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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का कार्य पूरा
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। इसमें शामिल सभी सदस्य परिसर से वापस लौट गए। परिसर से बाहर निकले हिंदू पक्ष के वकील ने बड़ा दावा किया. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि सर्वे के दौरान कुंए के अंदर शिवलिंग मिला है. जिसके बाद अब वह शिवलिंग की प्रोटेक्शन लेने सिविल कोर्ट जा रहे हैं.वहीं सुरक्षा के मद्देनजर ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास 2 किमी के दायरे में फोर्स तैनात की गई है,

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने बताया कि कोर्ट कमीशन का सर्वे पूरा हो गया है. हमें निर्णायक सबूत मिले हैं. पिछले हफ्ते ज्ञानवापी मस्जिद समिति की आपत्तियों के बीच सर्वेक्षण रोक दिया गया था. समिति ने कोर्ट की तरफ से नियुक्त एडवोकेट आयुक्त पर आपत्ति जताई थी. हालांकि कोर्ट ने मामले को खारिज करते हुए दोबारा सर्वे का आदेश दिया था. वहीं वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि कोर्ट आयोग तीसरे दिन ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर रहा है. हमने आज वैशाख पूर्णिमा पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है
जिसकी जनता को प्रतीक्षा थी आखिरकार वह बाबा अब मिल गए हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष ने कहीं कुछ भी मिलने के दावों से इनकार किया है।उन्होंने बताया कि तालाब में काले रंग का पत्थर मिला है। वहीं हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की अपील पर कोर्ट ने जिला कलेक्टर और सीआरपीएफ को ज्ञानवापी मस्जिद का वह स्थान सुरक्षित करने को कहा है जहां शिवलिंग मिला है। कोर्ट ने माना है कि वहां शिवलिंग मिला है। यह महत्वपूर्ण साक्ष्य है इसलिए इस स्थान की सुरक्षा की जाए। उस स्थान को कवर कर लिया जाएगा। वहां कोई नहीं जा पाएगा।
वहां अभी सिर्फ 20 मुस्लिम ही नमाज के लिए जा पाएंगे। पहले दिन की कार्यवाही के बाद ही सोहनलाल आर्य ने विक्ट्री साइन बनाकर हिंदू मंदिर होने के साक्ष्यों को लेकर आशा जताई थी। अब आखिरी दिन सोमवार को हुई कार्यवाही के बाद उन्होंने नंदी का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजहों को लेकर बाबा विश्वनाथ के मिल जाने की जानकारी दी। हालांकि, इससे अधिक उन्होंने मामला अदालत में होने की वजह से जानकारी देने से मना कर दिया।

इसके पहले सर्वे की टीम जब ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जा रही थी तब टीम के एक सदस्य को रोक लिया गया। बताया जा रहा है कि सूचनाएं लीक करने के आरोप में तीसरे दिन उन्हें सर्वे में शामिल नहीं होने दिया गया। दिन का सर्वे पूरा होने पर वाराणसी जिला और पुलिस प्रशासन ने सभी पक्षों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर तीन दिन का यह सर्वे कराया गया। इसमें सभी पक्षों ने सहयोग दिया। प्रशासन ने लोगों से इस मामले में सिर्फ अधिकारिक बयानों पर ही भरोसा करने की अपील की है।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात अदालत के द्वारा ही बताया जाएगा। किसी की बात पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने 12 मई को अपना फैसला सुनाया था। इस दिन कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने अजय मिश्रा के साथ विशाल कुमार सिंह को कोर्ट कमिश्नर और अजय सिंह को असिस्टेंट कमिश्नर बनाया था। कोर्ट ने सर्वे की कार्रवाई पूरी करके 17 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
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