Saturday, July 27, 2024
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बाल के रोग और उपचार कैसे पाएं गंजेपन से छुटकारा जाने : डॉ आर पी पांडे बैद्य

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बाल के रोग और उपचार कैसे पाएं गंजेपन से छुटकारा जाने : डॉ आर पी पांडे बैद्य

परिचय
इस रोग के कारण सिर में रूसी हो जाती है जिसके कारण सिर में खुजली होने लगती है।
सिर में खुश्की होने का कारण-
सिर की सही तरीके से सफाई न करने के कारण सिर में गंदगी भर जाती है जिसके कारण सिर में खुश्की पैदा हो जाती है।
सिर में खुश्की होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-
गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को आपस में पीसकर इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को सप्ताह में कम से कम 2 बार आधे घण्टे के लिए सिर पर लगाना चाहिए ऐसा करने से बालों के कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं तथा सिर की खुश्की भी खत्म हो जाती है।
सिर की खुश्की को दूर करने के लिए चुकन्दर के पत्तों का लगभग 80 मिलीलीटर रस सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब पत्तों का रस सूख जाए तो इसे आग पर से उतार लें और ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन मालिश करने से रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
सिर की खुश्की को दूर करने के लिए आंवले के चूर्ण को नींबू के रस में मिलाकर सिर में लगाना चाहिए।
सिर की खुश्की तथा बालों के कई प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए कई प्रकार के योगासन है जो इस प्रकार हैं- (सर्वांगासन, मत्स्यासन, शवासन तथा योगनिद्रा)
सिर की खुश्की को दूर करने के लिए 1 लीटर पानी में 1 चम्मच चोकर तथा साबूदाना मिलाकर कुछ देर तक उबालना चाहिए। इसके बाद इस पानी को ठंडा करके दिन में 2 बार सिर को अच्छी तरह से धोना चाहिए। इसके बाद गहरे रंग की बोतल के सूर्यतप्त तेल से सिर की मालिश करने से सिर की खुश्की दूर हो जाती है।
सिर की खुश्की को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी को अपने पेट की सफाई करनी चाहिए और इसके बाद इस रोग का उपचार करना चाहिए।
सिर की खुश्की से पीड़ित रोगी को कुछ दिनों तक चोकर युक्त आटे की रोटी, सब्जी, सलाद तथा फल और दूध का सेवन करके अपने शरीर के खून को शुद्ध करना चाहिए और इसके बाद इस रोग का उपचार करना चाहिए।
डॉ0 विजय शंकर मिश्र:
सिर में जुएं (Head lice)
परिचय:-
इस रोग के हो जाने पर रोगी के सिर में अनेक जुएं हो जाती हैं। सिर में जुएं होने के कारण व्यक्ति को और भी कई रोग हो जाते हैं इसलिए सिर की जुओं को खत्म करना बहुत जरूरी है।
सिर की जुओं को खत्म करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-
सिर की जुओं को खत्म करने के लिए सिर में अच्छी तरह सफाई रखनी चाहिए। इसके बाद 1 भाग लाल बोतल के सूर्यतप्त जल और 2 भाग हरी बोतल के सूर्यतप्त तेल को आपस में मिलाकर, इस तेल से सिर की मालिश करनी चाहिए। इसके बाद 25 ग्राम हल्की नीली बोतल का सूर्यतप्त जल लेकर प्रतिदिन 6 बार बालों पर लगाना चाहिए। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से सिर की जुएं समाप्त हो जाती हैं।
जानकारी-
सिर की जुओं को खत्म करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को अपने पेट को साफ रखना चाहिए और सदैव सादा भोजन खाना चाहिए।
