Wednesday, April 17, 2024
spot_img

चौरासी कोस परिक्रमा का हुआ समापन

79 / 100

चौरासी कोस परिक्रमा का हुआ समापन

अयोध्या : अयोध्या में चौरासी कोस की परिक्रमा का समापन हुआ 16 अप्रैल को अयोध्या के कारसेवक पुरम से निकली विश्व हिंदू परिषद के हनुमान मंडल दल के नेतृत्व में चौरासी कोस परिक्रमा कल देर रात अयोध्या वापस पहुंच गई है परिक्रमा का आरंभ अयोध्या में सरयू पूजन के बाद 16 अप्रैल को बस्ती के मखौड़ा धाम क्षेत्र से शुरू हुआ था जो 5 जिलों में होते हुए 22 दिन के लंबे अंतराल के बाद समाप्त हुई है कल देर रात चौरासी कोस की परिक्रमार्थी अयोध्या पहुंच गए थे .विश्व हिंदू परिषद के हनुमान मंडल दल की ओर से निकाली गई 84 कोसी परिक्रमा का समापन हो गया।  हजारों की संख्या में राम भक्तों ने चौरासी कोस की परिक्रमा किया.

JOIN

आज सुबह 7:00 बजे अयोध्या के रामकोट (हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि और कनक भवन)की सांस्कृतिक सीमा के साथ परिक्रमा समाप्त हुई है चौरासी कोस की परिक्रमा मखौड़ा धाम से शुरू हुई थी जो बस्ती जनपद अंबेडकर नगर अयोध्या बाराबंकी गोंडा होते हुए पुनः मखौड़ा धाम पहुंची और उसके 84 कोष की परिक्रमा यात्रा अयोध्या के सरयू तट पहुंची औऱ सरयु तट पर पूजन अर्चन किया और रात्रि विश्राम राम जन्मभूमि आंदोलन की हृदय स्थली रही कारसेवक पुरम में विश्राम किया और आज परिक्रमा के समापन के मौके पर रामकोट की सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा कर चौरासी कोस की परिक्रमा समाप्त हुई है।

बताते चलें कि कोरोनाकाल के कारण 2 वर्षों तक यह यात्रा नहीं निकाली गई थी इस वर्ष कोरोना से राहत मिली तो पूरे उत्साह के साथ परिक्रमा का आयोजन हुआ 22 दिन में यात्रा पूरी कर पहुंचे श्रद्धालु परिक्रमा करके अभिभूत दिखे चौरासी कोस की परिक्रमा के दरमियान पडने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों ने परिक्रमार्थियों का भव्य स्वागत भी किया जिसको लेकर के परिक्रमा आयोजक हनुमान मंडल दल के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह अभिभूत भी दिखे.

चौरासी कोस की परिक्रमा करने मथुरा से अयोध्या आई महिला श्रद्धालु राम कुमारी ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा में अच्छी व्यवस्थाएं मिली स्थानीय लोगों ने बहुत ही मदद की बड़ा भाव मिला इतना भाव किसी परिक्रमा में नहीं मिला जितना अयोध्या की परिक्रमा में मिला और साथ ही उन्होंने कहा कि हमें सौभाग्य मिला कि साधु संतों का दर्शन प्राप्त हुआ और 84 कोसी परिक्रमा में शामिल होने का मौका मिला।

श्रद्धालु श्याम बाबू वर्मा ने कहा कि हम दूसरी बार इस परिक्रमा में आए हुए हैं हम मथुरा वृंदावन से आए हैं इस परिक्रमा में हमें जो सुविधा मिली है शायद वह किसी परिक्रमा में इतनी सुविधा नहीं है पुलिस पीएसी और सुरक्षा के हिसाब से प्रसाद भोजन की व्यवस्था बहुत अच्छी रही साथ ही उन्होंने कहा कि योगी जी की मेहरबानी है इस पावन भूमि में हम पहली बार पधारे हैं इसकी यज्ञ के हिसाब से बहुत अच्छा लगा हमको यहां पर आकर।

परिक्रमा के आयोजक विश्व हिंदू परिषद के हनुमान मंडल दल के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने बताया कि चौरासी कोस की परिक्रमा अयोध्या के सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा है जो अखंड काल से चली आ रही है इसमें सैकड़ों धार्मिक स्थल पडते हैं जहां पर श्रद्धालु जाकर के परिक्रमा करते हैं चौरासी कोस की परिक्रमा 22 दिन तक चली है तमाम असुविधा के पार करते हुए श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ परिक्रमा की है,

जिस में परिक्रमा पथ पर पड़ने वाले भक्तों ने परिक्रमार्थियों की भरपूर सहयोग और सेवा की है परिक्रमा में ऐसी व्यवस्था की गई थी जिससे की कठनाई कम से कम हो परिक्रमा के आयोजक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि परिक्रमा के समापन के मौके पर रामकोट की परिक्रमा की जा रही है और रामकोट की परिक्रमा करने का मतलब यह है कि हनुमानगढ़ी राम जन्मभूमि और कनक भवन के सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा कर 84 कोष की परिक्रमा का समापन हो रहा है,

https://www.ayodhyalive.com/चौरासी-कोस/

अयोध्यालाइव समाचार youtube चैनल को subscribe करें और लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहे।
https://www.youtube.com/channel/UCs8PPJM3SmMZdIMQ6pg4e1Q?sub_confirmation=1

JOIN

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

For You
- FOLLOW OUR GOOGLE NEWS FEDS -spot_img
डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विश्वविद्यालय अयोध्या , परीक्षा समय सारणी
spot_img

क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने से कांग्रेस को फायदा हो सकता है?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
प्रभु श्रीरामलला सरकार के शुभ श्रृंगार के अलौकिक दर्शन का लाभ उठाएं राम कथा सुखदाई साधों, राम कथा सुखदाई……. दीपोत्सव 2022 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फोटो के साथ बताई राम मंदिर निर्माण की स्थिति