बीएचयू ने “जैन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स सपोर्ट” के साथ सहमति ज्ञापन पर किये हस्ताक्षर
· भगवान श्रेयसनाथ जैन अध्ययन निधि की स्थापना के लिए गैर-लाभकारी ट्रस्ट, बीएचयू को दान करेगा 1.05 करोड़ रुपये
· जैन धर्म पर शैक्षणिक कार्यों को प्रोत्साहित कर अंतर्राष्ट्रीय पटल तक पंहुचाना है उद्देश्य
वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने नई दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी ट्रस्ट “जैन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स सपोर्ट” के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इस सहमति के तहत भगवान श्रेयसनाथ जैन अध्ययन निधि की स्थापना के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को 1.05 करोड़ रुपये की दानराशि प्राप्त होगी। जैन एजुकेशन इंस्टीट्यूट सपोर्ट की स्थापना डॉ. जसवंत मोदी, श्री हर्षद शाह, डॉ. सुलेख जैन, डॉ. शुगन सी. जैन समेत अन्य विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा की गई है। डॉ. शुगन सी. जैन, जैन प्रवासी भारतीय समूह की उपाध्यक्ष शर्मिला जैन ओसवाल तथा श्री बिमल प्रसाद जैन ने हाल ही में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का दौरा किया था और इस सहयोग को आगे बढ़ाने पर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन तथा संबंद्ध संकाय सदस्यों के साथ चर्चा की थी।
इस सहयोग के क्रियान्वयन हेतु कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने चार-सदस्यीय कार्यक्रम समिति का गठन किया है। दर्शनशास्त्र विभाग, कला संकाय, के प्रो. मुकुल राज मेहता समिति के अध्यक्ष होंगे। जैन-बौद्ध दर्शन विभाग, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, के प्रो. प्रद्युम्न शाह सिंह और प्रो. अशोक कुमार जैन को समिति का सदस्य नामित किया गया है। जैन-बौद्ध दर्शन विभाग, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, के डॉ. आनंद कुमार जैन समिति के सदस्य सचिव होंगे।
भगवान श्रेयसनाथ जैन अध्ययन निधि जैन दर्शन पर अकादमिक अध्ययन व शोध को प्रोत्साहित करेगी व इसके लिए सहयोग उपलब्ध कराएगी। इससे बीएचयू के जैन दर्शन के विद्वानों (संकाय-सदस्य और पीएच.डी. छात्र दोनों) को इस विषय पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी संवाद स्थापित करने के अवसर व सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगे। इस पहल के अंतर्गत जैन दर्शन के अकादमिक अध्ययन हेतु संवाद के माध्यम के तौर पर अंग्रेजी पर जोर देने का प्रस्ताव है।
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने इस महत्वपूर्ण उपहार के लिए “जैन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स सपोर्ट” का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों के शैक्षणिक व शोध कार्यों को सहयोग उपलब्ध कराने के लिए लोकोपकारी धनराशि जुटाने की बीएचयू की मुहिम के लिए यह समझौता व दानराशि अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। कुलपति जी ने कहा कि इस प्रयास के तहत भारत की प्राचीन ज्ञान व्यवस्था को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने के प्रयासों को भी बल मिलेगा।
दानकर्ताओं की ओर से शर्मिला जैन ओसवाल ने कहा कि इस प्रारंभिक दानराशि का उद्देश्य जैन अध्ययन का विस्तार करने हेतु काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को सहयोग करना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय में जैन दर्शन में अध्ययन व गतिविधियों को और आगे बढ़ाने के लिए दानकर्ताओं द्वारा एक पीठ की स्थापना की भी उम्मीद है। उन्होंने बतायया कि इस पहल के तहत जैन दर्शन के व्यवहारिक पक्ष तथा वर्तमान समय में उसकी प्रासंगिकता पर विशेष ज़ोर रहेगा और इसके लिए अन्तर्विषयी दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
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