सांसदों पे करम, बुजुर्गों पे सितम, काहे : वरुण गांधी
बीजेपी सांसद वरुण गांधी अक्सर केंद्र की बीजेपी सरकार के गलत फैसलों का विरोध करते रहते हैं, अभी वरुण गांधी ने रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को खत्म किए जाने पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा है- एक ओर जहां सांसदों को रेल किराये में रियायत मिल रही है, वहीं बुजुर्गों को दी जाने वाली इस छूट को ‘बोझ’ के तौर पर क्यों देखा जा रहा है?
आइए देखते हैं, विभिन्न मुद्दों पर वरुण गांधी क्या कह रहे हैं….
एक- रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
जब सांसदों को रेल किराए में मिलने वाली सब्सिडी जारी है तब देश के बुजुर्गों को मिलने वाली राहत हमें ‘बोझ’ लगने लगी?
उम्र के आखिरी पड़ाव पर अपने लोगों का साथ छोड़ देना असंवेदनशीलता है, पुनर्विचार हो!
दो- जब घरेलू फ्लाइट्स की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं तब तकनीकी खराबी की वजह से देशभर में लगातार विमानों की आपातकाल लैंडिंग के समाचार मिल रहे हैं.
गत 2 महीनों में ही 17 उड़ानें प्रभावित हुई, जो बेहद चिंताजनक है.
डीजीसीए को सख्ती दिखानी होगी…. क्या हम किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं?
तीन- 15 हजार करोड़ की लागत से बना एक्सप्रेसवे अगर बरसात के 5 दिन भी ना झेल सके, तो उसकी गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं?
इस प्रोजेक्ट के मुखिया, सम्बंधित इंजीनियर और जिम्मेदार कंपनियों को तत्काल तलब कर उनपर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी!
चार- दूध, आटा, दाल, चावल आदि जैसी वस्तुओं पर जीएसटी लागू हो चुका है?
शराब, पेट्रोल और डीजल आदि पर नहीं..!
अगर इस टैक्स प्रणाली का सारा बोझ आम जनता ही वहन करेगी तो इसे लाने का मूल उद्देश्य ही पीछे छूट जाएगा.
केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर जीएसटी का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना होगा?
बड़ा सवाल यह है कि जब पीएम नरेंद्र मोदी अपने सांसद की ही नहीं सुनते हैं, तो आम जनता की क्या सुनेंगे?
अभिमनोजः वरुण गांधी का सवाल- आंकड़ें जो डराते हैं! क्या इन आंकड़ों के साथ हम देश के विकास की गाथा लिखेंगे
ALSO READ
अयोध्या में श्री राम मंदिर तक जाने वाली सड़क चौड़ीकरण के लिए मकानों और दुकानों का ध्वस्तीकरण शुरू
https://www.ayodhyalive.com/avadh-university…urses-on-july-25/