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इनपर क्यों नहीं चलता बाबा का बुलडोजर !
-रोज जारी हो रहे फरमान, फिर भी अधिकारी हीलाहवाली और खानापूरी में मस्त
अयोध्या। प्रदेश की सत्ता में दुबारा बहुमत के साथ पहुंची भाजपा सरकार की ओर से रोज-रोज नई-नई योजनाओं की घोषणा की जा रही है,कभी 100 दिन तो कभी आगामी छह माह की कार्ययोजना का खाका खींचा जा रहा है और अधिकारीयों को जनहित के कार्यों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जा रहा है। कानून और व्यवस्था के पुख्ता होने और जीरो टालरेंस तथा पारदर्शिता का दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं नियम-कायदा और फरमान का उललंघन करने वालों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जा रहा है।
सरकार कानून और व्यवस्था का राज लाने का दावा कर रही है लेकिन अधिकारी हीलाहवाली और खानापूर्ति में मस्त है। बेख़ौफ़ होकर शासन-प्रशासन को गलत रिपोर्ट दे रहे हैं और आंकड़ो की बाजीगरी में मस्त हैं। उच्चाधिकारी भी केवल हिदायत और चेतावनी देने की कवायद में उलझे हुए हैं,ऐसे लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्वाई नहीं हो पा रही। सवाल यह है कि आखिर बाबा का बुलडोजर ऐसे अधिकारीयों के खिलाफ कब चलेगा ?
गुरूवार को मण्डलायुक्त की ओर से विजन अयोध्या 2047 के विकास कार्यों और परियोजनाओं की समीक्षा में एक बार फिर से अधिकारियों की करतूत उजागर हो गई। मंडलायुक्त ने बैठक के एक दिन पूर्व ही विजन अयोध्या के कई कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर लिया था,जिसके चलते समीक्षा बैठक में अधिकारियों का खेल उजागर हो गया।
संबंधित अधिकारियोंं की ओर से भेजी गई रिपोर्ट देखि गई तो पता चला कि विभागीय अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं ने परियोजनाओं की रिपोर्टिंग करने में खानापूर्ति की है। शासन को प्रेषित रिपोर्ट व प्रगति की वर्तमान स्थिति भिन्न है। जबकि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की निगरानी वाले इन परियोजनाओं को लेकर शासन और प्रशासन की ओर से कार्यदायी संस्थाओं और विभागों को कोई लापरवाही न बरतने तथा इन कार्यक्रमों की नियमित सघन निगरानी का निर्देश विभिन्न स्तरों पर कई बार दिया जा चूका है।
इतना ही नहीं अधिकारियोंं की ओर से कोरम भी पूरा नहीं किया जा रहा है और अपना रवैया बदलने को भी तैयार नहीं है। जिलाधिकारी के बाद मंडलायुक्त कार्यालय की ओर से अभी अधिकारीयों को हिदायत ही नहीं चेतावनी भी जारी की जा चुकी है कि कोई अधिकारी बिना उच्चाधिकरियों को सूचित किये और पूर्वानुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेगा, बावजूद इसके अधिकारी कुछ भी मानने को तैयार नहीं दिखते।
एक बार फिर गुरूवार को समीक्षा बैठक के बाद मंडलायुक्त नवदीप रिणवा ने अधिकारियों को हिदायत दी है कि अगली बैठक से पूर्व सभी कार्यदायी संस्थाओं व सम्बंधित विभाग अपनी अद्यतन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें और स्पष्ट उल्लेख कर बतायें कि वर्तमान में सक्रिय कार्य कितने प्रतिशत प्रगति पर है और यदि कार्य सक्रिय नही है और किसी कारण बंद है तथा कब से बंद है ? उसका कारण स्पष्ट उल्लेख करें।
उन्होंने कहा है कि कोई भी मण्डलीय अधिकारी बिना सूचना-अनुमति के मुख्यालय से बाहर नही जायेगा और यदि अपरिहार्य कारणों से बाहर जाना पड़ता है तो उसकी सूचना उपलब्ध कराये और अपने स्थान पर ऐसे प्रतिनिधि को प्रतिभाग करने को कहे जिसके पास पूर्ण जानकारी हों। इसके साथ ही मेरे द्वारा समय-समय पर भेजी गई विभिन्न सूचनाओं व शिकायतों का विवरण व निस्तारण यथाशीघ्र कराकर समय से अवगत कराया जाय।
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