Friday, April 19, 2024
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नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने पर फोकस- कुलपति

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नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने पर फोकस- कुलपति

गोरखपुर। नैक मूल्यांकन, एनआईआरएफ रैंकिंग और नई शिक्षा नीति 2020 के सुचारू रूप से संचालन को लेकर शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के ओएसडी डॉ पंकज एल जानी ने सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों के साथ प्रशासनिक भवन स्थित कमेटी हॉल में बैठक की। 4-5 अप्रैल को शासन में नैक मूल्यांकन को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री, सचिव, कुलपतियों की बैठक प्रस्तावित है। विश्वविद्यालय प्रशासन भी विश्वविद्यालय के 5-7 ऑफिशियल के साथ बैठक में श‌ामिल होगा।

कुलपति प्रो राजेश सिंह ने कहा कि नैक को लेकर सातों पैरामीटर्स पर काम हुआ है। पूरी उम्मीद है कि हमें ए प्लस प्लस की ग्रेडिंग मिले। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए प्रोविजनल एपीआई स्कोर को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। शिक्षकों के प्रमोशन के लिए भी एपीआई की गणना चल रही है।

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विश्वविद्यालय ने सबसे पहले स्नातक, परास्नातक और पीएचडी कोर्स में सीबीसीएस पैर्टन को न केवल लागू किया है। जबकि, सबसे पहले प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं भी संपन्न कराई है। मूल्यांकन की प्रक्रिया गतिमान, जल्द परिणाम भी घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से सीबीसीएस पैर्टन को लागू करने के लिए कोर्स का जो फ्रेमवर्क तैयार किया था। उसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने हुबहू लागू करने की बजाय कोर्स को सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्षों के साथ मिलकर रिवाइज किया है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत रोजगारपरक पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।

इनमें बीएससी एजी, एमएससी एजी, बीटेक, बीकॉम बैंकिंग एंड इश्योरेंस, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी समेत 63 कोर्सेज शामिल हैं। इन्क्यूबेशन सेल में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए 10 स्टार्टअप को चिन्हित किया गया है। इसके संचालन के लिए डेढ करोड़ रूपये की धनराशि शासन से मिलने की प्रक्रिया गतिमान है। इसके साथ ही डीबीटी के अंतर्गत विश्वविद्यालय प्रशासन ने दस करोड़ रूपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है। नकलविहीन परीक्षाओं के लिए सभी संबद्ध महाविद्यालय की लाइव मॉनिटरिंग विश्वविद्यालय के आईसीटी सेल से होती है। फ्लाइंग स्क्वायड के निरीक्षण की ड्यूटी भी परीक्षा के दिन सुबह सात बजे लगाई जाती है।

भौतिक विज्ञान की लैब का निरीक्षण करते
भौतिक विज्ञान की लैब का निरीक्षण करते

इसका नतीजा है कि 95 फीसदी तक नकल की घटनाओं पर रोक लगाने में सफलता मिली है। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक माह के आखिरी कार्यदिवस को नॉन मोटराइज्ड व्हीकल डे के रूप में मनाया जाता है।

ओएसडी डॉ. पंकज एल जानी ने कहा कि नैक मूल्यांकन में केवल किसी कुलपति का मूल्यांकन नहीं होता है। बल्कि पूरे विभागों का मूल्यांकन होता है। ये एक टीम वर्क है एक भी विभाग पीछे रह गया तो लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। 1000 अंक पर नैक का मूल्यांकन होता है। किसी विश्वविद्यालय के मौजूद संसाधनों के आधार पर 393 अंक मिल जाता है। हमें बाकी 600 अंकों के बारे में सोचना है। यहां अंग्रेजों के डिवाइड एंड रूल नीति को लागू कर सकते हैं। इसका मकसद लड़ना नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों का आपस में बंटवारा कर लक्ष्य को हासिल करना है।

नई शिक्षा नीति हर साल 20-30 फीसदी कोर्स को रिवाइज करने की बात करती है। पढ़ाई के साथ साथ को करिकुलर एक्टिविटी में आने वाले एनसीसी, एनएसएस, रोवर्स रेंजर्स, स्पोर्ट्स और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देने पर फोकस करती है। उन्होंने कहा कि बेस्ट प्रैक्टिसेस, एक्सटेंशन एक्टिविटी, स्पोर्ट्स को बढावा देने से मूल्यांकन में इसके पूरे नंबर मिलते हैं।

