Thursday, March 28, 2024
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केंद्र सरकार के आजीविका के विविध स्रोतों से कम हुई ग्रामीण गरीबी, विकास की बहार पहुंची हर द्वार

दिल्ली । केंद्र सरकार के आजीविका के विविध स्रोतों से ग्रामीण गरीबी को खत्म करने के प्रयास लगातार जारी है। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि वर्तमान में देश में ग्रामीण स्तर पर लोगों के जीवन में काफी हद तक सुधार आया है यानि अब विकास की बहार हर द्वार पहुंच रही है। केंद्र सरकार की दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ग्रामीण विकास मंत्रालय की ऐसी ही प्रमुख पहल है, जिसका लक्ष्य निर्धन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों जैसे सामुदायिक संस्थानों के जरिए लामबंद करना है, ताकि ग्रामीण स्तर पर गरीबी को दूर किया जा सके। वहीं इस योजना का दूसरा लक्ष्य बैंकों से आवश्यक ऋण तक उनकी पहुंच बनाकर उनकी आजीविका के आधार को मजबूत बनाना है। केंद्र सरकार की इस योजना के जरिए देश में अभी तक करोड़ों महिलाओं को लाभ पहुंच चुका है।

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गौरतलब हो, इस बार दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का 2022-23 का बजट 13,336.42 करोड़ रुपए रखा गया है। सही मायने में देखा जाए तो यह बजट संसद में महिला सशक्तिकरण के नए अध्याय का बजट है। जी हां, पहले की सरकारों ने इस दिशा में सशक्त कदम नहीं उठाए। इसका बड़ा सबूत मिलता है साल 2013-14 के बजट से जो केवल 4,000 रुपए ही रखा गया था। इससे साफ है कि वर्तमान सरकार ग्रामीण गरीबी को दूर करने के लिए कितनी गंभीर है।

कब शुरू हुआ मिशन ?

देश के नागरिक को स्वतंत्र एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों से दीनदयाल अंत्योदय योजना का शुभारंभ किया गया था। केंद्र सरकार ने इस मिशन की शुरुआत जून 2011 में की थी। इस मिशन के माध्यम से 15 दिसंबर, 2021 तक कुल 73.5 लाख स्वयं सहायता समूहों यानि सेल्फ हेल्प ग्रुप में 8.04 करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया और 4,24,189 ग्राम संगठन और 32,406 सीएलएफ का गठन किया है। चालू वर्ष में, 248 ब्लॉकों को 41.02 लाख परिवारों को 3.81 लाख एसएचजी में जोड़कर कर शामिल किया गया है।

10 करोड़ महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप से जोड़ने का प्रयास

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि साल 2024 तक करीब 10 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा सामुदायिक संस्थानों को क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए लगभग 3.5 लाख सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) को विकसित किया गया है।

62,848 करोड़ रुपए तक के ऋण बैंकों ने किए प्रदान

वहीं 30 नवंबर, 2021 तक के इस वित्त वर्ष के दौरान, 27.38 लाख स्वयं सहायता समूहों को 62,848 करोड़ रुपए तक के ऋण बैंकों ने प्रदान किए हैं। अप्रैल 2013 के बाद से 4.45 लाख करोड़ रुपए से अधिक के ऋणों तक महिला स्वयं सहायता समूह सदस्याओं की पहुंच बनी, ताकि अन्य चीजों के साथ रचनात्मक उद्यमों में समुचित निवेश हो सके।

यह मिशन समुदाय आधारित पुनर्भुगतान प्रणाली (सीबीआरएम) का इस्तेमाल कर रहा है, जिसके तहत समिति में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों या उनके संघों के प्रतिनिधि होते हैं। ये सभी स्वयं सहायता समूहों और बैंकों के बीच संपर्क की निगरानी की जिम्मेदारी निभाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि नियमों व सामाजिक दबाव के जरिए स्वयं सहायता समूह बैंकों को शीघ्र धनराशि चुका दें।

मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा अब तक की गई मदद

दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उप-योजना स्टार्ट अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम के तहत 31 दिसंबर 2021 तक 1,82,837 छोटे उद्यमों को मदद प्रदान की गई है।

दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उप-योजना स्टार्ट अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम के तहत दिसंबर 2021 तक 27,292 उद्यमों को आर्थिक मदद प्रदान की गई है। ये वो उद्यम है जिन्हे सेल्फ हेल्प ग्रुप या उनके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा संचालित किया जा रहा है।

DAYNRLM के तहत, महिला किसानों की आजीविका में विविधता तथा आय और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अब तक कुल 22,556 कस्टम हायरिंग सेंटर व टूल बैंक स्थापित किए गए हैं, जिनमे 2,629 सिर्फ वर्ष 2021 में बनाए गए।

मिशन के तहत 5.5 करोड़ से अधिक ग्रामीण सेल्फ हेल्प ग्रुप महिलाओं को महामारी की रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण पाकर इन महिलाओं ने हर घर जाकर लोगों को कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने और टीकाकरण के लिए प्रेरित किया।

मिशन के तहत कोविड महामारी के दौरान ग्रामीण सेल्फ हेल्प ग्रुप महिलाओं ने 1,22,682 सामुदायिक रसोईयों का प्रबंधन कर महामारी से प्रभावित परिवारों और प्रवासियों को भोजन उपलब्ध करवाया।

DAY-NRLM के तहत ग्रामीण सेल्फ हेल्प ग्रुप महिलाओं ने कोविड महामारी के दौरान मास्क, पीपीई किट, दस्ताने और सैनिटाइज़र का उत्पादन किया। बेहद कम समय में किए

गए इस उत्पादन को देशभर की मीडिया द्वारा सराहा गया।

मिशन के तहत 1.47 करोड़ महिला किसानों को संगठित कर उन्हें आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया गया। मिशन का साथ मिलने से इन महिला किसानों की आय और समाज में सम्मान, दोनों में बढ़ोत्तरी हुई है।

मिशन के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग की ट्रेनिंग देकर BC सखी के रूप में तैनात किया जा रहा है। ये सखियां वित्तीय सुविधाएं जैसे की जमा, भुगतान, पेंशन, छात्रवृत्ति जैसे अन्य सुविधाओं को सुचारु रूप से आखिरी छोर तक पहुंचा रही हैं। मिशन के तहत 60,016 सेल्फ हेल्प ग्रुप सदस्यों को बीसी सखी (बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट) के रूप में तैनात किया गया।

मिशन के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप को “रिवॉल्विंग फंड” और “सामुदायिक निवेश कोष” के रूप में 15,830 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मिली जिसमें 5282.27 रुपए करोड़ की सहायता राशि वर्ष 2021-22 में जारी की गई।

मिशन के तहत ग्रामीण परिवारों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उनके लिए आजीविका के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। 258 ब्लॉकों की 47 लाख ग्रामीण महिलाओं को 4.42 लाख स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया।

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