Advertisements




ADVERTISEMENT
विश्वविद्यालय में देश की एकता और अखंडता में सिविल सेवकों की भूमिका विषय पर आयोजित हुआ वेबिनार
अवध विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति फेज-4 के तहत आयोजित हुआ वेबिनार
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र तथा महिला शिकायत एवं कल्याण प्रकोष्ठ गुरूवार को मिशन शक्ति फेज-4 के अंतर्गत ‘‘देश की एकता और अखंडता में सिविल सेवकों की भूमिका‘‘ पर वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ0 मृदुला राय, न्यायिक सदस्य, स्थायी लोक अदालत, सुल्तानपुर तथा न्यायिक सदस्य, महिला यौन उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ, जनपद न्यायालय, अयोध्या रही।
उन्होंने बताया कि भारत मे सिविल सेवक, अखिल भारतीय सेवा, केंद्रीय सेवा एवं राज्य सेवा के माध्यम से अपने कार्यों का निर्वहन करते हैं। सिविल सेवको में सहानुभूति होनी चाहिये क्योंकि जनता के साथ उनका सीधे संपर्क होता है। संसद में जन प्रतिनिधियो से जो प्रश्न किये जाते है उनका जवाब भी सिविल सेवको के द्वारा ही तैयार किया जाता है।
देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश में नागरिक सेवाओं के लिए वाक्यांश स्टील फ्रेम का उपयोग किया और कहा कि देश के नागरिकों की सेवा करना सर्वोच्च कर्तव्य होता है। मेरा यह भी आग्रह है कि एक सिविल सेवक जो भी निर्णय लेता है, वह राष्ट्रीय संदर्भ में होना चाहिए, देश की एकता और अखंडता को मजबूत करना चाहिए।
भले ही आपका क्षेत्र और अनुभाग आप संभाल रहे हों, आप छोटे हैं, लेकिन आपको हमेशा लोगों की रुचि को ध्यान में रखना चाहिए और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य होना चाहिए।‘‘ उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष इस दिन सिविल सेवकों को उनके उत्कृष्ठ कार्यो के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाता है ताकि उनमें और अच्छा कार्य करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जा सके।
समन्वयक, महिला अध्यन केंद्र तथा महिला शिकायत एवं कल्याण प्रकोष्ठ की प्रो0 तुहिना वर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए मिशन शक्ति फेज-4 से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि देश की एकता, अखंडता को कायम रखते हुए इसके विकास में सिविल सेवा का महत्वपूर्ण स्थान है। 1937 में जब प्रांतों में स्वशासन प्रणाली लागू हुई, तब भारत के निर्माताओं ने सिविल सेवा की कार्य प्रणाली को अंदर से देखा और परखा।
इसलिए संविधान सभा में लौह पुरूष सरदार पटेल ने इस देश में स्थायी सिविल सेवा को बनाए रखने का पुरजोर समर्थन किया था। सर्वप्रथम यह दिवस 2006 में विज्ञान भवन, दिल्ली में मनाया गया था। नीति निर्माण एवं प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसीलिए प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 प्रतिभा त्रिपाठी द्वारा किया गया। तकनीकी सहयोग डॉ0 महिमा चैरसिया एवं इं0 मनीष यादव ने किया। इस अवसर पर डॉ0 विनोदिनी वर्मा, डॉ0 स्नेहा पटेल, डॉ निहारिका सिंह, डॉ0 शिवि श्रीवास्तव, सुश्री गायत्री,डॉ0 ए के वर्मा, डॉ0 अभिषेक वर्मा, डॉ0 अनुज मिश्र, डॉ0 राजेश तथा बड़ी संख्या में छात्र छात्रएं जुड़े रहें।
Share this:
- Click to share on Twitter (Opens in new window)
- Click to share on Facebook (Opens in new window)
- Click to share on Reddit (Opens in new window)
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
- Click to share on Telegram (Opens in new window)
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
- Click to share on Pocket (Opens in new window)
- Click to share on Tumblr (Opens in new window)
Related
Advertisements