रूसी (Dandruff)
परिचय:-
रूसी सिर में मरी हुई त्वचा के कण होते हैं, जो नई त्वचा के आने से हटते रहते हैं। इन्हीं कणों को रूसी कहते हैं। यह रोग स्त्री और पुरुष दोनों में ही पाया जाता है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि उनके बालों में होने वाली रूसी तैलीय है या रूखी। रूखी रूसी के कण बहुत ही छोटे होते हैं, जो सिर की त्वचा से चिपके या बालों में फैले रहते हैं। ऐसी रूसी में बहुत खुजली होती है। जबकि तैलीय रूसी छोटे कणों के साथ सीबम से मिली होती है। कई बार रूसी ज्यादा हो जाने से बालों का गिरना भी शुरू हो जाता है।
रूसी बालों की सबसे बड़ी दुश्मन है। इसके कारण बाल अपना आकर्षण खो देते हैं। इस रोग के कारण सिर पर खुश्की होकर सफेद-सफेद रूसी बालों में हो जाती है। जब बालों में ब्रश या कंघा करते हैं या बालों को रगड़ते हैं तो यह बालों से निकलकर बाहर गिरने लगती है। यह खोपड़ी पर दाने या पपड़ी के रूप में भी निकल सकती है। यदि इन्हें बालों से बाहर न निकाला जाए तो यह वहां के रोमकूपों को बंद कर देती है।
अगर बालों को साफ न रखा जाए तो उनमें रूसी पैदा हो सकती है और यह फैलने वाली होती है। इसलिए अपने कंघे, ब्रश, साबुन और तौलिए को अलग रखना चाहिए। बालों को सप्ताह में जितनी बार ज्यादा से ज्यादा हो धोना चाहिए।
रूसी होने का कारण:-
यह शरीर में दूषित द्रव्य के जमा हो जाने तथा गलत तरीके के खान-पान और दूषित भोजन का सेवन करने के कारण होती है।
सिर की ठीक तरीके से सफाई न करने के कारण भी सिर में रूसी हो सकती है।
जिस व्यक्ति के बालों में रूसी हो उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये कंघी, तौलिये, ब्रश आदि दूसरे व्यक्तियों को इस्तेमाल नहीं करने चाहिए नहीं तो दूसरे व्यक्ति के बालों में भी रूसी हो सकती है।
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (रोगों से लड़ने की शक्ति) कम होने के कारण तथा भावनात्मक तनाव के कारण भी हो रूसी का रोग हो सकता है।
बालों से रूसी को खत्म करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
पानी में नींबू का रस मिलाकर 1 सप्ताह तक प्रतिदिन बालों की जड़ों में अंगुलियों से अच्छी तरह से मसल लें। फिर थोड़ी देर बाद बालों को धो दें। इससे बालों में से रूसी खत्म हो जाती है।
3 भाग जैतून के तेल में 1 भाग शहद घोल लें। इस मिश्रण को सिर और बालों पर लगाकर सिर पर गर्म तौलिया लपेट लें। इसके बाद सिर को अच्छी तरह से धोने से बालों की रूसी खत्म हो जाती है।
नारियल के तेल में चार प्रतिशत कपूर मिलाकर रख लें। फिर अपने बालों को अच्छी तरह से धोकर बालों को सुखा लें। इसके बाद इस तेल को बालों में लगाकर सिर की अच्छी तरह से मालिश करें। इससे रूसी खत्म हो जाती है।
आंवला, शिकाकाई तथा रीठा को एक साथ पानी में भिगोकर उस पानी से सिर को धोयें। इस क्रिया को 2-3 दिन तक करने से बालों में से रूसी खत्म हो जाती है।
रोजाना जैतून के गुनगुने तेल से सिर की मालिश करें। फिर गर्म पानी में तौलिया भिगोकर अच्छी तरह से निचोड़कर पूरे सिर में बांध लें। इससे तेल और भाप बालों की जड़ों तक पहुंच जाता है। 3 घंटे के बाद गुनगुने पानी से बालों को अच्छी तरह से धोने से बालों मे से सारा शैंपू निकल जाता है।
दही या मट्ठे से सिर धोने से भी लाभ होता है।
