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घर की छत पर सोलर पैनल लगाने हेतु मिल रही सब्सिडी, नही देना होगा बिजली बिल
बिजली बिल के झंझट से मुक्त होने के लिए सौर ऊर्जा सबसे उपयोगी विकल्प के तौर उभर रहा है। सरकार का भी सौर ऊर्जा पर बहुत जोर है। कोई भी आसानी से अपनी घर की छत पर सोलर पैनल लगवा सकता है। इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सब्सिडी की भी व्यवस्था की है, लेकिन अभी जागरूकता के अभाव में इस ओर लोग उस रफ्तार से उन्मुख नहीं हो पा रहे हैं, जो सरकार की मंशा है। यदि सरकार की योजना पर ध्यान दें, तो यह आम लोगों के लिए बहुत ही फायदे का सौदा है। सौर प्लांट पर केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी योजना को जोड़ लें तो 50 प्रतिशत राशि सब्सिडी के रूप में मिल जाती है।
एक परिवार एक किलो वाट के घरेलू बिजली पर जितना एक साल में व्यय करता है, उतनी ही राशि के व्यय पर उसके घर में पांच साल की गारंटी के साथ सौर ऊर्जा प्लांट लग जाएगा। सोलर पैनल की तकनीक को आप आसान भाषा में छत पर लगी सोलर प्लेट या अंग्रेजी में रूफटॉप सोलर कह सकते हैं. कहा जाता है कि भारत में सौर ऊर्जा की अंतहीन संभावनाएं हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल उस स्तर पर नहीं हो रहा. भारत की तुलना में मुट्ठी भर आबादी वाले देश अपनी खपत का अधिकांश हिस्सा सौर ऊर्जा से प्राप्त कर रहे हैं. उनकी तुलना में भारत अभी बहुत पीछे है. लेकिन इस दिशा में पहले की तुलना में बेहतर तेजी देखी जा रही है. छत पर लगे सोलर पैनल के कई फायदे हैं. एक तो बिजली बिल न के बराबर होगा. दूसरा, आप चाहें तो अधिक बिजली पैदा कर सरकार को बेच सकते हैं और कमाई कर सकते हैं.
कितने वाट पर कितनी मिलेगी सब्सिडी
अगर आपके घर में एक किलोवाट सोलर प्लांट लगाना है, तो इसकी अनुमानित लागत 38 हजार रुपये आती है। इसमें केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान 15,200 रुपये मिलता है। इसके साथ ही राज्य सरकार 15000 रुपये देती है अर्थात कुल मिलाकर 30,200 रुपये अनुदान राशि मिल जाती है। उपभोक्ता को इसमें मात्र 7800 रुपये व्यय करने होंगे। यदि सौर ऊर्जा से संचालित बिजली व्यवस्था घर में की जाती है, तो बिजली कटने की झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। यदि उपभोक्ता एक किलोवाट का घर में बिजली कनेक्शन लेते हैं तो एक साल में बिजली ही लगभग 8 हजार रुपये आ जाएगी अर्थात उपभोक्ता द्वारा व्यय किया गया रुपया एक साल में ही निकल जाता है।
इसी तरह यदि दो किलोवाट का सोलर प्लांट लगवाना है, तो अनुमानित लागत 76,000 रुपये है। केन्द्र सरकार द्वारा इस पर सब्सिडी 30,400 मिलती है। वहीं राज्य सरकार इस पर 30,000 रुपये सब्सिडी देगी अर्थात कुल मिलाकर 60,400 रुपये सब्सिडी मिल जाएगा। उपभोक्ता को घर से मात्र 15,600 रुपये व्यय करने पर दो किलो वाट का बिजली सोलर प्लांट घर में तैयार हो जाएगा।
आपका जानना जरूरी है कि वहीं इस सिस्टम को लागू किया जाता है। यहां 24 में से 20 या 22 घंटे बिजली रहती है। इसमें सोलर पैनल को बिजली बोर्ड में ट्रांसफर किया जाता है। इसे आप घर में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रिसिटी बिजली बोर्ड की तरह कर सकते हैं।
योजना के अंतर्गत रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने के इच्छुक आवासीय उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और सूचीबद्ध विक्रेताओं द्वारा घर की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें विक्रेता (वेंडर) को निर्धारित दर के अनुसार मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली अनुदान (सब्सिडी) राशि को कम करके रूफटॉप सोलर प्लांट की लागत का भुगतान करना होगा और इस बारे में प्रक्रिया विद्युत वितरण कंपनियों (डिसकॉम्स-डीआईएससीओएमएस) के ऑनलाइन पोर्टल पर दी गई है।
सोलर पैनल के कई लाभ हैं, यह पावर ग्रिड से पैदा की गई बिजली की तुलना में सस्ती और सुविधाजनक है. इस बिजली को अपने घर में पैदा कर सकते हैं. सरकार इसके लिए आपको सब्सिडी देती है जिसकी मदद से सस्ते में सोलर पैनल खरीद सकते हैं. सोलर पैनल की जिंदगी 25 साल के लिए होती है और इस दौरान किसी मरम्मत या मेंटीनेंस की जरूरत नहीं पड़ती. एक बार पैनल लगा लें तो लगातार बिजली पाते रहेंगे. बस इसे समय-समय पर साफ करना होता है ताकि सूर्य की रोशनी पैनल पर ठीक से पड़े.
