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उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक विकास की नई ऊँचाईयों को छुआ
बस्ती: किसी देश, विशेष क्षेत्र में भारी मात्रा में वस्तुओं का निर्माण उत्पादन या सेवा प्रदान करने के मानवीय एवं मशीनरी कर्म को उद्योग कहा जाता है। उद्योगों के कारण गुणवत्ता वाले उत्पाद सस्ते दामों पर प्राप्त होते हैं, जिससे लोगों के रहन-सहन में सुधार होता है और दैनिक जीवन व जीवन सुविधाजनक होता चला जाता है। लोगों को रोजगार मिलता है, देश का चतुर्दिक विकास होता है और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि, उचित जलवायु, कुशल अकुशल मजदूर, तकनीशियन, पूँजी, पावर के साधन, कच्चामाल, यातायात की सुविधा, बाजार की उपलब्धता, निर्यात-आयात की व्यवस्था, ऋण की सुविधा सरकारी सहायता आदि प्रमुख आवश्यकतायें होती हैं। उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रदेश है। यहाँ मैनपावर, कच्चामाल, प्राकृतिक संसाधन, आवागमन के साधन, उद्योगों की स्थापना हेतु आरक्षित भूमि, एकल खिड़की से देय समस्त सुविधायें अच्छी कानून व्यवस्था आदि उद्योग स्थापित करने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापना की नीति व सुधार
देश के मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में उद्योगों की स्थापना तेजी से हो रहे हैं। प्रदेश में उप्र औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 सहित 20 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के साथ उद्यमिता, इनोवेशन तथा ’मेक इन यूपी’ केा बढ़ावा दिया गया है। प्रदेश सरकार ने श्रम, भूमि आवंटन, सम्पत्ति रजिस्ट्रेशन, पर्यावरणीय अनुमोदन, निरीक्षण विनिमय, कर भुगतान आदि क्षेत्रों में रिकार्ड 500 से अधिक सुधार लागू किये गये हैं।
प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास के लिए 40 विभागों के 1400 से अधिक अनुपालन निरस्त किये हैं। प्रदेश सरकार ने डिजिटल सिंगल विण्डो क्लीयरेंस प्लेटफार्म में ’’निवेश मित्र’’ पोर्टल पर 29 विभागों की लगभग 349 सेवायें ऑनलाइन उपलब्ध है। जिसके माध्यम से निवेशकों/उद्यमियों को पूरी सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही स्टार्ट-अप नीति, इज आफ डूइंग बिजनेस, एक जनपद एक उत्पाद आदि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रदेश में भारी संख्या में उद्योगों की स्थापना हो रही है।
उद्योगों की स्थापना हेतु प्रदेश में भूमि बैंक का सृजन
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में औद्योगिक विकास तथा उद्योगों की स्थापना के लिए पूर्व से ही 20 हजार एकड़ भूमि बैंक की व्यवस्था की है, जिसके 5000 एकड़ से अधिक भूमि बैंक का विकास हो गया है और वहॉ उद्योगों की स्थापना हो रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश में निर्मित हो रहे एक्सप्रेस-वे के किनारों पर लगभग 22 हजार एकड़ भूमि चिन्हित की है।
इन जमीनों में से विभिन्न विकास मॉडलों के माध्यम से औद्योगिक पार्कों की स्थापना हो रही है। इन जमीनों का औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा सिंगल विन्डो पोर्टल-निवेश मित्र के माध्यम से ऑनलाइन आवंटन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके अतिरिक्त लैण्ड बैंक में वृद्धि हेतु अनेक सुधारों की श्रृंखला में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप के लिए मिश्रित भूमि उपयोग की अनुमति देते हुए जोनल नियमों में संशोधन किया है। औद्योगिक भूमि के लिए तल क्षेत्रफल अनुपात (एफएआर) को बढ़ाकर 3.5 (2.5 अनुमन्य़1.0 खरीद योग्य एफएआर) कर दिया गया है।
साथ ही उद्योगों की सरप्लस भूमि को सब डिवाइड करने में नीति अधिसूचित कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने भूमि को गैर-कृषि घोषित करने के लिए 45 दिनों के भीतर आवेदन के निस्तारण का आदेश निर्गत किया है। औद्योगिक भूमि के लिए लैंड पूलिंग नीति अधिसूचित की गई है। अधिकतम सीमा से अधिक कृषि भूमि की खरीद में आसानी के लिए राजस्व संहिता को संशोधित किया गया है और अनुमोदन का अधिकार जिला स्तर पर प्रतिनिधानित किया गया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में उद्योगों की स्थापना के लिए औद्योगिक एरिया रिजर्व किये गये है जो जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से जिले की समिति द्वारा ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का आवंटन किया जाता है।
