बीएचयू : बिरसा मुंडा जी की जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस समारोह का किया गया आयोजन
वाराणसी । भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस समारोह का आयोजन स्वतंत्रता भवन सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आरंभ पं0 मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा और भगवान बिरसा मुण्डा जी की प्रतिमा पर मार्ल्यापण और दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। तत्पश्चात कुलगीत के साथ अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम समन्वयक डॉ0 राम शंकर उराव द्वारा किया गया।
स्वागत के क्रम में उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय सभी जनजातीय समूहों के लिए है कि भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती मनाने का शुभारम्भ पिछले वर्ष माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किया गया। इस तरह का कार्यक्रम भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन प्रारंभ में जनजातीय महानायकों के द्वारा दिये गए योगदान की महत्ता को दर्शाता हैं, जिन्हें इतिहास की मुख्य धारा में अभी तक उचित स्थान नही मिल पाया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बी0एच0यू0 के रेक्टर (कुलगुरू) प्रो0 वी0के0 शुक्ला ने भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन पर वृहद प्रकाश डालते हुए, उन्हें एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व बताया। कार्यक्रम के अतिथि वक्ता डा0 राजू माझी,
विधि संकाय नेे भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन, कार्यों और उनके द्वारा अंग्रेजी राज के विरुद्ध किये गए विद्रोह पर विस्तार पूर्वक अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो0 निर्मला होरो, विज्ञान संस्थान, जो कार्यक्रम की मुख्य वक्ता रहीं ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्षों, जनजातीय सांस्कृतिक विरासत एव परम्परा और जनजातीय नायकों के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान की विस्तार से चर्चा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा जी द्वारा दिए गए नारे ‘अबुआ दिशुम अबुआ राज‘ का विशेष उल्लेख किया। इसके पश्चात काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों एवं महाविद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं द्वारा जनजातीय नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुतियां दी गयीं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों द्वारा भव्य प्रस्तुतिकरण भी किया गया।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के अध्यक्ष, हर्ष चौहान के द्वारा प्रेषित शुभकामना संदेश को डा0 संजय कुमार, संयक्त कुलसचिव, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, द्वारा सभी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अपने संदेश में जनजातीय विषयों पर शोध और अध्ययन को बढ़ावा देने मे विश्वविद्यालयों के योगदान को रेखांकित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डा0 लिनेट खाखा, शारीरिक शिक्षा विभाग, द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन डा0 शशिकेश कुमार गोंड, इतिहास विभाग, वी0के0एम0, बी0एच0यू द्वारा किया गया। इस अवसर पर आयोजन समिति के डा0 अभय कुमार, डा0 सुरेंद्र कुमार गोंड, डा0 श्रुती हेंसदा, डा0 डी0के0 द्विवेदी, श्री खेदन राम, डॉ0 विजेद्र, डॉ0 दिनेश कुमार आदि की गरिमामय उपस्थिति रही।