योजना लोगों के लिए कई लिहाज से फायदेमंद है. सबसे पहले तो इस स्कीम के तहत सोलर पैनल लगवाने से खर्च कम आता है, क्योंकि इसका एक हिस्सा सरकार से सब्सिडी के तौर पर मिल जाता है. केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारें अपनी ओर से भी अतिरिक्त सब्सिडी दे रही हैं. दूसरी ओर सोलर पैनल लग जाने से बिजली बिल का झंझट समाप्त हो जाता है. आपके घर में रोजाना इस्तेमाल के लायक बिजली छत पर ही सोलर पैनल से तैयार हो जाती है. इसका तीसरा फायदा यह है कि इस स्कीम में कमाने के भी मौके मिलते हैं. अगर घर की छत पर लगे सोलर पैनल आपकी जरूरत से ज्यादा बिजली बना रहे हैं, तो बिजली वितरण कंपनियां आपसे ये खरीद लेंगी. इस तरह देखें तो सोलर रूफटॉप सब्सिडी स्कीम एक साथ तीन-तीन जबरदस्त फायदे देती है.वितरण कंपनियां आपसे ये खरीद लेंगी. इस तरह देखें तो सोलर रूफटॉप सब्सिडी स्कीम एक साथ तीन-तीन जबरदस्त फायदे देती है.
सोलर पैनल लगाने के लिए अतिरिक्त जगह या जमीन की जरूरत नहीं. घर की छत पर इसे कहीं भी टांग सकते हैं. इससे कोई प्रदूषण नहीं होता. सौर ऊर्जा से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है जिससे कि पर्यावरण संरक्षण होता है.
डिसकॉम्स के जरिए मिलेगी सब्सिडी
मंत्रालय द्वारा डिसकॉम्स के माध्यम से विक्रेताओं को सब्सिडी राशि प्रदान की जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं को सूचित किया जाता है कि मंत्रालय की योजना के तहत सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें डिसकॉम्स द्वारा अनुमोदन की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उनके के पैनल में शामिल विक्रेताओं से ही रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करवाना चाहिए।
सोलर पैनल लगाने का खर्च
सोलर पैनल से बिजली पैदा करने का खर्च पैनल के मॉड्यूल और इनवर्टर पर निर्भर करता है. सामान्य तौर पर 1 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने में 45,000 रुपये से 85,000 रुपये का खर्च आता है. इसके अलावा बैटरी का खर्च होगा. इसी तरह 5 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाएं तो सवा दो लाख से सवा तीन लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है. हालांकि बिजली बिल का खर्च देखें तो 5-6 साल बाद आपका बिल जीरो हो जाएगा क्योंकि 5-6 साल में पूरी लागत निकल जाएगी. बाद में खर्च जीरो हो जाएगा. क्या होता रूफटॉप सोलर पैनल
रूफटॉप सोलर पैनल घरों की छतों पर देखे जाते हैं. छतों पर सोलर की प्लेट लगी होती है, इसे ही रूफटॉप पैनल कहते हैं. यह ऐसी तकनीक है जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा को सोंखकर बिजली पैदा करती है. पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स लगे होते हैं जो सौर ऊर्जा को बिजली में तब्दील कर देते हैं. यह बिजली वही काम करती है जो पावर ग्रिड से आई बिजली करती है.
ऑनलाइन आवेदन करने पर होगा फायदा
इस संबंध में लखनऊ बिजली विभाग के अभियंता संघ के महासचिव प्रभात सिंह का कहना है कि शासन की योजना का सबसे बड़ा लाभ अनुदान की अग्रिम व्यवस्था है। जब उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन करता है, तो कंपनी को सरकार अनुदान राशि मुहैया करा देती है। इससे बाद में अनुदान आने का झंझट नहीं रहता। इससे उपभोक्ता को अपनी मूल राशि ही देनी होती है।
मिल रहा लोन
मोदी सरकार द्वारा अधिकतम 10 लाख रुपये का कर्ज दिया जा रहा है, जिसपर बंपर सब्सिडी भी मिल रही है। अगर छत पर 3 किलोवाट का सोलर पैनल लगा है और उससे 10 घंटे धूप निकलती है, तो हर महीने करीब 450 यूनिट बिजली बन सकती है। इससे आप हर महीने महंगी बिजली पर खर्च होने वाले हजारों रुपये की बचत कर सकते हैं।
यह जरूर है कि सरकार द्वारा विकसित डेवलपर्स या विक्रेता के यहां से ही उपभोक्ता को सोलर प्लांट लगवाना होगा, तभी सब्सिडी मिल सकती है। सोलर प्लांट लगने से एक बार के निवेश से आपको मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। पांच साल तक कंपनी ही सोलर प्लांट का रखरखाव करेगी।