Tuesday, October 15, 2024
spot_img

 योगी सरकार में उत्तर प्रदेश बनेगा डेटा सेंटर का हब, खोले जाएंगे 7 और डेटा सेंटर

72 / 100

 योगी सरकार में उत्तर प्रदेश बनेगा डेटा सेंटर का हब, खोले जाएंगे 7 और डेटा सेंटर

– नोएडा, ग्रेटर नोएडा के अलावा अन्य जिलों में भी खुलेंगे डेटा सेंटर

– भूमि अनुदान के अलावा एक फीडर की सप्लाई का खर्च वहन करेगी सरकार

– आईटी सेक्टर में 7 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव पारित

– निवेश प्रस्तावों के जरिए करीब 20 हजार युवाओं को मिल सकेगा रोजगार

तकनीक, निवेश और रोजगार की ऊंची छलांग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश जल्द ही डेटा सेंटर का हब बनने जा रहा है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में खुले उत्तर भारत के पहले डेटा सेंटर के बाद अब योगी सरकार ने सूबे में 7 और डेटा सेंटर खोलने का फैसला किया है। इस तरह ग्रेटर नोएडा के डेटा सेंटर को मिलाकर कुल 8 डेटा सेंटर हो जाएंगे। इसके लिए डेटा सेंटर 2021 नीति में संशोधनों के प्रस्ताव को प्रदेश मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल गई है। अब नोएडा व ग्रेटर नोएडा के अलावा अन्य जनपदों में भी डेटा सेंटर खुल सकेंगे। ये डेटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में खुले नए डेटा सेंटर की क्षमता से कम होंगे। सरकार इन सभी डेटा सेंटर के लिए भूमि अनुदान की व्यवस्था करेगी। साथ ही डुएल फीडर की सप्लाई में एक फीडर की सप्लाई का खर्च वहन करेगी। गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को आईटी विभाग से संबंधित दो प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। ग्लोबल इनवेस्टर समिट से पहले सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि विभाग अपनी नीतियों में लक्ष्य के अनुरूप बदलाव करें, ताकि न सिर्फ वो अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर हों बल्कि निवेशकों के अनुरूप भी हों। इसी के तहत यह फैसला लिया गया है।

900 मेगावॉट तक डेटा सेंटर होंगे लाभान्वित

अतिरिक्त मुख्य सचिव (आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स) अरविंद कुमार ने बताया कि डेटा सेंटर पॉलिसी में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। वन ट्रिलियन इकॉनमी के दृष्टिगत जो दिक्कतें इसमें आ रही हैं, उन्हें संशोधनों के जरिए दूर किया गया है। डेटा सेंटर पॉलिसी के तहत जो लक्ष्य तय किए गए थे, वो हमने समय से पहले ही हासिल कर लिए हैं, इसलिए उन लक्ष्यों को बढ़ाया जा रहा है। जैसे एक लक्ष्य तय किया गया था कि डेटा सेंटर में हम 250 मेगावॉट की कैपेसिटी लेकर आएंगे, लेकिन 636 मेगावॉट की कैपेसिटी के डेटा सेंटर के प्रस्ताव आ गए हैं। ऐसे में हमने लक्ष्य को बढ़ाकर 900 मेगावॉट के डेटा सेंटर को लाभ प्रदान करेंगे। इसके अलावा छोटे डेटा सेंटर की भी नीति बनाई गई है ताकि डेटा सेंटर का प्रसार बाकी जनपदों में भी हो सके। भले ही वो डेटा सेंटर नोएडा के स्केल के ना भी हों तब भी उन्हें मंजूरी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा डेटा सेंटर के लिए एफएआर की परिभाषा में भी बदलाव किया है, ताकि नक्शे जल्दी पास हो सकें। पार्शियल कंप्लीशन की व्यवस्था दी गई है, जबकि बिजली कनेक्शन को लेकर भी सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। इसके अलावा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डेटा सेंटर की फील्ड में भी दस करोड़ रुपए तक की फंडिंग की जाएगी। इन बदलावों से न सिर्फ निवेश बढ़ेगा बल्कि तेजी से आएगा। ये पॉलिसी 5 साल तक के लिए मान्य होगी।

5 नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खुलेंगे

इसके अलावा, मंत्रिपरिषद ने स्टार्ट-अप नीति के संशोधन के प्रस्तावों को भी मंजूरी प्रदान की। इसके तहत प्रदेश में 5 नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोले जाएंगे। नीति में लक्षित 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले ही खोले जा चुके हैं। सरकार की ओर से इन्हें 10 करोड़ रुपए तक की फंडिंग की जाती है। ये 5 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नए-नए क्षेत्रों में खोले जाएंगे। इन क्षेत्रों में क्वांटम कंप्यूटिंग, 3डी प्रिंटिंग, 5जी, वर्चुअल रिएलिटी, स्पेसटेक जैसी नई और उभरती फील्ड को इसमें शामिल किया है। इसके तहत ये भी व्यवस्था की गई है कि स्कूल स्तर पर ही इनोवेटिव कल्चर को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए अवेयरनेस कैंप चलाए जाएंगे, बूथ कैंप्स लगाए जाएंगे, ताकि स्कूलों में इनोवेशन को बढ़ावा मिल सके और बच्चों में इसके प्रति रुचि जाग सके। इसके एक्सीलरेटेड प्रोग्राम की व्यवस्था की गई है। सस्टेनेंस अलाउंस को 15 हजार से बढ़ाकर 17.5 हजार किया गया है। प्रोटोटाइप बनाने के लिए भी अब 5 लाख रुपए का अनुदान मिल सकेगा। पहले यह व्यवस्था नहीं थी। ग्रामीण परिवेश को प्रभावित करने वाले, कूड़े को रिसाइकिल करने वाले, पर्यावरण संरक्षण, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर में स्टार्ट-अप शुरू करने वालों को 50 प्रतिशत अधिक इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं की भागीदारी वाले स्टार्ट-अप की भी परिभाषा तय की गई है। इसके तहत स्टार्ट-अप में 26 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी होना जरूरी है।

