



लखनऊ । स्वास्थ्य विभाग में अरसे से जमे बाबुओं के गैर जनपद स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और शासन ने अब पैरामेडिकल स्टाफ को हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। शासन ने ही विभिन्न कार्यालयों व अस्पतालों में पांच वर्ष, जनपद में सात वर्ष व मंडल में 10 वर्ष से जमे पैरामेडिकल स्टाफ की सूची तलब कर ली है। नेत्र सर्जन व नेत्र परीक्षा भी हटाए जाएंगे। यही नहीं प्रभारी चिकित्साधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों से प्राप्त सूची का अब सत्यापन भी होगा, ताकि किसी कर्मचारी के बचने की गुंजाइश न रहे। सत्यापन के लिए दिन निश्चित कर दिए हैं।पिछले साल शासन ने अरसे से एक ही जनपद व मंडल में जमे बाबुओं के ट्रांसफर कर दिए। फिर भी काफी बाबू रह गए। इनमें ज्यादातर बाबू कर्मचारी संघ से जुड़े हुए थे, लेकिन पिछले दिनों शासन ने उन्हें भी हटाने के आदेश जारी कर दिए उनकी सूची भेजी जा चुकी है।अब बारी पैरामेडिकल स्टाफ की है। इसमें फार्मासिस्ट, चीफ फार्मासिस्ट, लेब टक्नीशियन, एक्सर-रे टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, फिजियोथेरेपिस्ट, प्रयोगशाला सहायक व अन्य स्टाफ शामिल है। डेंटल सर्जन व डेंटल हाइजिनिस्ट नेत्र सर्जन व नेत्र परीक्षकों को भी दायरे में रखा गया है। तीनों जिला स्तरीय अस्पतालों, ट्रामा सेंटर, सीएचसी, पीएचसी व अन्य इकाइयों पर तैनात ऐसे सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों की सूची तैयार कराई गई है, जो जनपद में सात साल और मंडल में 10 वर्ष से अधिक समय से तैनात हैं।
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