



बीएचयू । संज्ञाहरण विभाग, स्थापना दिवस के उद्घाटन समारोह का आयोजन संज्ञाहरण विभाग, आयुर्वेद संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयुर्वेद संकाय के वेबिनार कक्ष में किया गया। संज्ञाहरण दिवस समारोह का एकदिवसिय आयोजन/कार्यषाला- सिग्मेन्टल रीजनल एनेस्थीसिया एवं षैक्षणिक सत्र में विभिन्न विद्वानों के व्याख्यान के साथ आयोजित हुआ (वर्चुवल वेबिनार के रूप मे)।
सम्पूर्ण कार्यक्रम संकाय प्रमुख प्रो. के.एन. द्विवेदी के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। केन्द्रीय गुजरात विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. एस. दुबे जी ने अपने सम्बोधन मेें आयुर्वेद के समग्र विकास के लिए एवं भारत राष्ट्र के दूरस्थ नागरिकों उचित उत्तम एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य संज्ञाहरण में आयुर्वेद चिकित्सकों की भूमिका नितान्त आवश्यक एवं सराहनीय रही है। अतः आयुर्वेद के स्नातकों को शल्य विधा का उचित ज्ञान हेतु प्रत्येक आयुर्वेद शिक्षण संस्थानों में संज्ञाहरण विषय का शिक्षण उतना ही आवश्यक है। उन्होने महामना के आदर्शों का और उनके दृष्टिकोण को संदर्भित करते हुए समन्वित चिकित्सा पद्धति पर प्रकाश डाला एवं आयुर्वेद संज्ञाहरण विभाग प्रत्येक शिक्षण संस्थान में नितान्त आवश्यक है पर जोर डाला। सम्मानित अतिथि निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान प्रो. बी. आर. मित्तल ने आयुर्वेद में संज्ञाहरण विभाग के सदस्यों द्वारा सतत किये जा रहे प्रमुखों की सराहना की। समारोह की अध्यक्षता करते हुए संकाय प्रमुख प्रो. के.एन. द्विवेदी ने आयुर्वेद शिक्षा नीति में संज्ञाहरण के पुनः समावेश कर उचित शिक्षण प्रशिक्षण पर प्रकाश डाला और नीति आयोग एवं आयुष अधिकारियों को इस पर पुनः विचार कर सहयोग की अपील की।
विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. डी.एन. पाण्डेय ने संज्ञाहरण विभाग की स्थापना को विस्तृत जानकारी देते हुए इस दिशा में सहयोग करने वाली सभी विद्वानों का आभार व्यक्त किया। विभागाध्यक्ष प्रो. के.के. पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संज्ञाहरण विभाग की गतिविधियों, सतत संज्ञाहरण सेवा, आपदा प्रबन्धन ( CCPR …..एवं पैलिएटिव केयर दिशा में विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों से संज्ञाहरण विषय में स्नातकोत्तर विषय की पुनः शुरू किये जाने की अपील की।
शैक्षणिक सत्र में संज्ञाहरण विभाग के पूर्व छात्र डॉ0 हरिओम सिंह में सेग्मेन्टल रीजनल संज्ञाहरण पर अपनी अभिव्यक्ति एवं विडियो द्वारा प्रदर्षित किया। विशिष्ट वक्ताओं में प्रो. किषार पटवर्धन, प्रो. मुरलीधर पालीवाल, प्रो. नम्रता जोषी, डॉ0 रष्मि गुप्ता, डॉ0 आर. के. जायसवाल, डॉ0 बी.एन. मौर्या ने संज्ञाहरण के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।
उद्घाटन सत्र में संकाय के षिक्षक/षोध छात्रा, विभागाध्यक्ष, संज्ञाहरण, एसोषिएषन के सदस्य-असम, हिमाचल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेष एवं डॉ0 सुषील दुबे, डॉ0 भास्कर, डॉ0 पी.के. भारती उपस्थित रहे।
संचालन डॉ0 आर. के. जायसवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 बी.एन. मौर्य ने किया।
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