औरैया पुलिस की वर्दी पर लगा दाग : इंस्पेक्टर और दरोगा दोस्ती के चक्कर में बने बड़े अपराधी, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर लूटी 50 किलो चांदी –
औरैया : उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक इंस्पेक्टर साहब और सब-इंस्पेक्टर लुटेरे बन गए। इंस्पेक्टर और दरोगा के साथ मिलकर एक आभूषण कारोबारी से 50 किलो सोना ले लिया और फरार हो गए। इस मामले में पीड़ित ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करने के लिए 8 टीमों का गठन किया। पीड़ित ने शिकायत देते हुए पुलिस को बताया था कि इस वारदात को अंजाम देने में एक इंस्पेक्टर साहब और दरोगा भी शामिल है। इस बात की सूचना मिलने के बाद पुलिस के होश उड़ गए। इस मामले का खुलासा 48 घंटों के भीतर किया गया।
पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया
औरैया पुलिस अधीक्षक चारू निगम और अपर पुलिस अधीक्षक दिगंबर ने 9 जून को प्रेस वार्ता करते हुए पूरे मामले का पर्दाफाश किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस पूरे मामले में भोगनीपुर कोतवाली के एसएचओ अजय पाल सिंह कठेरिया, भोगनीपुर थाने में तैनात दरोगा चिंतन कौशिक और रफत खान समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे पर 50 किलो सोना, एक स्कॉर्पियो गाड़ी और दो राइफल भी बरामद की है।
कैसे दिया वारदात को अंजाम
चारू निगम ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि मनीष सोनी ने बीते 7 जून को औरैया कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था। मुकदमे के मुताबिक “वह अपनी क्रेटा गाड़ी में बैठकर अपने रिश्तेदारों के साथ बांदा से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से होते हुए औरैया जा रहे थे। रास्ते में दोपहर करीब 2:45 पर एक सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी उनकी क्रेटा गाड़ी के आगे रुकी। गाड़ी में 4 लोग सवार थे। जिनमें से दो पुलिस वाले थे। दोनों पुलिसवालों के हाथ में राइफल थी और दो लोग सादा ड्रेस में थे। इन लोगों ने उनकी गाड़ी को रूकवाया और तलाशी के नाम पर गाड़ी में रखें 50 किलो चांदी के दोनों बैग को ले लिया। यह लोग 50 किलो चांदी और ड्राइवर जगनंदन पाल को अपने साथ लेकर चले गए।” इस पूरे मामले की जानकारी औरैया कोतवाली में दर्ज की गई।
8 महीने पहले संजय को नौकरी से निकाला था
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि संजय करीब 8 महीने पहले आभूषण कारोबारी मनीष सोनी की दुकान पर काम करता था। उसकी संदिग्ध गतिविधियां थी, जिसकी वजह से मनीष सोनी ने संजय चिकवा को नौकरी से निकाल दिया था। उसके बाद संजय बेरोजगार हो गया और उसने बदला लेने की योजना बनाई। इस मामले की जानकारी संजय ने अपने दोस्त रफत खान को दी। रफर खान ने इस मामले की जानकारी अपने साथी जमालुद्दीन पठान को दी।
दोस्तों के चक्कर में बन गए लुटेरे
जानकारी के मुताबिक जमालुद्दीन पठान और भोगनीपुर कोतवाली के प्रभारी अजय पाल कठेरिया के अच्छे संबंध है। जमालुद्दीन के अजय पाल के अलावा थाने में तैनात दरोगा चिंतन कौशिक से भी अच्छे संबंध है। इसलिए इन सभी लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर एक बड़े क्राइम करने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक इन सभी लोगों ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर आभूषण कारोबारी मनीष सोनी की गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी लगाकर रोक दिया। फिर गाड़ी में बैग में रखें 50 किलो चांदी को लेकर मौके से फरार हो गए।
दो दिनों बाद होने वाला था चांदी का बंटवारा
वारदात को अंजाम देने के दौरान आरोपियों के द्वारा पीड़ित मनीष सोनी के ड्राइवर जगनंदन पाल को अपने साथ ले जाया गया और उसे रास्ते में मारपीट करके उतार दिया। उसके बाद 50 किलो चांदी के बैग को इंस्पेक्टर के आवास पर रख दिया। जांच में पता चला है कि 2 दिनों बाद यानी कि 11 जून को माल का बंटवारा होना था, लेकिन उससे पहले ही इस मामले की शिकायत औरैया कोतवाली में लिखी गई। शिकायत लिखने के बाद इंस्पेक्टर ने कुछ दिनों के लिए थाने की कमान चिंतन कौशिक को दे दी थी। अब पुलिस ने पूरे गैंग का खुलासा कर दिया है। इस मामले में इंस्पेक्टर अजय पाल और चिंतन कौशिक के खिलाफ औरैया पुलिस के द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई है।