वर्षों से एक अदद पुल की दरकार,कब होगा सपना साकार
नवाबगंज गोंडा। आज जहां पूरे भारत में जगह-जगह चौड़ी सड़कें,बड़े-बड़े पुल, बन रहे हैं। हर एक जिले में मेडिकल कॉलेज, तमाम विश्वविद्यालय बन रहे हैं वहीं तमाम गाँव ऐसे भी हैं जहां आज भी आधुनिक और विकसित भारत की परछाईं भी नहीं पंहुची हैं, इन गांवों में रहने वाले लोग आज भी बिना शासन-प्रशासन के सहयोग के अपनी दुश्वारियों से खुद ही लड़ रहे हैं । विकास खंड नवाबगंज के चौखडि़या गाँव का हाल कुछ ऐसा ही है। गांव के पाठक पुरवा और लगभग अन्य आधा दर्जन मजरों के बीच से होकर टेढ़ी नदी गुजरती है। इस नदी पर आज भी यहां के लोग स्वनिर्मित लकड़ी के पुल से जान हथेली पर लेकर आवागमन करने को मजबूर हैं। हर साल आने वाली बाढ़ में यह पुल बह जाता है लेकिन यहां के लोग 30 सालों से बाढ़ खत्म होते ही सामूहिक सहयोग से पुन: इस लकड़ी के पुल का निर्माण करते चले आ रहे हैं। रोजाना सैकड़ों बच्चे अपने नन्हें पैरों से इस लड़खड़ाते पुल को नापकर स्कूल जाते हैं तो वहीं चौखडि़या सहित तुलसीपुर, विश्नोहरपुर, रघुनाथ पुर, माझा, मंहगूपुर गाँवों के सैकड़ों लोग इसी पुल से गुजरते हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। अब इस पुल का दुष्कर आवागमन दो लोगों की प्राणाहूति भी ले चुका है। यह पुल कई गाँवों और मजरों के बीच संपर्क और खेती-किसानी के सम्पादन का एकमात्र साधन है। यह क्षेत्र कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह का निर्वाचन क्षेत्र होने के साथ ही उनके पैतृक गांव से सटा हुआ है। मौजूदा विधायक प्रेम नारायण पांडेय और एमएलसी अवधेश सिंह उर्फ मंजू का यह निर्वाचन क्षेत्र है।लेकिन आज भी इस क्षेत्र के लोगों को एक अदद पुल की दरकार है यह सपना साकार होता नहीं दिख रहा है।
गांव की बुजुर्ग महिला मजहा ने बताया कि अपनी शादी के बाद से ही वह और गाँव के लोग इसी लकड़ी के पुल से आ-जा रहे हैं। अनीता ने बताया कि वह रोज इसी पुल से जाकर पशुओं का चारा और अन्य काम करती है। विश्नोहरपुर निवासी रज्जू सिंह ने बताया कि हम सभी क्षेत्रीय लोग हर साल लगभग 40000 रुपये चंदा लगाकर खुद से इस लकड़ी के पुल का निर्माण कराते हैं अब तक दो लोगों की जान पुल पर आवागमन के चक्कर में जा चुकी है। गांव के ही पूर्व प्रधान पुत्र नरेंद्र पाठक ने कहा कि यह पुल विभिन गाँवों की लगभग 20000 की आबादी के लिए लाइफलाइन है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण लोग दुश्वारियां झेल रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने बताया कि शासन से स्वीकृति के लिए पुल का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।