विश्व IBD दिवस : शौच में खून आने को हल्के में न ले मरीज- डॉ0 देवेश प्रकाश यादव
IBD में दो बिकार शामिल है, जो क्रमशः इस प्रकार है, इसमें पहला है, क्रॉन्स डिजीज (CD) जबकि दूसरा है, अल्सरेटिव कोलाइटिस (UC) डॉ0 यादव के अनुसार, अगर कोई मरीज दस्त, तुरंत शौच जाने की जरूरत, पेट में ऐठन, शौच में रक्त, वजन, घटना, भूख की कमी और बुखार जैसे लक्षणों से पीड़ित है, तो उसे इन लक्षणों के लिए गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट की सलाह लेनी चाहिए। अगर कोई मरीज IBD से पीड़ित पाया जाता है, तो उसे घबराना नहीं चाहिए क्योंकि IBD को नियंत्रित रखकर सामान्य/लगभग सामान जीवन जीना संभव है।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी विभाग के असोसिएट प्रोफेसर डॉ0 देवेश प्रकाश यादव के मार्गदर्शन में जनवरी 2021 से सर सुन्दरलाल की ओपीडी कक्ष 305 में प्रत्येक वृहस्पतिवार को आईबीडी क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है। डॉ0 यादव बताते है कि प्रत्येक वृहस्पतिवार को आईबीडी ओपीडी क्लिनिक में 30-40 मरीज आईबीडी से ग्रसित आते है। जबकि मंगलवार को संचालित जनरल ओपीडी में लगभग 10 मरीज आईबीडी में आते हैं। उन्होंने बताया कि आईबीडी से मृत्यु दर 5 प्रतिशत से भी कम है लेकिन इसमें बरती गई लापरवारी से जान पर बन सकती है।
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