मैनपावर की उपलब्धता
मानव संसाधन उद्योग जगत की रीढ़ होती है। देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के कारण यहॉ कुशल, अकुशल मजदूर, तकनीक, प्रवीण कौशल कारीगर, प्रबन्धन आदि के लिए मैनपावर की कमी नहीं है। जो लोग रोजी रोटी के लिए प्रदेश के बाहर अन्य प्रदेशों में जाते थे, वे प्रदेश में उद्योग लगने पर पलायन नहीं कर रहे हैं और प्रदेश में ही रहकर कार्य करते हुए प्रदेश के औद्योगिक विकास में सहभागी बन रहे हैं।
उद्योगों के लिए मैनपावर हेतु कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले, आई0टी0आई0, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग, कारीगरी, प्रबन्धन सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुशल तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र/छात्रायें प्रदेश में लाखों की संख्या में है। सेवायोजन विभाग के ’एप’ पर पंजीकृत कराने के बाद विभिन्न औद्योगिक इकाईयॉ, कम्पनियॉ सीधे संबंधित शिक्षण संस्थानों से या रोजगार मेलों से भर्तियॉ करते हुए प्रदेश के नौजवानों को रोजगार दे रहे हैं।
कच्चा माल की मौजूदगी व निकटता
प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक कच्चा माल उत्तर प्रदेश में मौजूद है। कृषि उत्पादों से बनने वाले विभिन्न खाद्यान्न वस्तुओं के लिए विभिन्न फसलों तिलहन, दलहन, सब्जियों, दुग्ध, मत्स्य आदि सहित इंजीनियरिंग, धातु, पत्थर, धागे, हैन्डलूम की वस्तुऐं आदि कच्चे माल प्रदेश में उपलब्ध हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की अन्य प्रदेशों से कनेक्टिविटी/यातायात के साधन अच्छी होने के कारण अन्य प्रदेशों से भी कच्चामाल आने की निकटता है। जिससे उद्योग स्थापना में कोई समस्या नहीं है।
उप्र में यातायात के अच्छे साधन/अच्छी कनेक्टिविटी
उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल विछाया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रत्येक गॉवों में बनाये गये सम्पर्क मार्गों को मुख्य सड़कों से जोड़ा गया है। इसके साथ ही प्रमुख उत्पादित वस्तुओं एवं निर्यात केन्द्रों को निर्वाध कनेक्टिविटी दी गई है। प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सहित 4 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे गोरखपुर लिंग एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है जो शीघ्र बनकर प्रदेश की कनेक्टिविटी को और सुगम बना देंगे।
एअर कनेक्टिविटी में भी उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ा है। जेवर और अयोध्या एअरपोर्ट बनने पर उ0प्र0 5 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों का देश में एकमात्र प्रदेश होगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश की क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न स्थानों पर एअरपोर्ट बनाये गये हैं। प्रदेश के 5 शहरों में मेट्रों संचालित है। देश के विभिन्न कोनों से रेलगाड़ियों की अच्छी सुविधा है। प्रदेश में वाराणसी से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 संचालित है। उप्र में यातायात के अच्छे संसाधन से वस्तुओं का त्वरित गति से गन्तव्य तक पहुॅचने में सुविधा हो रही है।
लॉजिस्टिक्स की सुलभता में उप्र छठे स्थान पर पहुॅचा
आज के व्यवसायिक युग में उत्पादों को शीघ्रता से उपभोक्ताओं तक पहुचाना सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धता होती है। उप्र ने अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स सेवाओं की उपलब्धता तथा विश्वसनीयता परिचालन एवं नियामक वातावरण आदि के मापदण्डों पर अपने प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार किया है। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उप्र ने तेजी से विकास किया है।
बाजार की उपलब्धता
