विधायक ने राजस्व निरीक्षक पर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार का लगाया आरोप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग की
नवाबगंज (गोंडा)। तरबगंज विधानसभा के भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडे ने पूर्व में तरबगंज तहसील में राजस्व निरीक्षक के पद पर कार्यरत विवेक सिंह पर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और जांच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि विवेक सिंह पूर्व में तरबगंज तहसील में राजस्व निरीक्षक के पद पर तैनात थे और अब वह लखनऊ में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं।
विधायक का आरोप है कि राजस्व निरीक्षक द्वारा तरबगंज तहसील में तैनाती के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार किया गया है। जिसके संबंध में विधायक द्वारा पूर्व में पत्र संख्या 299/lko/44 दिनाँक 23/05/2022 के माध्यम से शिकायत करते हुए जांच की मांग की गई थी।
पत्र का संज्ञान लेते हुए दिनाँक 01/06/2022 को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद द्वारा जिलाधिकारी गोंडा को मामले की जांच कर समुचित कार्रवाई करते हुए संबंधित आख्या उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गई थी लेकिन इसी दौरान राजस्व निरीक्षक पदोन्नति पाकर लखनऊ में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हो गये जिसके बाद जिलाधिकारी गोंडा द्वारा बिना कोई जांच किए पत्रांक आर – 127/पी0सी0(शासन) /2022 दिनाँक 05 अगस्त 2022 के माध्यम से अनु सचिव राजस्व अनुभाग – 09 उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को यह रिपोर्ट भेजी गई की राजस्व निरीक्षक की पदोन्नति हो गई है और उन्हें जनपद से दिनाँक 30/06/2022 को कार्य से अवमुक्त किया जा चुका है।
जनपद में कार्यरत ना होने के कारण राजस्व निरीक्षक के विरूद्ध किसी प्रकार की जांच और कारवाई करना उचित नहीं है। क्षेत्रीय विधायक का कहना है कि इस तरह भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई के बजाय राजस्व निरीक्षक को पदोन्नति का इनाम मिला और स्थानांतरण के बाद उनके सभी दोष समाप्त मान लिये गये थे।
वहीं नवाबगंज निवासी वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता और गौवंश प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष गोंडा सूर्यलाल दूबे द्वारा विधायक को बताया गया है कि राजस्व निरीक्षक की नियुक्ति दिव्यांग कोटे से की गई है और प्रोन्नति भी सूची 2022 की क्रमांक संख्या 508 पर दिव्यांगता के आधार पर ही की गई है जबकि परिवहन विभाग द्वारा राजस्व निरीक्षक के नाम पर वाहन चलाने का लाइसेंस भी निर्गत किया गया है।
जबकि राजस्व निरीक्षक शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त दिखाई देते हैं। चूंकि परिवहन विभाग द्वारा दिव्यांग व्यक्ति को वाहन चलाने का लाइसेंस नहीं निर्गत किया जाता है अतः विधायक का आरोप है कि इस बात से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि इनकी नौकरी भी भ्रष्टाचार के सहारे प्राप्त हुए दिव्यांग प्रमाण पत्र के बल पर चल रही है।
इन सभी बातों के मद्देनजर विधायक ने पुनः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर राजस्व निरीक्षक द्वारा किये गए भ्रष्टाचार की जांच कराने के साथ ही मेडिकल टीम का गठन कर दिव्यांगता की जांच कराये जाने की मांग की है। वहीं इस संबध में नायब तहसीलदार विवेक सिंह ने कहा कि इस संबध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है यह मामला विभागीय है।
विधायक द्वारा लिखे गए पत्र का संज्ञान लेते हुए दिनाँक 05/12/2022 को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रधान द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व को टीम गठित कर मामले की निष्पक्ष जांच कराकर शीघ्र विधिक कारवाई करने की अपेक्षा की गई है।
अयोध्यालाइव : योगी सरकार बसें यात्रियों को अब धार्मिकता का कराएंगी अहसास https://t.co/Xqz3ppdRRH
— अयोध्यालाइव (@ayodhyalive2) December 13, 2022