कर्मचारी विश्वविद्यालय के आधार स्तंभ

गैर शैक्षणिक कर्मचारियों से वार्ता के दौरान ओएसडी ने कहा कि गैर शैक्षणिक कर्मचारी विश्वविद्यालय के आधार स्तंभ हैं। कुलपति और राजभवन से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दूर कराया जाएगा। इस दौरान कर्मचारियों ने 300 दिन के अवकाश नकदीकरण का लाभ देने, राज्यकर्मचारियों का दर्जा देने, एक ही पटल पर पांच वर्ष से अधिक समय से जमे कर्मचारियों के पटल परिवर्तन के साथ कर्मचारियों के 36 जर्जर आवासों को पुर्ननिर्माण कराए जाने, विश्वविद्यालय में रिक्त चल रहे कर्मचारियों के पदों को भरे जाने की मांग की। इस दौरान मेडिकल इंश्योरेंस के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि वित्त समिति से अनुमति लेकर इसे लागू कराया जाएगा।

बेटियां भी सप्ताह में एक दिन अपने मेस का खाना खुद बनाएं

ओएसडी डॉ पंकज एल जानी ने शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों से अलग अलग बैठक करने के बाद विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग, रसायन विभाग, अंग्रेजी विभाग, संस्कृत विभाग, क्रीड़ा परिषद, केंद्रीय ग्रंथालय के बाद अलखनंदा छात्रावास, रानीलक्ष्मीबाई छात्रावास समेत ब्वायज छात्रावास का निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों के साथ विद्यार्थियों से भी संवाद किया। लैब का निरीक्षण किया। साफ सफाई व्यवस्था पर और ध्यान देने की नसीहत दी।

रानी लक्ष्मीबाई छात्रावास के निरीक्षण के दौरान छात्राओं से संवाद करते ओएसडी डॉक्टर पंकज एल जानी।
रानी लक्ष्मीबाई छात्रावास के निरीक्षण के दौरान छात्राओं से संवाद करते ओएसडी डॉक्टर पंकज एल जानी।

निरीक्षण के दौरान जब ओएसडी अलखनंदा छात्रावास और रानीलक्ष्मीबाई छात्रावास पहुंचे तो बेटियों को सप्ताह में एक दिन खाना खुद बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ये राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंशा है कि बेटियां भी सप्ताह में एक दिन अपनी टीम बनाकर खाना बनाएं। क्या आप ऐसा कर सकते हैं, तो बेटियों ने सहर्ष ही उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही वार्डेन को बेटियों के खेलने के लिए बैडमिंटन, कैरम और चेस सरीखे गेम्स की व्यवस्था उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाएं अधिकारी

विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में ओएसडी ने कहा कि यहां आने वाले विद्यार्थियों के क्लास के साथ साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर भी अधिकारी फोकस करें। ताकि एक ऐसे माहौल का निर्माण हो जिसमें बच्चे भी पढ़ाई और कक्षाओं में आने के लिए प्रेरित हो। इस दौरान ‌कुछ अधिकारियों की ओर से शिक्षकों के प्रमोश के मुद्दे को उठाया गया। उनका कहना था कि इस साल कई शिक्षक रिटायर होने वाले हैं, मगर अर्ह होने के बाद भी उनका प्रमोशन नहीं हो सका है।

इसपर ओएसडी ने कहा कि ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर प्रमोशन का लाभ दिलाया जाएगा। बैठक में वित्तअधिकारी संतप्रकाश सिंह ने विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति से ओएसडी को अवगत कराया।पीएचडी, स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों से भी किया संवाद देर शाम ओएसडी ने पीएचडी,स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों से भी प्रशासनिक भवन स्थित कमेटी हाल में संवाद किया।

लाइब्रेरी का निरीक्षण करते
लाइब्रेरी का निरीक्षण करते

इस दौरान बीएससी कृषि के विद्यार्थियों ने दूसरे विश्वविद्यालयों के विजिट पर भेजे जाने के मुद्दे को उठाया तो ओएसडी और कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने उसे सहर्ष स्वीकार किया। कहा कि इसे लेकर कृषि विश्वविद्यालयो से वार्ता कर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान विश्वविद्यालय के अंदर सीबीसीएस पेटर्न पर हो रही पढ़ाई की सराहना की।

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