



भक्ति का अंतिम लक्ष्य भगवान के सानिध्य को पाकर कर मोक्ष की प्राप्ति करना : आलोकानंद जी महाराज
रूदौली(अयोध्या) नगर के पूरे काजी शिवपुरम कॉलोनी श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस में श्रीअयोध्याधाम से पधारे पूज्य बाल आलोकानंद व्यास जी ने कहा कि भक्ति का अंतिम लक्ष्य भगवान की शरण में जाकर मोक्ष को प्राप्त करना है यह सृष्टि अनादि काल से चल रही है ,
अनंत कालों तक चलती रहेगी,इसीलिये इस पृथ्वी पर भगवान नेधर्म की रक्षा तथा दुष्टों के संहार के लिए अनेकों बार अवतार लिया है,लेकिन भगवान के मुख्य चौबीस अवतार है जिनका हम सभी गायन करते हैं,पूज्य बाल आलोकानंद व्यासजी ने कथा में कहा की जब विदुर जी उद्धव जी से भेंट करके भगवान श्रीकृष्ण की मंगलमयी कथा को श्रवण कराने हेतु निवेदन करते हैं,

उद्धव जी से मिलने के बाद विदुर जी मैत्रेय ऋषि से मिलते है, और उनसे भी भगवान की कथा को सुनाने के लिए निवेदन करते हैं,व्यास जी ने कहा कि जैसे विदुर जी कृष्ण कथा रसिक हैं वैसे हम भक्तों को भी भगवान की कथा को श्रवण करने का रसिक होना चाहिए, भक्तों की भक्ति का अंतिम लक्ष्य भगवत प्राप्ति ही होना चाहिए,
पूज्य व्यास जी ने कथा में ध्रुव चरित्र,महाराज अंग,सती चरित्र और भगवान भोलेनाथ के विवाह का अपनी ओज एवं अमृत पूर्ण वाणी से बहुत ही सुंदर रूप से श्रोताओं को रसास्वादन कराया । कथा ब्यास ने भगवान भोलेनाथ के विवाह प्रसंग व भजनों को सुना कर श्रोताओं को बहुत आनंदित किया इस अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान किरण चन्द्र मिश्र ,पारितोष मिश्र,विंध्यवासिनी प्रसाद मिश्र,राजेश मिश्र पत्रकार, नीरज मिश्र,राजकिशोर गुप्ता,सन्तोष यादव,आशीष शर्मा भाजयुमो,अतुल पांडेय, आकाश शर्मा,मनीष जायसवाल सहित सैकड़ों नर नारी श्रोता के रूप में उपस्थित रहें।
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