सूर्पनखा नककटी, सीताहरण व बालि वध के प्रसंगों का हुआ मंचन
133 वर्ष पुरानी श्री रामलीला समिति रूदौली के मंचन का सांतवा दिन
रुदौली (अयोध्या)। श्री रामलीला समिति रुदौली ख्वाजा हाल में चल रही रामलीला के सप्तम दिवस की लीला वृंदावन के कलाकारों द्वारा बहुत ही अद्भुत सूप नखा नक्कटी, सीता हरण व बाली सुग्रीव मित्रता की लीला का मंचन किया गया। जिसमें नगर के गणमान्य जन जिन्होंने प्रभु श्री राम के साथ माता सीता व अनुज लक्ष्मण की आरती उतारी। डिजिटल पर्दे पर प्रदर्शित राम लीला के मंचन को दर्शकों ने खूब सराहा।
सातवें दिन के मंचन में बताया गया कि श्री रामचंद्र जी अनुज लक्ष्मण, सीता सहित ऋषि मुनियों से भेट करते हुए चित्रकूट पहुंचे जहां पर पंचवटी नामक स्थान पर एक कुटिया बनाकर रहने लगे। वही दंडकवन में निवास करने वाली रावण की बहन सुपनखा आती है और राम जी से शादी करने का प्रस्ताव रखती है लेकिन राम जी के मना करने पर लक्ष्मण जी से विवाह का प्रस्ताव रखती है उनके मना करने पर सीता की ओर झपटती है, लक्ष्मण ने बड़ी शीघ्रता से उनका नाक कान काट दिया और वह रोती हुई अपने भाई खर दूषण के पास जाती हैं जो विशाल सेना ले जाकर श्री राम से युद्ध करते है राम जी द्वारा सेना सहित उनका संघार कर दिया जाता है ।
जब इस बात की खबर लंकापति रावण को लगती है तब रावण माता सीता का हरण करने की योजना बनाते हैं और स्वयं योगी रावण का वेश धारण कर भिक्षा मांगने माता सीता के पास जाते हैं और माता सीता का हरण कर लेते हैं, श्री रामचंद्र जी माता की खोज करते करते हुए ऋष्यमूक पर्वत पहुंचते हैं जहां पर सुग्रीव से प्रभु की मुलाकात होती है और तत्पश्चात बाली का वध करके सुग्रीव और भगवान राम की मित्रता हो जाती है। वृंदावन के कलाकारों द्वारा मंचित लीला में सभी कलाकारों की खूब सराहना हुई दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।