भारतीय गाय, कृषि एवं समग्र स्वास्थ्य विषयक तीन दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी का उदघाटन
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, आयुर्वेद संकाय के कायचिकित्सा विभाग एवं गो-विज्ञान अनुसंधान केन्द्र देवलापार, नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज बीएचयू के वैदिक विज्ञान केन्द्र के सभागार में भारतीय गाय, कृषि एवं समग्र स्वास्थ्य विषयक तीन दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। यह संगोष्ठी 7 अगस्त 2022 (रविवार) तक आयोजित होगी।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष (राज्य मंत्री) स्वतंत्र प्रभार श्री दयाशंकर मिश्र दयालू ने देशी गायों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में इस संगोष्ठी के आयोजन को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक बताया, उन्होने कहा कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गौमाता, नदियों एवं धरती माता, आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है, जिसके शीघ्र ही उत्साहजनक परिणाम दिखाई देंगे। उन्होने कहा कि वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा तथा वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयुष मंत्रालय को विशेष महत्व दिया गया। प्रधानमंत्री जी के मार्ग-दर्शन में देशी एवं पारम्परिक चीजों का उत्थान आरम्भ हुआ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
आयुर्वेद के पुराने चिकित्सालयों को वेलनेस सेन्टर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या की मॉग के अनुसार 100 लाख मीट्रिक टन जड़ी-बूटियो की आवश्यकता हो रही है। इस दिशा में जड़ी-बूटियों की कान्ट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास चल रही है।मंत्री जी ने कहा कि बीते दिनो वैश्विक महामारी के चलते कोरोना का आपदा को अवसर में बदल दिया गया। आयुष किट एवं आयुष काढ़ा से लोगो के बहुत राहत मिली। मंत्री जी ने कहा कि देशी गायों का संरक्षण जब देश में होने लगा तो यह सुखद संकेत है।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उदबोधन में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस.के. सिंह ने कहा कि देशी गाय के दूध अत्यंत पोष्टिक होता है। हम लोग मरीजो को संतुलित मात्रा में दूध पीने की बात करते है। बच्चो के शारीरिक विकास में दूध की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस अवसर पर आयुर्वेद संकाय प्रमुख प्रो. कमल नयन द्विवेदी ने देशी गाय कृषि एवं समग्र स्वास्थ्य जैसे विषय पर चर्चा होने की बात को महत्वपूर्ण बताया, उन्होने आयोजको को बधाई दी।
इस अवसर पर गो-विज्ञान अनुसंधान केन्द्र देवलापार, नागपुर के समन्वयक सुनील मानसिंहका ने देशी गायों, एवं पंचगव्य के माध्यम से लोगो को स्वस्थ्य करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासो पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कायचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. के.एन. मूर्ती ने भी अपने विचार रखे। स्वागत उदबोधन अखिल भारतीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव प्रो. ओ.पी. सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सुनन्दा पेढे़कर ने दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन किया। संगोष्ठी में देश विदेश के लगभग 200 प्रतिभागी उपस्थित थे।
उदघाटन सत्र के पूर्व आयुर्वेद में पंचगव्य चिकित्सा विषय पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता प्रो. एस.के. तिवारी एवं प्रो. के.के. पाण्डेय ने किया। इस सत्र में भी सुनील मानसिंहका एवं प्रो. रोयना सिंह ने अपने विचार रखे।