7 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को भी मंजूरी

इसके अलावा आईटी से संबंधित दो और प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं। इनमें आईटी पॉलिसी 2017 में तीन निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इनमें एक माइक्रोसॉफ्ट है, जबकि दूसरी एमएक्यू और तीसरी पेटीएम है। ये तीनों कंपनियां नोएडा में निवेश करेंगी। माइक्रोसॉफ्ट 2186 करोड़ का, एमएक्यू 483 करोड़ और पेटीएम 638 करोड़ का निवेश करेगा। इनकी कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज शुरू हो चुकी हैं। इस निवेश के जरिए 14185 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, डेटा सेंटर के लिए भी दो निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिली। सिंगापुर की कंपनी एसटीपी नोएडा में डेटा सेंटर के लिए 1130 करोड़ रुपए का निवेश करेगी, जबकि एक अन्य कंपनी एसकेबीआर 2692 करोड़ का निवेश करेगी। दोनों परियोजनाओं के जरिए 4 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

तीन विश्वविद्यालयों को मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य में तीन नए विश्वविद्यालयों को मंजूरी दे दी है। इसमें कर्नाटक का विख्यात जेएसएस विश्वविद्यालय नोएडा में, एसडी सिंह विश्वविद्यालय फतेहगढ़-फर्रूखाबाद में और एसडीजीआई ग्लोबल विश्वविद्यालय गाजियाबाद में खोला जाएगा। इन तीनों विश्वविद्यालयों को आशय पत्र जारी कर दिए गए हैं। यानी प्रदेश में तीन नए विश्वविद्यालयों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही कई अन्य विश्वविद्यालयों को भी मंजूरी दी जा सकेगी। इन तीन विश्वविद्यालयों के आने से प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी तो छात्रों को नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, जबकि वन ट्रिलियन इकॉनमी के दृष्टिगत निवेशकों का लक्ष्य भी पूरा होगा।

ALSO READ

प्रभु राम के आशीर्वाद से हो रहे त्रेता की अयोध्या के दर्शनः पीएम मोदी

: https://www.ayodhyalive.com/anganwadi-center…ment-of-children/ ‎

15 लाख 76 हजार दीपों का प्रज्जवलन कर बना वल्र्ड रिकार्ड

आयुर्वेद कैसे काम करता है – क्या है तीन दोष ?

दुनिया के इन देशों में भी भारत की तरह मनाई जाती है दीपावली

सम्पूर्ण भोजन के साथ अपने बच्चे का पूर्ण विकास सुनिश्चित करें : आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे 

वजन कम करने में कारगर हे ये आयुर्वेदिक औषधियाँ :आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे

सोने से पहले पैरों की मालिश करेंगे तो होंगें ये लाभ: आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे

कुलपति अवध विश्वविद्यालय के कथित आदेश के खिलाफ मुखर हुआ एडेड डिग्री कालेज स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ

अयोध्या में श्री राम मंदिर तक जाने वाली सड़क चौड़ीकरण के लिए मकानों और दुकानों का ध्वस्तीकरण शुरू

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि परिसर के विकास की योजनाओं में किया बड़ा बदलाव

पत्रकार को धमकी देना पुलिस पुत्र को पड़ा महंगा

बीएचयू : शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए संस्थानों को आकांक्षी होने के साथ साथ स्वयं को करना होगा तैयार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा को 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना : PM मोदी

प्रवेश सम्बधित समस्त जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए मिल रही सब्सिडी, बिजली बिल का झंझट खत्म

बीएचयू : कालाजार को खत्म करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण खोज

नेपाल के लोगों का मातृत्व डीएनए भारत और तिब्बत के साथ सम्बंधितः सीसीएमबी व बीएचयू का संयुक्त शोध

JOIN

JOIN

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

For You
- FOLLOW OUR GOOGLE NEWS FEDS -spot_img
डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विश्वविद्यालय अयोध्या , परीक्षा समय सारणी
spot_img

क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने से कांग्रेस को फायदा हो सकता है?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
प्रभु श्रीरामलला सरकार के शुभ श्रृंगार के अलौकिक दर्शन का लाभ उठाएं राम कथा सुखदाई साधों, राम कथा सुखदाई……. दीपोत्सव 2022 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फोटो के साथ बताई राम मंदिर निर्माण की स्थिति