फिनलैंड की प्रधानमंत्री सन्ना मारिन ने कहा है कि जब तक हम रूस से ऊर्जा खरीद रहे हैं, तब तक हम इस युद्ध का वित्त पोषण कर रहे हैं और हमारे सामने यह बड़ी चुनौती है। बाल्टिक देशों के नेताओं ने भी मारिन का समर्थन किया। लातविया के प्रधानमंत्री क्रिसजनिस कारिंस ने संवाददाताओं से कहा, हमें रूस की अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करना है ताकि युद्ध में धन के उपयोग को रोका जा सके। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के 30वें दिन रूसी सेना ने कई यूक्रेनी शहरों पर बमबारी तेज कर दी है। खारकीव में दरम्यानी रात के बाद से बिना रुके लगातार गोलाबारी की गई। इस दौरान शहर में रह-रहकर धमाके गूंजते रहे और लोग दहल उठे। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस बमबारी में कितने लोग हताहत हुए हैं लेकिन आशंका है कि आवासीय इलाके भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। विज्ञापन रूस की सेना को खारकीव पर अपने हमलों को और तेज करने का आदेश मॉस्को से मिला है। इसका बड़ा कारण यूक्रेन पर अब तक रूसी सेना का नियंत्रण नहीं हो पाना बताया जा रहा है। क्रेमलिन भी अपनी सेना की रणनीति को बदलकर और आक्रामक होने की दिशा में ले जा रहा है। इस स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की आशंका जताई है। लेकिन बाइडन के पोलैंड दौरे से ठीक पहले रूसी सेना ने खारकीव सबसे घातक हमले किए। इससे पहले उसने मैरियूपोल को तबाह किया था। खारकीव के पूर्वी इलाके में हुई इस बमबारी में रात भर धमाके हुए और आसमान में आग के गोले दिखाई देते रहे। एक स्थानीय नागरिक ने सीएनएन को फोन पर बताया