Friday, March 29, 2024
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तरबूज के लाभ सभी तक पहुंचायें : वैद्य आर पी पांडे

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तरबूज के लाभ सभी तक पहुंचायें : वैद्य आर पी पांडे

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तरबूज – Water Melon: कई बिमारियों की काट है
तरबूज का परिचय
आप तरबूज खाते होंगे। जब भी बाजार में तरबूज बिक्री के लिए आता है तो तरबूज के दुकानों पर रोजाना ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। असल में, तरबूज का स्वाद ही इतना मीठा और अच्छा होता है कि सभी लोगों को बहुत पसंद आता है।

आप जब भी तरबूज खरीदते हैं तो इसके अंदर का गूदा खा लेते हैं और छिलके या बीजों को फेंक देते हैं। है ना! क्या आपको पता है कि तरबूज का गूदा जितन शरीर के लिए फायदेमंद होता है उतना इसकी बीज भी होती है?

क्या आप जानते हैं कि तरबूज का सेवन कर कई विकारों में लाभ पाया जा सकता है या तरबजू के इस्तेमाल द्वारा अनेक रोगों की रोकथाम भी की जा सकती है, दरअसल आयुर्वेद में तरबूज को एक बहुत ही गुणकारी फल के रूप में बताया गया है।

 तरबूज के सेवन से रोगों को ठीक करने में बहुत मदद मिलता है। आप भी इन सारी खूबियों के बारे में जान लीजिए और तरबूज का भरपूर लाभ लीजिए।

तरबूज क्या है

तरबूज एक फल है। यह खरबूजे (karbooja) के जैसी होती है लेकिन इसकी लता खरबूजे से अधिक लम्बी तथा दूर तक फैलने वाली लता होती है। तरबूज के पौधे का तना स्थूल कोणीय, खांचयुक्त होता है। इसके पत्ते सीधे, पंचखण्डयुक्त और किनारों पर कटे हुए और लम्बे तथा गहरे होते हैं।

इसके फूृल पीले रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार अथवा अण्डाकार होते हैं। फलों में चिकनापन तो होता ही है साथ ही हरे रंग के बहुत से चमकीले आवरण भी होते हैं।
फल के अन्दर का गूदा लाल या पीला-सफेद रंग का होता है।

फल का छिलका हरे रंग का और धब्बेदार तथा कई धारियों से युक्त होता है। तरबूज की बीज चपटे, नुकीले, काले अथवा सफेद रंग के तथा चिकने होते हैं। तरबूज के पौधे में फूल और फल लगने का समय अप्रैल से अगस्त तक होता है।
तरबूज (tarbooz in Hindi) के इस्तेमाल से कफज विकार के कारण होने वाली बीमारी, दस्त, शुक्राणु रोग, वीर्य रोग, मूत्र रोग, मल रोग, आंखों की बीमारी, खून की कमी आदि में लाभ जा सकता है।

