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मुख्यमंत्री की मंसा को जिम्मेदार लगा रहे पालिता
मिल्कीपुर।प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं डिप्टी सीएम भले ही स्वास्थ्य विभाग को लेकर औचक निरीक्षण करते हुए बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए संकल्पित नजर आ रहे हैं किंतु मिल्कीपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है जिले की सीमा पिठला में स्थित 100 सैय्या संयुक्त चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों में पूरी तरह से रामराज्य छा गया है अस्पताल कर्मियों की लापरवाही के चलते निर्धारित समय 8:00 बजे के बजाय ओपीडी 9 बजकर 45 पर शुरू होती मिली। सोमवार को पत्रकारों की टीम द्वारा अस्पताल का जायजा लिए जाने के दौरान संयुक्त चिकित्सालय पर व्याप्त अव्यवस्थाओं की कलई खुली।
लगभग एक दर्जन चिकित्सकों की तैनाती भी है किंतु मात्र एक ही चिकित्सक डॉ अरविंद मौर्य, दंत सहायक अमित कुमार सक्सेना, एक्सरे रूम में टेक्नीशियन अवधेश कुमार अस्पताल पर मौजूद मिले। जबकि अस्पताल पर क्षेत्र से आए मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी।
अस्पताल अधीक्षक डॉ रजत चौरसिया के बारे में पता चला कि जिले पर मीटिंग में गए हैं उनके अस्पताल पर न मौजूद होने का आलम रहा कि अस्पताल कर्मी और चिकित्सक बेलगाम नजर आए और ओपीडी तक नहीं शुरू कर सके थे।
अस्पताल पर इलाज कराने पहुंचे मरीजों को भी ओपीडी में डॉक्टरों के इंतजार में घंटों बैठना पड़ा। कुछ मरीज तो निराश होकर अपने घरों को वैरंग लौट गए। अस्पताल पर इलाज कराने आए ताजपुर निवासी शिव कुमार तिवारी एवं धमथुवा गांव निवासी शिव बहादुर चौरसिया, गोकुला निवासी संगम लाल, कटघरा निवासी महिला शांति देवी, तथा पी एन सी कंपनी के कर्मचारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि हम लोग 8:30 बजे से अस्पताल में डॉक्टरों के इंतजार में बैठे हैं कोई पूछने वाला नहीं है अस्पताल पर भारी व्यवस्थाएं हैं लोगों ने सरकार को कोसते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अस्पतालों पर स्वास्थ्य मेला लगवा रही है आयशा स्वास्थ्य मेला किस काम का जब अस्पताल पर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी न मिल सके। सीएमएस रजत चौरसिया का कहना है कि अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों से जानकारी ली जाएगी ये लोग कहां पर थे।
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