पर एक फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हो सकी है। जिसके चलते अब वह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। उधर विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय के 174 कर्मियों का तबादला करते हुए उनके पटल बदल दिए हैं।
जिसमें पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में कार्यरत मात्र अपने दो चहेते कर्मचारियों पर अपनी कृपा बरसाते हुए विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में स्थानांतरित कर दिया है। जिसके चलते अब उन्हें वेतन विसंगति का दम नहीं झेलना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर बीते 4 माह से वेतन ना मिल पाने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे वेटरनरी कॉलेज के कर्मियों ने संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायती पत्र कुलपति को भेजकर समस्त कार्मिकों का वेतन भुगतान प्रतिमाह नियमित किए जाने की मांग की है।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के अधीन पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय विश्वविद्यालय परिसर में ही स्थित है। जिसमें लगभग कार्यरत है 250 कर्मचारियों की तैनाती भी है। पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय में कार्यरत कार्मिकों बीते माह मार्च 2022 से आज तक वेतन नहीं मिल सका है। वेतन भुगतान न होने के चलते अब उक्त महाविद्यालय के कार्मिक आर्थिक तंगी के शिकार होते हुए दाने-दाने के मोहताज भी हो गए हैं। उक्त महाविद्यालय में कार्यरत दर्जनों कार्मिकों ने विश्वविद्यालय के कुलपति एवं वित्त नियंत्रक को प्रेषित किए गए शिकायती पत्र में आपबीती बताते हुए लिखा है कि वेतन न मिल पाने के चलते बच्चों की शिक्षा के लिए फीस व चिकित्सा उपचार में भी अपार समस्या पैदा हो गई है।
कार्मिकों ने शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि अधिकांश कार्मिकों द्वारा बैंक से लिए गए लोन किया जाए कि समय से न किए जाने के चलते बैंकों में सिविल भी प्रभावित हो रहा है। पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशु पालन महाविद्यालय के कार्मिकों को वेतन भुगतान न होने के संबंध में विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि बीते 3 माह पूर्व एक करोड़ रुपए का बजट प्राप्त हुआ था। जिसके बाद उनके बकाए वेतन का भुगतान कर दिया गया है।
अब फिर बजट के अभाव में वेतन भुगतान नहीं हो पाया है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा उक्त महाविद्यालय में स्वीकृत पदों के सापेक्ष अत्यधिक नियुक्तियां कर दी गई हैं जिसके चलते यह समस्या पैदा हुई है उन्होंने बताया कि मामले को लेकर सरकार ने आदेश दिया था कि विश्वविद्यालय अपने निजी देर से पुनरविनियोग करते हुए ऐसे कार्मिकों को वेतन भुगतान करें। किंतु पुनर विनियोग कार्यवाही होने में काफी विलंब हो जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा शासन ने भी बात की गई किंतु शासन की ओर से की प्राबधान कम है।
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प्रवेश सम्बधित समस्त जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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