पद्मश्री डा. बख्शीराम ने किसानों को दिया गन्ना उपज बढ़ाने का टिप्स
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चोटी भेदक से बचाव का तरीका भी बताया
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दवा और रासायनिक खादों को खेत में खड़ी फसलों तक पहुँचाने का बताया तरीका
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पेड़ी फसल की उपज बढ़ाने के तरीके भी बताये
कुशीनगर । एक किसान गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पद्मश्री डा. बख्शी राम ने कहा कि एक वर्ष में गन्ने की पौध में पांच पीढ़ियां होती हैं, जिसमें से पहली पीढ़ी चल रही है और वह छोटी बेधक का शिकार होने लगी है। इसलिए मदर प्लांट को जड़ से काटकर निकाल दें। किसानों को इससे नुकसान नहीं होगा बल्कि चार से पांच कल्ले निकलेंगे और भरपूर उपज मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यदि यह बीमारी दूसरी पीढ़ी तक पहुंची तो 250 से 300 अंडे होंगे और फसल नष्टप्राय हो जाएगी। किसानों को घाटा होगा। पद्मश्री डा. बख्शी कुशीनगर जिले के बावन मोर्चा गांव में ढाढा चीनी मिल की ओर से आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर बीमारी का इलाज दवा नहीं है। इसलिए छोटी भेदक के प्रकोप से बचाने को मदर प्लांट को निश्चित रूप से काटकर खेत से बाहर निकाल दें। हालांकि दवा अवश्य डालना है, लेकिन इसे अप्रैल के आखिरी सप्ताह से 15 मई तक जरूर डालें। चौथी पीढ़ी अक्टूबर में आती है और अंतिम नवम्बर में। नवम्बर में नुकसान कम होगा, लेकिन यह तभी संभव है जब दवा (कोरजन) का उपयोग करेंगे।
यह भी जानें
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चोटियों या पत्तियों पर दवा न डालें, जड़ों में डालें।
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एक एकड़ में 25 टंकी (18 लीटर) पानी का उपयोग करें। दवा की मात्रा के हिसाब से उतने गिलास पानी में मिलाकर रख लें और हर टंकी में एक गिलास दवा मिला पानी डालें।
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यूरिया या किसी अन्य रासायनिक खादों में डालकर कोरजन अथवा फर्टेरा अथवा बर्ताको को न डालें, जड़ों का पास छिड़काव ही जरूरी है।
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खातों में प्रकाश की यदि व्यवस्था है तो वहाँ छोटी भेदक का प्रकोप कम होगा।
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जिस खेत में नमी कम है, उन्हीं खेतों में ही छोटी भेदक का प्रकोप अधिक होता है।
पैदावार ऐसे बढ़ाएं
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ताजा गन्ना बीज ही बोयें।
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बीज़ शोधन करें। बीज़ को कम से कम 12 घंटे तक हेक्सास्टॉप में भिगोये रखें।
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ट्राइकोडर्मा नामक फफूंदी का उपयोग करें। यह आखिरी जुताई के समय करें।
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दो कुंतल सड़ी गोबर की खाद में ट्राइकोडर्मा डालकर तीन से चार दिन तक रखें। फिर खेत में डालें।
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एक किलो गुड़ और एक किलो बेसन मिलाकर सात दिनों तक एक ड्रम में रखें। दिन में दो से तीन बार क्लाकवाइज चलाएं। फिर खेत नें डालें और जुताई करते जाएँ। यह भी ट्राइकोडर्मा का काम करेगा।
यह भी जानें
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गर्मियों में भी गन्ने की फसल में यूरिया की उचित मात्रा आवश्यक है।
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गन्ना स्वस्थ रखने का प्रबंध रखें।
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पेड़ी गन्ना फसल की तत्काल सिंचाई कर यूरिया की डोज दें।
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ऐसा करने से कल्ले अधिक निकलेंगे।
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बावग काटने के 10 से 15 दिन बाद ही सिंचाई करें और डीएपी, यूरिया और पोटाश डालें।
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खेत की सिंचाई के 24 घंटे बाद ही दें खादों की डोज
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गन्ने के पौधे पर छिड़काव शाम मे समय करें। सामान्यतया दो बजे के बाद करना चाहिए।
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