अगर जनता का संस्था पर विश्वास नहीं बन पा रहा, तो इसका अभिप्राय यह है कि हम अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं - पवन अग्रवाल
अगर जनता का संस्था पर विश्वास नहीं बन पा रहा, तो इसका अभिप्राय यह है कि हम अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं – पवन अग्रवाल
बीएचयू : आज आईएम-बीएचयू में पवन अग्रवाल , जो कि PATH NGO के वरिष्ठ सलाहकार है उनका व्याख्यान आयोजित किया गया। अपने व्याख्यान के दौरान उन्होंने एमबीए के छात्रों को सार्वजनिक संस्थानों के विकास में नेतृत्व क्षमता के महत्व के बारे में अवगत कराया । उनका 36 वर्षों तक का आईएएस के रूप विभिन्न विभागों में कार्य करने का अनुभव रहा है, एवं उन्होंने 4 वर्षों तक FSSAI के CEO के रूप में कार्यभार संभाला है। श्री अग्रवाल जी ने अपने वर्षों के प्रबंध अनुभव के पाठों को, सुनो और सीखो, बड़ा सोचो, विश्वास पैदा करो एवं प्रयत्न करते रहो के माध्यम से छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किया।
संस्थान के निर्माण का जादू इसके उद्देश्य में निहित है। सार्वजनिक संगठनों में नेतृत्व जटिल है क्योंकि यह लोक कल्याण के उद्देश्य को पूरा करता है। यहां तक कि निजी क्षेत्र में, नेतृत्व अब ESG – पर्यावरण सामाजिक गारंटी द्वारा निर्देशित किया जा रहा है।
FSSAI के सीईओ के रूप में, श्री अग्रवाल ने जोर दिया कि कैसे सुनने और सीखने से, वह अन्य लोगों के माध्यम से लगातार खुद को शिक्षित करने के माध्यम से नई प्रणाली में आत्मसात करने में सफल रहे। विविध स्रोतों के माध्यम से जानकारी एकत्र करके, कोई भी अपने विचारों के साथ आम जनता को जोड़ सकता है।
श्री अग्रवाल ने छात्रों को प्रतिष्ठित सोचने के लिए प्रेरित किया। प्रत्येक हितधारक की अपेक्षा के संरेखण से मूल्य का इष्टतम वितरण होता है। तभी एक ब्रांड एक आम आदमी के साथ प्रतिध्वनित होगा। इसके अलावा, उद्योग के खिलाड़ियों के बीच शक्तिशाली जुड़ाव प्रणाली के भीतर आकांक्षाओं का निर्माण करके परिणाम देता है। श्री अग्रवाल जी ने “10 @ 10” आंदोलन से अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर “Eat Right Movement” को पहुँचाया! “ईट राइट इंडिया” आंदोलन को रॉकफेलर फाउंडेशन एवं सेकंडम्यूज़ द्वारा ‘फूड सिस्टम विजन प्राइज’ से सम्मानित किया गया।
आईटी क्षेत्र से प्रेरणा लेते हुए, श्री अग्रवाल ने याद किया कि ट्रस्ट बिल्डिंग में सहायता के लिए खाद्य सुरक्षा मित्रा की परिकल्पना कैसे की गई। उन्होंने यह भी जोर दिया कि एक व्यक्ति को कभी भी मदद मांगने से डरना नहीं चाहिए। यह बताता है कि कैसे FSSAI गेट्स फाउंडेशन की मदद लेकर फूड फोर्टीफिकेशन् से लड़ने में सक्षम हुआ!
श्री अग्रवाल ने छात्रों को बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अपने संबोधन का समापन किया और विश्व स्तरीय संस्थानों के निर्माण के प्रयास करते रहने की सीख दी।
सत्र की शुरुआत प्रोफेसर एस के दुबे, डायरेक्टर एवं एच पी माथुर , डीन और हेड, आईएम-बीएचयू ने श्री पवन अग्रवाल जी को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर की । एमबीए की छात्रा तनिशा जैन ने मंच संचालन करते हुए श्री अग्रवाल जी के परिचय से कार्यक्रम का सृजन किया। एमबीए की छात्रा कशिश कपूर ने धन्यवाद प्रस्ताव से सत्र का समापन किया ।
प्रोफेसर पी एस त्रिपाठी, प्रोफेसर आशीष बाजपाई, प्रोफेसर आर के लोढवाल, डॉ शशि श्रीवास्तव, डॉ आशुतोष मोहन सहित विभाग के अन्य फैकल्टी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।