उप्र देश की बड़ी जनसंख्या का प्रदेश होने के कारण यहॉ निर्मित/उत्पादित वस्तुओं का स्वयं में बड़ा बाजार है। आज खाद्यान्न वस्तुओं की उत्पादित सामग्री सहित पैकेट में बने जंकफूड, ड्रिक्स, दुग्ध उत्पाद आदि दैनिक व भौतिक समस्त वस्तुयें गॉव-गॉव क्रय किये जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त हर तरह के सूती, ऊनी वस्त्र, मोटर वाहन, दो पहिया वाहन, कृषि व विभिन्न उद्योगों, कुटीर उद्योगों की मशीनरी, उपकरण, कम्प्यूटर, कागज, खिलौने, दियासलाई, कॉच की वस्तुए, सभी धातुओं के वर्तन, सभी तरह के इलेक्ट्रानिक वस्तु, फर्नीचर आदि उत्पाद का उप्र अच्छा बाजार है। इसके अतिरिक्त उत्पादित वस्तुओं का राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात के लिए पूरी सहायता दी जाती है। निर्यात एवं प्रोत्साहन तथा विदेश व्यापार के लिए सरकारी स्तर के विभाग है जो पूर्ण सुविधा दे रहे हैं।
सरकारी सहायता
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का मन्तव्य है कि प्रदेश सरकार उद्यमियों और निवेशकर्ताओं को पूरी सुविधा व हर सम्भव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की नीतियों के माध्यम से उनको हर तरह का संरक्षण दिया जायेगा। प्रदेश सरकार भूमि, स्टाम्प शुल्क में छूट, बैंकों से आवश्यक ऋण, अनुदान आदि समस्त सुविधायें दे रही है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद, हस्तशिल्प, इज आफ डूइंग विजनेश, स्टार्ट-अप मेक इन यूपी सहित विभिन्न उद्यमों की स्थापना हेतु प्रदेश सरकार ऋण व अनुदान दे रही है। भारत सरकार की मुद्रा योजना, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैण्ड-अप इंडिया, मेक इन इंडिया एवं अन्य मिशन मोड कार्यक्रमों एवं योजनाओं को समन्वित करते हुए प्रदेश सरकार की योजनाओं का निर्माण किया गया है।
आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट के ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में हुए लाखों करोड़ रूपये के निवेश
आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट के ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में लाखों करोड़ रूपये का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने फरवरी, 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2018 का शुभारम्भ किया था। जिसमें लगभग 4.68 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। दूसरी ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी लाखों रूपये के निवेश प्रस्ताव आये।
प्राप्त निवेश प्रस्तावों में 03 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव पहले ही जमीनीं स्तर पर उतारे गये हैं। 03 जून, 2022 को मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा तृतीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग समारोह में 80,224 करोड़ रूपये की 1406 निवेश परियोजनाओं का शुभारम्भ किया गया है।
ये परियोजनायें प्रमुख रूप से डाटा संेंटर क्षेत्र में 25 प्रतिशत, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में 14 प्रतिशत, आई0टी0 एवं इलेक्ट्रानिक क्षेत्र में 10 प्रतिशत, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 08 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 08 प्रतिशत, हथकरघा एवं टेक्सटाइल क्षेत्र में 07 प्रतिशत, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 06 प्रतिशत, एमएसएमई क्षेत्र में 06 प्रतिशत सहित विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनायें स्थापित हो रही हैं।
इन परियोजनाओं से लगभग 05 लाख प्रत्यक्ष एवं 20 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। प्रदेश में मा प्रधानमंत्री जी के रिफॉर्म, परफार्म तथा ट्रान्सफॉर्म के तीन मंत्र को प्रदेश सरकार ने अंगीकृत करते हुए देश की छठी अर्थव्यवस्था से उप्र देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
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खुशखबरी: ‘अग्निवीरों’ की भर्ती 24 जून से शुरू करने की घोषणा, 2 दिन में जारी होगी अधिसूचना https://t.co/VjblwUIdf5
— VOICE OF AYODHYA (@VoiceAyodhya) June 17, 2022
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