अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को अपराह्न कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में विद्या परिषद की बैठक हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश शासन के 09 फरवरी व 20 अप्रैल के पत्र के क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्राविधानों को सत्र 2022-23 से परास्नातक एवं शोध पाठ्यक्रमों पर लागू किए जाने पर विचार किया गया।
बैठक में शिक्षा शास्त्र, वनस्पति विज्ञान, समाज शास्त्र, राजनीति विज्ञान, प्राचीन इतिहास, सैन्य विज्ञान, संस्कृत, जैव रसायन विज्ञान, जैव तकनीकी, मध्यकालीन इतिहास, इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व, जन्तु विज्ञान, समाजशास्त्र व सरदार पटेल सेन्टर के अन्तर्गत संचालित विषयों के अध्ययन बोर्ड में लिए गए अनुमोदन पर विचार किया गया।
बैठक में प्रौढ़ सतत एवं प्रसार शिक्षा, एमबीए, अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास, गणित एवं सांख्यिकी, भूगोल, हिन्दी भाषा एवं साहित्य आवासीय, योग विज्ञान, संगीत, अर्थशास्त्र अंगे्रजी, उर्दू, मनोविज्ञान, रसायन विज्ञान, दर्शनशास्त्र, वाणिज्य, भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स, जियोलाॅजी, जियो-फिजीक्स, जियोग्राफी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, गणित, भौतिक विज्ञान, गृह विज्ञान (कला), पर्यावरण विज्ञान विषय के अध्ययन बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुमोदन पर विचार किया गया।
बैठक में आवासीय परिसर में स्ववित्तपोषित योजनान्तर्गत संचालित सिंधी भाषा पाठ्यक्रम को संत कॅवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केन्द्र अन्तर्गत संचालित किए जाने पर विचार किया गया। बैठक की शुरूआत में कुलसचिव उमानाथ ने पूर्व में सम्पन्न विद्यापरिषद की बैठक का कार्यवृत्त पटल पर रखा। बैठक के दौरान समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं विद्यापरिषद के सदस्य उपस्थित रहे।