सरसों के तेल में नींबू मिलाकर या सिरके में बहुत सारा पानी मिलाकर बालों की जड़ों में लगाकर लगभग 2 घंटे के बाद सिर को धोएं। इससे बालों में से रूसी कम हो जाती है।
बालों में रूसी होने पर प्रतिदिन सुबह के समय में अपने सिर की सूखी मालिश करने से बालों में से रूसी खत्म हो जाती है।
दही में थोड़े से सरसो के तेल को मिलाकर प्रतिदिन इस दही को सिर पर कुछ समय के लिए लगाकर फिर बालों को अच्छी तरह से धोने से रूसी खत्म हो जाती है।
रोजाना आधे घंटे तक सिर पर दही की मालिश करके सिर को धोने से रूसी खत्म हो जाती है।
मेथी के बीजों को रात के समय में पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह के समय में इसे पीसकर लेप बनाकर सिर पर लगाएं और आधे घंटे के बाद सिर को धो लें।
बालों को ब्रश, शैंपू और कंघी से साफ-सुथरा रखें। संतुलित तथा सही से पचने वाला भोजन लें। पूरे सप्ताह में 2 बार गर्म तेल से सिर की मालिश करनी चाहिए।
रोजाना रोजमेरी के काढ़े से सिर की मालिश करने से लाभ मिलता है।
गर्म पानी में 1 नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाकर फिर सिर को धोने से रूसी में लाभ होता है। बालों को धोने से पहले सिर की त्वचा में तेल की मालिश के बाद गर्म या ठंडे पानी में भीगा हुआ तौलिया लपेट लें। इससे त्वचा के रोम-छिद्र खुल जाते हैं, खून का बहाव तेज होता है और रूसी भी दूर होती है।
सुबह के समय में जब धूप निकल जाए तब कम से कम आधे घंटे तक सूर्य का प्रकाश अपने सिर पर लगने दें। इसके बाद मुलतानी मिट्टी का लेप बनाकर सिर पर लगा लें और कुछ देर बाद सिर को धो लें इससे रूसी खत्म हो जाती है।
1 अंडे की सफेदी और 1 नींबू के रस को मिलाकर सिर पर आधे घंटे के लिए लगाएं। फिर इसे सादे पानी से धो लें। अंत में सिरका सादे पानी में मिलाकर बालों को धोने से लाभ मिलता है।
सूर्यतप्त नीले तेल की मालिश सिर पर कुछ दिनों तक करने से रूसी खत्म हो जाती है।
शरीर में से दूषित द्रव्यों को बाहर करने के लिए व्यक्ति को सप्ताह में एक बार उपवास रखना चाहिए तथा पत्ता गोभी का रस, पालक का रस, अन्ननास का रस सेवन करना चाहिए। एक सप्ताह तक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए। इसके बाद सामान्य भोजन करना चाहिए और भोजन में फल, अंकुरित दालें तथा सलाद अधिक लेने चाहिए।
चाय, मिर्च-मसालेदार, कॉफी, रिफाइंड वाले पदार्थ तथा मैदा से बनी चीजों का सेवन न करें। पेट को साफ करने के लिए एनिमा क्रिया की आवश्यकता पड़े तो यह क्रिया जरूर करनी चाहिए।
जानकारी-
इस प्रकार से रूसी को खत्म करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार किया जाए तो बालों की रूसी जल्द दूर हो जाती है।
बालों का सफेद होना (Hair Greying)
परिचय:-
वैसे देखा जाए तो बढ़ती उम्र के साथ-साथ बालों का सफेद होना आम बात है, लेकिन समय से पहले बालों का सफेद हो जाना एक प्रकार का रोग है। जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके बाल दिनों दिन सफेद होने लगते हैं। बालों का सफेद होना एक चिंता का विषय है और विशेषकर महिलाओं के लिए। यदि बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं तो व्यक्ति की चेहरे की सुन्दरता अच्छी नहीं लगती है। इसलिए बालों के सफेद होने पर इसका इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है।
बालों के सफेद होने का कारण:-

