Saturday, July 27, 2024
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चैत्र नवरात्रि में भूलकर न करें ये गलतियां

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चैत्र नवरात्रि में भूलकर न करें ये गलतियां

पंडित सुधांशु तिवारी
(एस्ट्रो साइंस विशेषज्ञ, एस्ट्रोलॉजर)

मां आदिशक्ति की उपासना का पावन पर्व यानी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है, जो कि 30 मार्च तक मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के इन पावन दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा धरती पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं. आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि 2023 में कौन सी सावधानियां बरतनी हैं.

 चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 22 मार्च 2023 से शुरू हो रहा है और 30 मार्च को इनका समापन होगा.  नवरात्रि के साथ ही 22 मार्च से हिंदू नववर्ष नव संवत्सर 2080 भी शुरू होगा. नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है. हर साल नवरात्रि पर माता रानी का आगमन विशेष वाहन पर होता है, जिसका खास महत्व होता है. मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और अन्य देवी-देवताओं के साथ पृथ्वीलोक पर आती हैं. इस साल नवरात्रि पर माता रानी नौका में सवार होकर आएंगी. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए. 

1. साफ सफाई
नवरात्रि से पहले घर की साफ सफाई कर लें. घर के मंदिर को साफ करें लें. अपने घर में किसी भी तरह की गंदगी न करें. घर में कोई भी अनुपयोगी चीजें न रखें जैसे कूड़ा कबाड़ आदि. इन अनुपयोगी चीजों से नकारात्मक ऊर्जा घर में आती है. 

2. सात्विकता रखें
नवरात्रि में पूरी तरह से सात्विकता का पालन करें. प्याज और लहसून का सेवन भूलकर न करें.  नवरात्रि के दिनों में इन्हें घर में नहीं लाना चाहिए. इन चीजों से माता रुष्ट हो जाती हैं. माना जाता है कि ये चीजें मानसिक थकान का कारण भी बनती हैं. इसलिए 9 दिनों तक सात्विक भोजन करना चाहिए. 

3. नाखून काटना
नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान नाखून काटने की मनाही होती है. आपने देखा भी होगा कि कई लोग नवरात्रि शुरू होने के पहले ही नाखून काट लेते हैं, ताकि 9 दिनों में नाखून काटने की जरूरत न पड़े. कहा जाता है कि ऐसा करने से देवी क्रोधित हो जाती हैं और फिर उनके क्रोध का सामना करना पड़ता है. इसलिए ऐसा करने से बचें.

4. बाल कटवाना
नवरात्रि के दौरान कटिंग और शेविंग कराने से बचें. कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान बाल कटवाने से भविष्‍य में सफल होने की संभावना कम हो जाती हैं. इसलिए 9 दिनों तक बाल और दाढ़ी कटवाने से बचें.

5.  शराब का सेवन करना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पवित्र समारोह या त्योहार के दौरान शराब के सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए. चैत्र नवरात्रि को देवी मां की आराधना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है, इसलिए नवरात्रि पूजा के 9 दिनों के दौरान शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.

6. लेदर की चीजें पहनना 
चमड़े की बेल्ट, जूते, जैकेट, ब्रेसलेट आदि पहनने से बचना चाहिए. इसके पीछे का कारण है कि चमड़ा जानवरों की खाल से बना होता है और इसे अशुभ माना जाता है. इसलिए नवरात्रि में चमड़े से बनी किसी भी चीज का प्रयोग न करें. 

7. किसी को अपशब्द बोलना
नवरात्रि के दौरान किसी से भी अशुभ या अपशब्द बोलने से बचना चाहिए. इसका कारण है कि नवरात्रि देवी की भक्ति और आराधना करने का समय होता है. अगर इस दौरान गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं, तो देवी मां क्रोधित हो सकती हैं. इसलिए ऐसा करने से बचें. नवरात्रि के दिनों में कलह करने व झूठ बोलने से बचना चाहिए. 

चैत्र नवरात्रि में 9 दिन पहनें इन अलग-अलग रंगों के कपड़े, धन के भंडार भर देगी आदिशक्ति

 कहते हैं कि नवरात्रि में देवी दुर्गा के स्वरूपों की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और धन के भंडार हमेशा भरे रहते हैं. ज्योतिषविदों की मानें तो नवरात्रि में हर दिन विशेष रंगों का प्रयोग इंसान लोगों का भाग्य चमका सकता है.

चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं. नवरात्रि आदिशक्ति के स्वरूपों को समर्पित त्योहार है. कहते हैं कि नवरात्रि में देवी दुर्गा के स्वरूपों की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और धन के भंडार हमेशा भरे रहते हैं. ज्योतिषविदों की मानें तो नवरात्रि में हर दिन विशेष रंगों का प्रयोग लोगों का भाग्य चमका सकता है. आप चाहें तो नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहनकर भी देवी की पूजा कर सकते हैं. ये उपाय बहुत ही फलदायी और मंगलकारी हो सकता है.

पहला दिन- नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित होता है. यह दिन पीले रंग से जुड़ा है, जो हमारे जीवन में उत्साह, चमक और प्रसन्नता लाता है. हिंदू धर्म में पीले रंग का बड़ा महत्व है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए.

दूसरा दिन- नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. माता को हरा रंग पसंद है तो इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए. यह रंग जीवन में विकास, सद्भाव और ऊर्जा लाता है.

तीसरा दिन- नवरात्रि के तीसरा दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. माता अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करती है. इस दिन भूरे या ग्रे रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. यह रंग बुराई को नष्ट कर जीवन में दृढ़ संकल्प को जगाता है. 

चौथा दिन- नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की आराधना की जाती है. इस दिन नारंगी रंग की वस्त्र पहनकर माता की पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं और जीवन में प्रसन्नता का आशीर्वाद देती हैं. यह रंग खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.

पांचवा दिन- नवरात्रि का पांचवा दिन माता स्कंदमाता को समर्पित होता है. इस दिन सफेद रंग बड़ा शुभ माना जाता है. ये रंग जीवन में शांति, पवित्रता, ध्यान और सकारात्मकता को फैलाता है. 

छठा दिन- नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है. यह देवी का सबसे शक्तिशाली स्वरूप होता है. इन्हें युद्ध की देवी के नाम से भी जाना जाता है. माता के इसी स्वरूप ने महिषासुर का वध भी किया था. इस दिन लाल रंग पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. यह रंग उत्साह और उमंग का प्रतीक माना जाता है.

सातवां दिन- नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है. इनके नाम का मतलब है- काल की मृत्यु. इस स्वरूप को राक्षसों का नाश करने वाला माना जाता है. माता की पूजा नीला रंग पहनकर करनी चाहिए. क्योंकि माता के इस रूप को सांवले और निडर रूप में दर्शाया गया है. 

आठवां दिन- नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. जो व्यक्ति देवी के इस स्वरूप की पूजा करता है, उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. यह रंग आशा, आत्मशोधन और सामाजिक उत्थान का प्रतीक माना जाता है.

नौवां दिन- नवरात्रि के आखिरी दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. माता सिद्धिदात्री शक्ति प्रदान करने वाली देवी मानी जाती है. यह रंग महत्वकाक्षाओं का प्रतीक माना जाता है.

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