



शिक्षकों को चार साल बाद भी नहीं मिला मनपसंद जिला, अब कोर्ट जाने की तैयारी
परिषदीय विद्यालयों की 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत जिला आवंटन का शिकार सभी शिक्षकों को अब तक मनपसंद का जिला नहीं मिल सका है। गुस्साए शिक्षक-शिक्षिकाएं मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण कार्यालय पर दो दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब फिर कोर्ट जाने की तैयारी है।
68500 शिक्षक भर्ती में अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थियों को दूर और कम मेरिट वालों को गृह जिला आवंटित हो गया था। इस गड़बड़ी को दूर कराने के लिए शिक्षक कोर्ट गए और न्यायालय के आदेश पर बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने 10 मई को 2908 याचियों को गृह व मनपसंद जिले में भेजने की सूची जारी की।
इस आवंटन सूची से बहुत से सामान्य वर्ग के याची वंचित रह गए, कई याचियों को उनकी पसंद का जिला नहीं मिल सका। यहां तक कि मुख्य याची अमित शेखर भारद्वाज भी इस सूची से बाहर हैं।
याचियों का कहना है कि परिषद ने विकल्प लेते समय रिक्त पदों का कोई भी ब्योरा नहीं दिया था।ऐसे में उन्हें कैसे पता हो सकता है कि वे जिस जिले का विकल्प भर रहे हैं और उसमें सीट है या नहीं? विभाग की गलती के कारण एक बार फिर से वास्तविक पीडि़त जिला आवंटन सूची से बाहर हैं।
याचियों का कहना है जब तक संशोधित सूची या द्वितीय सूची जारी नहीं हो जाती उनका धरना जारी रहेगा।
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