अनेक भाषाओं में तरबूज के नाम

भारत में तरबूज (tarbooj) को मुख्यतः तरबूज के नाम से ही जानते हैं लेकिन इसके और भी नाम है जिनसे देश या विदेशों में तरबूज का जाना जाता है। नाम
English- व्हाइट वाटर मेलन– कालिन्द, तरंबूजा, कालिङ्ग, सुवर्त्
तरबूज के फायदे
अब तक आपने जाना कि जिस तरबूज को आप केवल एक साधारण सा फल के रूप में जानते हैं उसके कितने नाम है और वह कितना फायदेमंद होता है। आइए अब जानते हैं कि तरबूज के इस्तेमाल से कितनी सारी बीमारियों में लाभ (tarbooz ke fayde in Hindi) लिया जा सकता है। तरबूज के औषधीय प्रयोग, औषधीय प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
उल्टी को रोकने के लिए करें तरबूज का प्रयोग
उल्टी को रोकने के लिए तरबूज का इस्तेमाल फायदा पहुंचाता है। आप 5-10 मिली तरबूज के फल के रस में नींबू का रस मिलाकर पिएं। इससे उल्टी में लाभ होता है।
अधिक प्यास लगने की परेशानी तरबूज के सेवन से फायदा
अनेक लोग अधिक प्यास लगने की समस्या से ग्रस्त रहते हैं। अधिक प्यास लगने की परेशानी में तरबूज के फल का रस पिएं। इसे 20-50 मिली की मात्रा में पीने से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
शारीरिक कमजोरी को दूर करता है तरबूज का सेवन
शारीरिक कमजोरी की परेशानी में भी तरबूज का सेवन बहुत लाभ पहुंचाता है। 5-10 ग्राम तरबूज (tarbooj) की बीज का चूर्ण बनाएं। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिलाएं। इसे खाने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है और शरीर में शक्ति आती है।
खुजली में फायदेमंद तरबूज
जिस किसी व्यक्त को खुजली की परेशानी है वे तरबूज फल को पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है।
तरबूज से बुखार का इलाज
तरबूज (tarbooj) फल के छिलके को पीसकर लेप करने से बुखार और बुखार के कारण होने वाली शरीर में जलन से आराम मिलता है।
इसी तरह 10-40 मिली फल के रस में चीनी एवं मधु मिलाकर पीने से बुखार में लाभ होता है।
तरबूज के सेवन से कंठ रोग का उपचार
तरबूज फल के रस का गरारा करने से कण्ठ रोग में लाभ होता है।
तरबूज के इस्तेमाल से मिलती है सिर के दर्द से राहत
सिर दर्द की परेशानी में तरबूज का इस्तेमाल उपयोगी साबित होता है। 30-40 मिली तरबूज (tarbooz) फल के रस में मिश्री मिलाकर पिएं। इससे सिर की दर्द से आराम मिलता है।
आंखों की जलन में में लाभदायक तरबूज का उपयोग
आंखों में जलन की समस्या से परेशान लोग तरबूज का उपयोग कर सकते हैं। तरबूज के फलों को पीसकर आंखों के चारों तरफ (बाहर की ओर) लगाने से आंखों की जलन मिटती है।
तरबूज के सेवन से मुंह के छाले का इलाज
आप मुंह के छाले का इलाज तरबूज से कर सकते हैं। तरबूज (tarbooz) फल के रस से गरारा करने से मुंह के घाव से मुंह के छाले आदि में भी लाभ मिलता है।
खांसी के इलाज के लिए करें तरबूज का प्रयोग
खांसी की बीमाीर को ठीक करने के लिए 30-40 मिली तरबूज फल के रस में 1 ग्राम सोंठ चूर्ण तथा शहद मिलाएं। इसे पीने से खांसी में लाभ होता है।
आंतों की बीमारी (आंतों की सूजन) में उपयोगी होता है तरबूज का इस्तेमाल
आंतों के रोग का इलाज करने करने के लिए तरबूज की बीज तथा पत्तों को पीस लें। इसे पेट पर बांधने से आंतों के रोग जैसे आंतों की सूजन मिटती है।
तरबूज का इस्तेमाल दस्त को रोकने में फायदेमंद
दस्त को रोकने के लिए 5-10 मिली फल के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से दस्त (अतिसार तथा आमातिसार) में लाभ होता है।
तरबूज के उपयोग से एसिडिटी की समस्या का इलाज
आजकल बहुत सारे लोग एसिडिटी की परेशानी से पीड़ित रहते हैं। इसमें तरबूज के सेवन से लाभ मिलता है। तरबूज (tarbooz) के फल का रस 20-50 मिली की मात्रा में पीने से एसिडिटी की समस्या ठीक होती है।
तरबूज के सेवन से पीलिया का उपचार
तरबूज फल के रस में समान मात्रा में छाछ तथा स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर सेवन करें। इसे पीलिया में लाभ होता है।
इसी तरह 10-30 मिली फल के रस को पीने से भी पीलिया में फायदा होता है।
सुजाक में उपयोगी तरबूज का इस्तेमाल
फल के रस में समान मात्रा में छाछ तथा स्वाद के अनुसार नकम (लवण) मिलाकर सेवन करने से सुजाक की बीमारी में लाभ होता है।
पेशाब की जलन को ठीक करता है तरबूज
तरबूज की बीज का चूर्ण बनाएं और इसे 2-4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पेशाब की जलन की बीमारी ठीक होती है और पेशाब न आने की परेशानी भी ठीक होती है।
मूत्र विकार या मूत्र रोग में लाभदायक तरबूज का इस्तेमाल
तरबूज फल के रस में समान मात्रा में छाछ तथा स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर सेवन करने से मूत्राशय के विकारों में लाभ होता है।
आप 10-20 मिली तरबूज फल के रस का सेवन करेंगे तो पेशाब में दर्द की समस्या, रुक-रुक कर पेशाब आने की परेशानी सहित मूत्र के अन्य रोग में भी लाभ होता है।
तरबूज की बीजों का चूर्ण बनाएं और उसके 1-2 ग्राम चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से मूत्र विकारों में बहुत लाभ होता है।
तरबूज के इस्तेमाल से पित्तज विकारों का उपचार
तरबूज (tarbuj) फल के रस को 20-50 मिली में पीने से पित्तज विकार ठीक होते हैं।
तरबूज का करें उपयोग होगा गठिया में लाभ
गठिया एक गंभीर बीमारी है। इसमें जोड़ों में बहुत दर्द होता है। यह बीमारी शरीर के किसी भी जोड़ में हो सकती है। इसमें भी तरबूज के इस्तेमाल से लाभ होता है। तरबूज फल को पीसकर जोड़ों में लगाएं। गठिया में लाभ होता है।
तरबूज के इस्तेमाल की मात्रा
एक औषधि के रूप में तरबूज के इस्तेमाल की मात्रा ये होनी चाहिएः-
तरबूज (tarbuj) का रस – 10-40 मिली
तरबूज का चूर्ण – 5-10 ग्राम
अधिक लाभ के लिए तरबूज का औषधि के रूप में प्रयोग किसी चिकित्सक के परामर्शानुसार ही करें।
तरबूज के इस्तेमाल का तरीका
तरबूज का प्रयोग इस तरह से किया जाना चाहिएः-
तरबूज का फल
तरबूज के बीज
तरबूज के पत्ते
तरबूज कहां पाई जाती है या तरबूज की खेती कहां होती है
तरबूज (tarbuj) की खेती भारत में नदियों के किनारे मुख्यतः उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं आसाम में की जाती है। यह उष्णकटिबंधीय देशों एवं दक्षिण अफ्रिका में भी पाया जाता है।

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