‘आइकॉन ऑफ गोरखपुर’ के मार्गदर्शन में आयोजित होगा अगले साल विश्वविद्यालय की स्थापना का डायमंड जुबली सेलिब्रेशन
गोरखपुर:- दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन के समापन समारोह तथा स्थापना दिवस पर 54 ‘आइकॉन ऑफ गोरखपुर’ को सम्मानित किया गया।
विशिष्ट तथा ख्यातिलब्ध पुरातन छात्रों तथा गोरखपुर से जुड़े विशिष्ट व्यक्तियों को ‘आइकॉन ऑफ गोरखपुर’ कार्यक्रम के अंतर्गत जोड़ने की योजना कुलपति प्रो राजेश सिंह ने बनाई। इसके अंतर्गत 100 विभूतियों को ‘आइकॉन ऑफ गोरखपुर’ से जोड़ा गया है तथा 250 को जोड़ने की योजना है। पुरातन छात्र तथा माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी सहित कुलपतिगणों, पूर्व कुलपतिगणो, प्रशासनिक अधिकारियों तथा अन्य क्षेत्रों में योगदान कर रहे पुरातन छात्रों को ‘आइकॉन ऑफ गोरखपुर’ थिंक टैंक में जोड़ा गया है।
कुलपति ने बताया कि यह थिंक टैंक अगले साल विश्वविद्यालय की स्थापना का डायमंड जुबली सेलिब्रेशन वर्ष के आयोजन का मार्गदर्शन करेगा। आज ही थिंक टैंक के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। ‘आइकॉन ऑफ गोरखपुर’ की नियमित बैठक का आयोजन किया जाएगा तथा विश्वविद्यालय में शैक्षणिक एवं शोध के विकास में इनका मार्गदर्शन लिया जाएगा।
आइकॉन ऑफ गोरखपुर ने साझा किए अपने विचारों
डॉ. राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा कि यह सम्मान गोरखपुर विश्वविद्यालय का सम्मान है। उन्होंने हास्य अंदाज में कहा कि मैं केवल एक वर्ष ही गोरखपुर विश्वविद्यालय से B. Sc कर पाया मैंने इस विश्वविद्यालय से डिग्री भी नही ले पायी इसका ये अर्थ नहीं है कि मै परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया मेरा प्रवेश बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हो गया। इस विश्विद्यालय से जितने भी राजनेता निकले है उनमें से अधिकतर की सकरात्मक छवि रही है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की आलोचना होना स्वभाविक बात है, लेकिन मै उसको तरक्की का साधन मानता हूँ।
यूपी के पूर्व बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार के मुखिया ने जब मुझे दूरभाष के माध्यम से इस कार्यक्रम में आने की सूचना दिया, आज कार्यक्रम मे उपस्थित होकर मन के भावना को शब्द देना मुश्किल लग रहा है। वर्ष 1996-98 मे मैं इसी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र का विद्यार्थी रहा हुँ, मेरे सार्वजनिक जीवन में जो श्रेय प्राप्त हुआ है उसका आधार गोरखपुर विश्वविद्यालय ही रहा है।
शशांक मणि त्रिपाठी के कहा की ये अमृतकाल है, इस विश्विद्यालयको 3.78 ग्रेड का पताका प्राप्त हुआ है। गोरखपुर के बारे में उन्होंने बताया कि यह महावीरो की धरती है हम सभी को पूर्वांचल की भूमि को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल में वापस आकर अपनी ऊर्जा को वापस लाना आपका कर्तव्य है।
आजतक की वरिष्ठ एंकर चित्रा त्रिपाठी ने कहा छात्रों को सुझाव दिया की उन्हे अपने अंदर महत्वाकांक्षा रखने की सलाह भी दे उन्होंने अपने पुराने दिन को याद करते हुए कहा कि इसी दीक्षा भवन में जब वो एनसीसी कैडिट थी तो उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम आए हुए थे उस कार्यक्रम में मैंने पूरी तनम्यता के साथ प्रतिभाग किया था। उन्होंने कहा की जिस गोरखपुर को लोग नहीं जानते थे वह विश्विद्यालय आज देश के सर्वश्रेष्ठ विश्विद्यालयों में से एक है।
डॉ. एस. एस. दास ने कहा कि मुझे अपनो के बीच में आकर अच्छा लग रहा है, इस विश्वविद्यालय में मेरी आत्मा बसती है मै यहाँ साँस लेता हूँ क्योकि मैं इस विश्वविद्यालय के कोने कोने से परिचित हूँ।
वैदुर्य प्रताप शाही ने कहा कि मैं इस सम्मान को लेकर गर्व की अनुभूति कर रहा हूँ, मेरी पीढी ने इस विश्वविद्यालय को अपना समय दिया है।
कुवर बृजेश सिंह ने कहा कि मैं इस विश्वविद्यालय का ऋण चुकाना चाहता हूँ, इस विश्वविद्यालय का प्रत्येक छात्र ब्रांड एम्बेसडर बने छात्र ऐसी मेरी अभिलाषा है।
अमृता चौरसिया ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में पढाई के दौरान तमाम सारी यादों को सजोया गया है जिसको व्यक्त करने के लिए शब्दों की कमी पड़ जा रही हैं।
रोजर आगस्टिन ने कहा कि मैं आज पुरातन छात्र के रूप सम्मान पाकर गर्व की अनुभूति कर रहा हूँ।