  1. असंतुलित भोजन तथा भोजन में विटामिन `बी´, लोहतत्व, तांबा और आयोडीन की कमी होने के कारण बाल सफेद हो जाते हैं।

  2. मानसिक चिंता करने के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं।

  3. सिर की सही तरीके से सफाई न करने के कारण भी व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं।

  4. कई प्रकार के रोग जैसे- साईनस, पुरानी कब्ज, रक्त का सही संचारण न होना आदि के कारण बाल सफेद हो सकते हैं।

  5. रसायनयुक्त शैम्पू, साबुन, तेलों का उपयोग करने के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं।

  6. अच्छी या पूरी नींद न लेने के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं।

  7. बालों को सही तरीके से पोषण न मिलने के कारण भी ये सफेद हो जाते हैं।

  8. अधिक क्रोध, चिंता और श्रम करने पर उत्पन्न हुई गर्मी और पित्त सिर की नाड़ियों तक पहुंचकर बालों को रूखा-सूखा तथा सफेद कर देती हैं।

  9. अनियमित खान-पान तथा दूषित आचार-विचार के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं।

    बालों के सफेद होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

  10. इस रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को संतुलित भोजन, फल, सलाद, अकुंरित भोजन, हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

  11. रोगी को गाजर, पालक, आंवले का रस अधिक मात्रा में पीना चाहिए।

  12. रोगी व्यक्ति को काले तिल तथा सोयाबीन का दूध पीना चाहिए।

  13. इस रोग से बचने के लिए व्यक्ति को बादाम तथा अखरोट का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।

  14. गाय का घी खाने में प्रयोग करने से व्यक्ति के बाल जल्दी सफेद नहीं होते हैं तथा सफेद बालों की समस्या भी दूर हो जाती है।

  15. आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को आपस में मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रख दें। सुबह के समय इसको मसलकर लेप बना लें फिर इसके बाद 15 मिनट तक इसे बालों में लगाएं। इस प्रकार से उपचार सप्ताह में 2 बार करने से बाल सफेद होना बंद होकर कुदरती काले हो जाते हैं।

  16. गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एकसाथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। फिर इस लेप को अपने बालों पर सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए लगाएं। ऐसा करने से सफेद बाल काले होने लगते हैं।

  17. चुकन्दर के पत्तों का लगभग 80 मिलीलीटर रस सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। फिर जब पत्तों का रस सूख जाए, तो आग पर से उतार लें। फिर इसे ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं और समय से पहले सफेद नहीं होते हैं। इससे बालों की कई प्रकार की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

  18. बादाम के तेल तथा आंवले के रस को बराबर मात्रा में मिला लें। इस तेल से रात को सोते समय सिर की मालिश करने से बाल सफेद होना बंद हो जाते हैं।

  19. रात के समय तुलसी के पत्तों को पीसकर और इसमें आंवले का चूर्ण मिलाकर पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह के समय में इस पानी को छानकर इससे सिर को धो लें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में सफेद बाल काले हो जाते हैं।

  20. आंवले के चूर्ण को नींबू के रस में मिलाकर बालों में लगाने से बाल काले, घने तथा मजबूत हो जाते हैं।

  21. बाल सफेद होने पर सूर्यतप्त आसमानी तेल से सिर की मालिश करने से बाल सफेद होना बंद हो जाते हैं।

  22. बालों को सफेद होने से रोकने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को मानसिक दबाव तथा चिंता को दूर करना चाहिए और फिर इसका उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से करना चाहिए।

  23. कई प्रकार के योगासन (सर्वांगासन, मत्स्यासन, शवासन तथा योगनिद्रा) प्रतिदिन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है और उसके बाल सफेद होना रुक जाते हैं।

  24. भोजन करने के बाद खोपड़ी को खुजलाते हुए कंघी करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।

    बालों को झड़ने तथा सफेद होने से बचाने के लिए कुछ चमत्कारी बालों का तेल बनाने का तरीका-

  25. सबसे पहले एक लोहे का बर्तन ले लें। इसके बाद इसमें 1 लीटर नारियल का तेल, 100 ग्राम आंवला, रीठा, शिकाकाई पाउडर, 1 बड़ा चम्मच मेंहदी, 2 चम्मच रत्नजोत पाउडर को एकसाथ मिलाकर सूर्य की रोशनी में कम से कम एक सप्ताह तक रखें। फिर इसके बाद इसे धीमी आग पर उबालें तथा उबलने के बाद इसको छानकर इसमें नींबू का रस तथा कपूर मिलाकर बोतल में भर कर रख दें। इसके बाद प्रतिदिन इस तेल को बालों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लम्बे घने और काले हो जाते हैं।

