



लखनऊ । बड़ी-बड़ी बातें करने वाली राजनीतिक पार्टियां युवाओं को चुनावी मैदान में उतारने में भले ही उदासीनता दिखाएं, लेकिन अबकी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं का जोश, बड़े-बड़ों का होश उड़ा सकता है। युवा मतदाताओं में मतदान के प्रति बढ़ती जागरुकता निश्चित तौर पर सूबे की कई विधानसभा सीटों पर हार-जीत का फैसला करेगी। युवा मतदाताओं का जोश किसी भी राजनीतिक पार्टी के चुनावी नतीजे में अप्रत्याशित तौर पर बड़ा उलटफेर कर सकता है।उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर पिछले चुनाव से अब तक पांच वर्ष के भीतर तकरीबन 90.30 लाख मतदाता बढ़े हैं। हाल ही में मतदाता सूची के पुनरीक्षण में कुल बढ़े मतदाताओं में 27 प्रतिशत से अधिक 18-19 वर्ष की आयुवर्ग वाले युवा हैं। पिछले चुनाव से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औसतन 22 हजार से ज्यादा मतदाताओं का इजाफा हुआ है। शहरी क्षेत्र वाली विधानसभा सीटों पर मतदाताओं की संख्या औसत से कहीं अधिक बढ़ी है। गौर करने की बात यह है कि बढ़े मतदाताओं में 18 वर्ष से 29 वर्ष के युवा मतदाताओं की हिस्सेदारी ही 22.93 फीसदी यानी तकरीबन 3.45 करोड़ से कहीं अधिक है। हाल ही में 18 वर्ष की दहलीज पार करने वाले ही 19.89 लाख युवा मतदाता है।
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