Saturday, July 27, 2024
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कृषि के छात्रों को दो विदेशी भाषाओं का करना होगा कोर्स: कुलपति

कृषि के छात्रों को दो विदेशी भाषाओं का करना होगा कोर्स: कुलपति

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पांच एग्री स्टार्टअप प्रमोट करे कृषि संस्थान: कुलपति

लोक संस्कृति में कृषि को पाठ्यक्रमों में लाने की आवश्यकता: पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह

गोरखपुर: नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने के अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान द्वारा एवं भव्य समारोह का आयोजन किया गया।


समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने की तथा मुख्य अतिथि पद्मश्री सम्मान से अलंकृत सुप्रसिद्ध लेखिका श्रीमती विद्या बिंदु सिंह रही। सुप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ रामचेत चौधरी समारोह में मुख्य वक्ता रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने कहा कि कृषि के छात्रों को दो विदेशी भाषाओं का कोर्स भी करना होगा। उन्हें व्यवसायिक भाषा के रूप में उभर रही जैपनीज तथा चाइनीस में से एक चुनना होगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों को जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश में से एक भाषा का अध्ययन करना होगा। इससे उनके पास रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।


सुप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ कीर्ति सिंह के नाम पर गोल्ड मेडल तथा फेलोशिप


कुलपति ने इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ कीर्ति सिंह के नाम पर गोल्ड मेडल तथा फेलोशिप शुरू करने की भी घोषणा की। कुलपति ने कहा कि कृषि संस्थान के सभी डिपार्टमेंट के टॉपर को फेलोशिप और गोल्ड मेडल दिया जाएगा। यूजी कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा में टॉपर को भी फेलोशिप दिया जाएगा।


पांच एग्री स्टार्टअप प्रमोट करें


कुलपति ने कहा कि कृषि संस्थान पांच एग्री स्टार्टअप प्रमोट करें। श्री आर सी चौधरी के नेतृत्व में काला नमक पर तथा मोटा अनाज के विभिन्न प्रोडक्ट पर स्टार्टअप शुरू किए जा सकते हैं।
लोक संस्कृति में कृषि को पाठ्यक्रमों में लाने की जरूरत
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री से अलंकृत श्रीमती विद्या बिंदु सिंह भारतीय संस्कृति में कृषि के महत्व को उल्लेखित करते हुए कहा कि हमारे यहां जब पहली फसल काटी जाती है इस अवसर पर हम नया वर्ष मनाते हैं। भारत कृषि प्रधान संस्कृति का देश है। लोक कथाओं में कृषि का जिक्र है। लोक संस्कृति में कृषि को पाठ्यक्रमों में लाने की आवश्यकता है। कृषि शब्दावली को भारतीय भाषाओं में लाया जाए। जिस प्रकार विलुप्त हो रहे हमारे अनाजों के लिए सार्थक प्रयास हो रहे इस दिशा में भी प्रयास हो।
नैक में ए प्लस प्लस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने विश्वविद्यालय के आचार्यों, कुलपति, तथा संतो के आर्शीवाद को दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को भी इसका श्रेय देना चाहिए।


स्वतंत्र चेतना की भूमि गोरखपुर
यह गोरखनाथ की धरती है। जाग मछन्दर गोरख आया का जिक्र करते हुए कहा कि यहां विद्यार्थी भी गुरु को जगा सकता है। यह स्वतंत्र चेतना की भूमि है।
यूएन में कृषि विद्यार्थियों के लिए बेहतर अवसर
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध भाग्य कृषि वैज्ञानिक श्री रामचेत चौधरी ने संयुक्त राष्ट्र सिस्टम में कृषि छात्रों के लिए अवसर विषय पर सार्थक व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर कृषि संस्थान के निदेशक डॉक्टर गोविंद पी राव, सलाहकार डॉ एस के सिंह, डीन प्रोफेसर अजय सिंह सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्सेज के डायरेक्टर प्रोफेसर विनय सिंह डॉक्टर प्रोफेसर गोपाल प्रसाद ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ शिखा सिंह किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ दुर्गेश दुबे ने दिया।
इस अवसर पर कुलपति ने नैक मूल्यांकन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले छात्र एवं छात्राओं को सर्टिफिकेट भी प्रदान किए। छात्र एवं छात्राओं ने कुलपति को एक स्मारिका भेंट की।

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