  26. आधा किलो सूखे आंवले को कूटकर साफ कर लें तथा इसके बाद मुलैठी को कूटकर आपस में मिला लें। फिर इसमें आठ गुना पानी मिलाकर किसी बर्तन में इसे फूलने के लिए छोड़ दें। फिर सुबह के समय में इसे धीमी आग पर उबालने के लिए रख दें। इस मिश्रण को तब तक गर्म करना चाहिए, जब तक कि इसका पानी आधा न रह जाए। फिर इसे आग पर से उतार लें और इसे अच्छी तरह से मिलाकर छान लें। इसके बाद फिर से इस मिश्रण को तेल में मिलाकर आग पर गर्म करें तथा इसे तब तक गर्म करें जब तक कि इसका सारा पानी जल न जाये। इसके बाद इसे आग से उतार लें और इसमें इच्छानुसर सुगन्ध तथा रंग मिलाकर किसी बोतल में भर लें। इसके बाद प्रतिदिन इस तेल को बालों पर लगाएं। इस तेल को लगाने से सिर का दर्द, बालों का सफेद होना, बालों का झड़ना रुक जाता है तथा रोज इसके उपयोग से बाल लम्बे, घने तथा काले हो जाते हैं। इस तेल से सिर की खुश्की भी दूर हो जाती है।

  27. 250 ग्राम घिया (लौकी) को लेकर अच्छी तरह से पीस लें और फिर इसे महीन कपड़े से छानकर इसका सारा पानी बाहर निकाल लें। इसके बाद इसमें 250 मिलीलीटर नारियल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब तक तेल थोड़ा गर्म न हो जाए तब तक इसमें लौकी का निकाला हुआ पानी धीरे-धीरे डालते रहें और इसे उबलने दें। जब सारा पानी जल जाए तब इसको आग पर से उतार लें। इस तेल को ठंडा करके बोतल में भर दीजिए।

    इस तेल को प्रतिदिन बालों पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इस तेल के उपयोग से सिर को ठंडक मिलती है। इस तेल को रोजाना इस्तेमाल करने से व्यक्ति की याद्दाश्त तेज होती है। पैर के तलवों में जलन होने पर इस तेल से पैर के तलवों की मालिश करने से बहुत आराम मिलता है। इस प्रकार से रोगी का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से करने से रोगी के बालों से सम्बन्धित सारे रोग ठीक हो जाते हैं।

    बालों का गिरना (Hair Falling)

    परिचय:-

    बाल सिर्फ चेहरे की सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये गर्मी और सर्दी से सिर की रक्षा भी करते हैं। बाल सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को शोषित करके विटामिन और डी को संरक्षित भी करते हैं तथा इसके साथ-ही साथ उष्णता, शीतलता, और तेज हवा से हमारे सिर की सुरक्षा भी करते हैं। जब यह बाल किसी कारण से झड़ने लगते हैं तो व्यक्ति की सुन्दरता बेकार लगने लगती हैं। इस रोग के कारण व्यक्ति के सिर के बाल झड़ने लगते हैं। जब रोगी व्यक्ति के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते हैं तो वह गंजा सा दिखने लगता है।

    बाल झड़ने का कारण:-

    यह रोग व्यक्ति को अधिकतर तब होता है जब व्यक्ति के शरीर में विटामिन `बी´ एवं प्राकृतिक लवणों, लौह तत्व तथा आयोडीन की कमी हो जाती है।

    कई प्रकार के लम्बे रोग जैसे- टायफाइड, उपदंश, जुकाम, नजला, साइनस तथा रक्तहीनता (खून की कमी) आदि रोग होने के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।

    किसी प्रकार के आघात या बहुत अधिक चिंता करने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।

    सिर की ठीक तरीके से सफाई न करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।

    शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।

    सिर के रक्त संचारण में कमी आ जाने के कारण भी बाल झड़ने का रोग हो सकता है।

    शैम्पू तथा साबुन आदि का अधिक मात्रा में उपयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।

    हेयर ड्रायर्स का अधिक प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।

    अधिक मात्रा में दवाइयों का प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।

    कब्ज रहना, नींद न आना तथा अधिक दिमागी कार्य करने के कारण भी बाल झड़ने का रोग व्यक्ति को हो सकता है।

    बालों को सही तरीके से पोषण न मिल पाने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।

    वात और पित्त कुपित जब होकर रोमछिद्रों में पहुंचते हैं तो बाल झड़ने लगते हैं।

    अधिक मिर्च-मसाले तथा तली हुई चीजों का सेवन करने से बाल झड़ने लगते हैं।

    बाल झड़ने का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

    बालों के झड़ने के रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से पहले इस रोग के होने के कारणों को दूर करना चाहिए और फिर इसका उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से करना चाहिए।

