दूसरे की साइकिल की सवारी को तरसता था धीरेन्द्र, अब विदेशी धरती पर मार रहा कुलांचे
- गोरखपुर के युवा धीरेन्द्र यादव को कनाडा का सलाम, बीमा क्षेत्र में देश के 10 युवाओं में शामिल
गोरखपुर। दूसरे की साइकिल की सवारी करने भर की मंशा पूरी करने को तरसने वाले धीरेन्द्र ने जब बीमा क्षेत्र में कदम रखा तो शायद उसे यह नहीं पता था कि एक दिन वह इस क्षेत्र के टॉप 10 युवाओं में शुमार होगा, लेकिन अब ऐसा ही है। आलम यह है कि धीरेन्द्र अपने काम के दम पर विदेशी धरती पर हर वर्ष न सिर्फ कुलांचे मार रहा है बल्कि हवाई जहाज की सवारी कर साइकिल पर न बैठने वालों को भी आईना दिखा रहा है। युवा भी इसके कार्यों के मुरीद हैं और इसे अपने मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार कर रहे हैं।
कनाडा के लंदन स्थित एक बीमा कंपनी ने पिछले 15 वर्षों के प्रदर्शन के आधार पर गोरखपुर में काम कर रहे धीरेन्द्र को 10वा स्थान दिया है। उत्तर प्रदेश से केवल दो युवाओं को ही इसमें स्थान मिला है, जिसमें कानपुर का भी एक युवा शामिल है।
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के कसया ब्लाक के मठिया माधोपुर गांव का युवक धीरेन्द्र यादव कभी दूध बिकने पर स्कूल फीस भरने को अपने दादा से मिलने वाले पैसे की ओर टकटकी लगाए देखता था, लेकिन अब परिस्थितियां बिलकुल अलग हैं। धीरेन्द्र यादव ने बीमा क्षेत्र में न सिर्फ भारत बल्कि विदेशी धरती पर भी झंडा गाड़ दिया है। भारत के टॉप 10 युवाओं में शामिल स्व. रामजी यादव का पुत्र धीरेंद्र यादव बचपन से ही होनहार है। समय के थपेड़ो के साथ बड़ा हुआ यह बालक अब 40 बसंत पार कर चुका है। बीमा क्षेत्र के महारथी के रूप में अपनी पहचान चुके धीरेन्द्र की गति, पहले से और तेज हो चुकी है। देश के 10 नौजवानों में चयनित धीरेन्द्र को अपनी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के साथ वार्सिलोना (स्पेन) और जापान में 6-6 रातें गुजारने व सम्मानित होने का गौरव हासिल हुआ है।
बचपन से है होनहार
घर की खराब आर्थिक स्थिति के बाद भी बचपन के दिनों में पढ़ाई पूरी करने की जिद, धीरेन्द्र को अन्य बच्चों से अलग करती थी। दूध-दही बेचकर घर लौटे दादा से मिलने वाले पैसे से फीस भरकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहा। यह उपलब्धि उसकी अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है।
शहरी युवाओं को टक्कर
बीमा क्षेत्र एक चैलेंजिंग क्षेत्र है। यहां पैसा इन्वेस्ट कराना आसान नहीं होता है। ग्रामीण इलाके के इस युवा का भारत के टॉप 10 में जगह बनाना इसके आत्मबल और कर्तव्य परायणता को प्रदर्शित करता है। शहरी युवाओं को टक्कर दे रहा देने वाले धीरेन्द्र ने अपने काम के दम पर बुडापेस्ट, इटली, जर्मनी, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे विदेश के दर्जन भर स्थानों पर सम्मानित हो चुका है। देश के गिने-चुने शहरी युवाओं के साथ कदमताल करना उसे अन्य युवाओं से अलग बना रहा है।
बोले ब्रांचहेड
गोरखपुर के ब्रांचहेड राजीव पाठक का कहना है कि जब से धीरेन्द्र ने कम्पनी ज्वाइन की तभी से वह कड़ी मेहनत कर रहा है। लगन, आत्मविश्वास और संकल्प शक्ति का धनी धीरेन्द्र इस ब्रांच के लिए गौरव का विषय है। ग्रामीण इलाके का यह युवक वर्ष 2005 से अब तक दर्जनों बार कई खिताब हासिल कर चुका है।