Wednesday, October 9, 2024
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कृषि आधारित MSME उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 2 नवंबर से राष्ट्रीय सेमिनार

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कृषि आधारित MSME उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 2 नवंबर से राष्ट्रीय सेमिनार

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम का करेंगे शुभारंभ

4 नवंबर को कार्यक्रम का होगा समापन, प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने पर किया जाएगा फोकस

लखनऊ । इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कृषि आधारित एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन, इंडिया फूड एक्सपो-2022 एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों पर 2 से 4 नवंबर के बीच राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्धाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानू प्रताप वर्मा, दोनों डिप्टी सीएम, एमएसएमई कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, उद्यान विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह भी मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम में सीएफटीआरआई मैसूर, पोटेटो रिसर्च इंस्टीट्यूट मोदीपुरम समेत प्रदेश की करीब 1500 फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री भाग लेंगी। इसके साथ ही नेशनल लेवल की 5 ऑर्गनाइजेशन और उनके साइंटिस्ट भी मौजूद रहेंगे। एग्जीबिशन में करीब 100 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे।

जिसमें किसानों को उनके उत्पादन की क्वालिटी सुधारने, उद्यमियों को लोन उपलब्ध कराने के लिए बैंक, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी विदेशी मशीन के एक्सपर्ट के स्टॉल शामिल होंगे। यह जानकारी शनिवार को लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने दी।

प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में फूड प्रोसेसिंग का अहम रोल
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यूपी में लगभग 250 बिलियन डॉलर की इकॉनमी है, जिसमें साढ़े चार लाख करोड़ कृषि तथा 50 हजार करोड़ का फूड प्रोसेसिंग का योगदान है।

प्रदेश में लगभग 70 हजार एमएसएमई यूनिट रजिस्टर्ड है जबकि करीब 20 लाख यूनिट अनरजिस्टर्ड हैं, जो एमएसएमई सेक्टर की तरह कार्य कर रही हैं। पूरे देश में टेक्सटाइल सेक्टर के बाद फूड सेक्टर में ही सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध है। प्रदेश पूरे देश में एमएसएमई सेक्टर के तहत लोगों को राेजगार उपलब्ध कराने में दूसरा स्थान रखता है। दरअसल, यूपी करीब 15 एग्रीकल्चर उत्पादों के प्रोडक्शन के साथ देश में अव्वल स्थान पर है। पूरे देश का 34 प्रतिशत गेहूं यूपी में होता है। आम, पोटेटो, क्वालिफ्लावर, वॉटर मेलन समेत 15 उत्पाद ऐसे हैं, जिसमें यूपी नंबर वन पर है। ऐसे में प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में फूड प्रोसेसिंग का अहम रोल है।

प्रदर्शनी में प्रवेश होगा नि:शुल्क
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की प्रदर्शनी में देश एवं विदेश के 100 से अधिक एक्जीबिटर भाग लेंगे। प्रदर्शनी में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए मशीनों, उपकरणों, सेवाओं एवं तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे भावी एवं वर्तमान उद्यमी लाभान्वित हो सकें। प्रदर्शनी में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित पीएमएफएमई स्कीम का मौके पर ही पंजीकरण होगा।

कार्यक्रम में आगामी ग्लोबल समिट में इंडस्ट्री इंवेस्टमेंट पर फोकस किया जाएगा ताकि समय से एमओयू को तैयार किया जा सके। एसीएस ने बताया कि महासम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार, केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ पैकेजिंग, केन्द्रीय खाद्य प्रोद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, फ्लेवर्स एंड फ्रेगरेंस विकास केंद कन्नौज, यूपीसीडा, योजना विभाग उत्तर प्रदेश एवं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी अपना संबोधन प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के संयुक्त प्रयास के किया जा रहा है। प्रदर्शनी में प्रवेश निःशुल्क होगा।

यह होंगे आयोजन

  1. कृषि आधारित एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन- 2022 सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक जुपिटर हॉल इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में होगा।
  2. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की प्रदर्शनी (इंडिया फूड एक्सपो-2022) प्रदर्शनी ग्राउंड इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में होगी।
  3. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों पर राष्ट्रीय सेमिनार 3 एवं 4 नवम्बर को प्रातः 10 बजे से
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