    इस रोग से बचने के लिए भोजन संतुलित तथा पौष्टिक करना चाहिए।

    बाल झड़ने के रोग को ठीक करने के लिए सप्ताह में एक बार फलों का भोजन करना चाहिए।

    बालों को झड़ने से रोकने के लिए पत्ता गोभी, अनन्नास तथा आंवला का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।

    बाल झड़ने से रोकने के लिए व्यक्ति को अपने भोजन में सब्जियां, सलाद, मौसम के अनुसार फल और अंकुरित अन्न का अधिक मात्रा में उपयोग करना चाहिए।

    भोजन में आटे की रोटी, चावल, फल व हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।

    इस रोग से पीड़ित रोगी को पालक व गाजर के रस का अधिक सेवन करना चाहिए। इससे रोगी के बाल झड़ना बहुत जल्द ही रुक जाते हैं।

    रोगी व्यक्ति को अपने सिर के पसीने को सूखने नहीं देना चाहिए।

    बालों को झड़ने से रोकने के लिए आंवले का अपने भोजन में अधिक उपयोग करना चाहिए तथा आंवले के मुरब्बा का सेवन करना भी बहुत लाभदायक होता है।

    इस रोग से पीड़ित रोगी को अपने सिर को दही से धोना चाहिए और फिर नारियल के दूध से खोपड़ी की मालिश करनी चाहिए। इसके बाद सिर को धोना चाहिए और कुछ समय बाद बथुए के पानी से सिर को धोना चाहिए। ऐसा करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।

    इस रोग से पीड़ित रोगी को उंगुलियों से रात को सोने से पहले नित्य पांच मिनट तक सिर की मालिश करनी चाहिए तथा स्नान से पहले दस मिनट तक अपने शरीर पर सूखा घर्षण करना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं।

    रात में मेथी के बीजों को पानी में भिगो देना चाहिए। सुबह उठने पर इन्हें पीसकर लेप जैसा बना लेना चाहिए और फिर इस लेप को बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।

    बाल झड़ने के रोग में बेरी के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर लगाने से बाल दुबारा उगने लगते हैं।

    ताजे धनिये का रस या गाजर का रस बालों की जड़ों में लगाने से रोगी व्यक्ति के बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।

    सिर में जिस जगह से बाल झड़ गये हैं उस जगह पर प्याज का रस लगाने से बाल दुबारा से उग आते हैं।

    गाजर को पीसकर लेप बना लें। फिर इस लेप को सिर पर लगाये और दो घंटे के बाद धो दें। ऐसा प्रतिदिन करने से बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।

    गंजेपन को दूर करने के लिए रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए।

    सूर्य तप्त नीली बोतल के तेल से सिर पर रोजाना मालिश करने से बाल गिरना रुक जाते हैं।

    खाना खाने के बाद सिर को उंगलियों से खुजलाना चाहिए, इससे बाल झड़ना कुछ ही दिनों में रुक जाते हैं।

    बाल झड़ने के रोग को ठीक करने के लिए रोजाना 2-3 बार लगभग पांच मिनट के लिए दोनों हाथों की उंगुलियों के नाखूनों को आपस में रगड़ना चाहिए।

    सुबह सूर्योदय से पहले दैनिक कार्यों से निवृति के बाद स्नान करना चाहिए। इस प्रकार के स्नान से पेट, सिर और आंखों में गर्मी नहीं बढ़ती है। इसके फलस्वरूप बाल झड़ना रुक जाते हैं।

    बालों को झड़ने से रोकने के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार मुलतानी मिट्टी से बालों को धोना चाहिए।

    इस रोग को ठीक करने के लिए खुली हवा में लंबी गहरी सांस लेनी चाहिए तथा कुछ व्यायाम भी करने चाहिए।

    यदि किसी व्यक्ति को जुकाम, खांसी, तनाव, चिंता, प्रमेह आदि रोग हो गए हों तो उसे तुरंत ही इसका इलाज करना चाहिए क्योंकि ये बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।

    रोजाना रात को सोते समय 10 से 15 मिनट तक अपनी उंगलियों से बालों की जड़ों में सरसों या बादाम के तेल की हल्की-हल्की मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल घने तथा लम्बे होने लगते हैं।

    आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रखना चाहिए और सुबह के समय में इसको मसल कर लेप बना लेना चाहिए। इसके बाद इस लेप को 15 मिनट तक बालों में लगाएं। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल कुदरती काले हो जाते हैं।

    रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह के समय उठते ही इस पानी को पी लें। इसके साथ ही आधा चम्मच आंवले के चूर्ण का सेवन भी करें। इससे कुछ ही समय में बालों के झड़ने का रोग ठीक हो जाता है।

    गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एक साथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल सफेद भी नहीं होते हैं।

    लगभग 80 मिलीलीटर चुकन्दर के पत्तों के रस को सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब पत्तों का रस सूख जाए तो इसे आग पर से उतार लें और ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ने रुक जाते हैं तथा बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।

    कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडना बंद हो जाते हैं तथा बाल घने भी होना शुरु हो जाते हैं।

    नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।

    बाल झड़ने से रोकने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार कई प्रकार के आसन हैं जिनको करने से बाल झड़ने कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। ये आसन इस प्रकार हैं- शवासन, सर्वांगासन, योगनिद्रा, मत्स्यासन, विपरीतकरणी मुद्रा तथा शरीर के अन्य उलटने-पलटने का आसन। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से रोगी के बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती है।

    इस रोग का उपचार करते समय प्राकृतिक चिकित्सा के सुझावों पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए और फिर इसका उपचार करना चाहिए।

    जिस दिन आप प्राकृतिक चिकित्सा से इस रोग का उपचार कर रहे हों उस दिन कोई भी साबुन या शैम्पू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

    सप्ताह में दो बार करने योग्य कार्य:-

    (१) सो ग्राम दही में कालीमिर्च का पाउडर मिलाकर शिर के बालों में शैंपू की जगह यूज़ करें।

    (२) बालों के अनुसार बेंसन लेकर उसका पेस्ट बनाएं और एक घंटे तक बालों में लगा रहने दें,

    बाद में नहाते समय बालों को अच्छी तरह धो लें।

    इसका का शैंपू की जगह यूज़ करें।।

    मित्रों यह जानकारी आपको कैसी लगी मुझे कमेंट करके अवश्य बताएं और कोई समस्या हो तो भी बताएं !

    गंजेपन का उपचार क्या आप चाहते है किसी और को इसका लाभ मिले तो शयेर करे

    गंजे सिर पर उगाये बाल सरल सस्ता व प्रभावशाली नुस्खा चिरमिटी – रत्ती – घुंघुचि – गुंचा – ABRUS Precatorius ले ! ( ये इसके नाम है ) यह सफ़ेद और लाल + काले रंग की मनके के समान होती है ! जड़ी बूटी बेचने वालो या पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाती है ! * सफ़ेद रंग कि मिले तो वह ले – न मिले तो लाल काले रंग कि ले ! इसे बारीक पीस कर पाउडर बना छान ले – छानने के बाद जो ऊपर मोटा अंश बचे उसे फेंके नहीं ! अब छने हुए पाउडर मे से लगभग अलग निकाल कर रख लें ! बाकी बचे हुए सारे पाउडर को लगभग लीटर पानी मे धीमी आग पर इतना उबाले कि उबल के पानी लगभग रह जाये – अब इस उबले पानी को छान कर रख ले ! एक लौहे की कड़ाही मे लगभग तिल का तेल ( तिल का न मिले तो सरसों का भी ले सकते हैं परंतु तिल का तेल अधिक असरदार है ! ) व चिरमटी उबाल कर छाना हुआ पानी व चिरमटी का बचा हुआ पाउडर – सभी वस्तुए ठंडे तेल मे मिला ( गरम तेल मे कुछ नही डालना – ऐसा नुकसानदायक हो सकता है ! ) धीमी आंच पर फिर से पकाए ! पकने उपरांत जब तेल मे से पानी लगभग जल जाए – तो यह टेस्ट करने के लिये की इसमें पानी का अंश पूर्ण रूप से जल गया है केवल मात्र तेल ही शेष बचा है – इसके परिक्षण के लिये एक लौहे की तार का टुकडा या बांस की झाडू की सींख ले उस पर काटन का फोया लपेट उसे तेल में भिगो आग पर रखे – यदि चटर पटर की आवाज आए तो समझे कि अभी तेल पूरी तरह नहीं

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