Saturday, July 27, 2024
spot_img

दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए आयातित दवाओं को सीमा शुल्क से पूरी छूट

दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए आयातित दवाओं को सीमा शुल्क से पूरी छूट

JOIN

मरीजों को मिलेगी राहत



केंद्र सरकार ने दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे लोगों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने दुर्लभ बीमारियों के इलाज में निजी उपयोग के लिए आयातित दवाओं पर सीमाशुल्क से पूरी छूट दे दी है। सरकार के इस कदम से दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे लोगों को काफी राहत मिलेगी। आपको बता दें, आयात शुल्क में छूट 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएगी।

वित्त मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने सामान्य छूट अधिसूचना के जरिये राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति 2021 के तहत सूचीबद्ध सभी दुर्लभ रोगों के उपचार के सम्बंध में निजी उपयोग के लिये विशेष चिकित्सा उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सभी आयातित औषधियों व खाद्य सामग्रियों को सीमा शुल्क से पूरी छूट दे दी है।

छूट का लाभ उठाने के लिए दिखाना होगा प्रमाण पत्र

केन्द्र सरकार की ओर से दुर्लभ बीमारियों के इलाज वाली दवाओं में दी जा रही इस छूट का लाभ उठाने के लिये, वैयक्तिक आयातक को केंद्रीय या राज्य निदेशक स्वास्थ्य सेवा या जिले के जिला चिकित्सा अधिकारी/सिविल सर्जन द्वारा प्राप्त प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। दवाओं पर आम तौर से 10 प्रतिशत बुनियादी सीमा शुल्क लगता है, जबकि प्राण रक्षक दवाओं और वैक्सीनों की कुछ श्रेणियों पर रियायती दर से पांच प्रतिशत या शून्य सीमा शुल्क लगाया जाता है।

सरकार को मिल रहे थे प्रतिवेदन

पहले से स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी या डूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के उपचार के लिये निर्धारित दवाओं के लिए छूट प्रदान की जाती है लेकिन सरकार को ऐसे कई प्रतिवेदन मिल रहे थे जिनमें अन्य दुर्लभ रोगों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और औषधियों के लिये सीमा शुल्क में राहत का अनुरोध किया जा रहा था। दुर्लभ रोगों के उपचार के लिए दवाएं या विशेष खाद्य सामग्रियां बहुत महंगी होती हैं तथा उन्हें आयात करने की जरूरत होती है। इसी को देखते हुए सरकार ने यह सराहनीय कदम उठाया है।

खर्च में कमी से मरीजों को मिलेगी राहत

जैसा की पहले बताया गया है कि दुर्लभ रोगों के उपचार के लिए दवाएं या विशेष खाद्य सामग्रियां बहुत महंगी हैं तथा उन्हें आयात करने की जरूरत होती है। एक आकलन के अनुसार 10 किलोग्राम वजन वाले एक बच्चे के मामले में कुछ दुर्लभ रोगों के उपचार का वार्षिक खर्च 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये से अधिक तक हो सकता है। यह उपचार जीवन भर चलता है तथा आयु व वजन बढ़ने के साथ-साथ दवा तथा उसका खर्च भी बढ़ता जाता है। इस छूट से खर्च में काफी कमी आ जाएगी और बचत होगी तथा मरीजों को जरूरी राहत भी मिल जायेगी। सरकार ने भिन्न-भिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाले पेमब्रोलीजूमाब (केट्रूडा) को भी बुनियादी सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया है।

JOIN

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

For You
- FOLLOW OUR GOOGLE NEWS FEDS -spot_img
डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विश्वविद्यालय अयोध्या , परीक्षा समय सारणी
spot_img

क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने से कांग्रेस को फायदा हो सकता है?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
प्रभु श्रीरामलला सरकार के शुभ श्रृंगार के अलौकिक दर्शन का लाभ उठाएं राम कथा सुखदाई साधों, राम कथा सुखदाई……. दीपोत्सव 2022 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फोटो के साथ बताई राम मंदिर निर्माण की स्थिति